क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ज़ाकिर नाइक को लेकर क़तर पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ मामले में कई मामले दर्ज हैं. अब ज़ाकिर नाइक मलेशिया के नागरिक हैं. क़तर बुलाए जाने पर कई भारतीय हैं नाराज़.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

भारत को क़तर में चल रहे वर्ल्ड कप फुटबॉल के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन विवादास्पद इस्लामी प्रचारक ज़ाकिर नाइक के वहाँ पहुँचने की ख़बरों से भारत में सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

हालाँकि क़तर ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है उसने नाइक को बुलाया है या नहीं, लेकिन सोशल मीडिया में उनके क़तर पहुँचने की चर्चा ख़ूब है.

कतर के सरकारी स्पोर्ट्स चैनल अलकास के प्रजेंटर अलहाजरी ने ट्वीट किया, ''शेख़ ज़ाकिर नाइक कतर में हैं और वो पूरे वर्ल्ड कप के दौरान कई धार्मिक लेक्चर देंगे. ''

कुछ और ट्वीट में भी ज़ाकिर नाइक के कतर पहुँच कर उनके लेक्चर की पुष्टि हुई है.

ज़ाकिर नाइक भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के मामले में अभियुक्त हैं, इसलिए उनके क़तर पहुँचने पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

कुछ लोगों का कहना है कि इससे भारत और क़तर के संबंध प्रभावित हो सकते हैं.

हालाँकि विदेश मंत्रालय ने अभी इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

लेकिन मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने चंडीगढ़ में ज़ाकिर नाइक के क़तर में होने से जुड़े सवाल पर सतर्क प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा, ''मुझे यक़ीन है कि भारत ने इस मामले को उठाया है और आगे भी निश्चित रूप से उठाएगा. ज़ाकिर नाइक मलयेशियाई नागरिक हैं और उन्होंने उन्हें बुलाया है.''

बीजेपी प्रवक्ता सावियो रोड्रिगेज़ ने तो भारत सरकार से तो वर्ल्ड कप के बहिष्कार की मांग की है.

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी के मुताबिक़ एक बयान में सावियो रोड्रिगेज़ ने कहा कि जब दुनिया आतंकवाद से संघर्ष कर रही है, उस समय ज़ाकिर नाइक को नफ़रत फैलाने का मौक़ा दिया जा रहा है.

भारत असहज क्यों?

https://twitter.com/Faisal_Alhajri0/status/1593964062408572928

https://twitter.com/Abdulla_Alamadi/status/1593986277715476480

सवाल ये है आख़िर ज़ाकिर नाइक के क़तर पहुँचने की ख़बरों को लेकर भारत असहज क्यों हो रहा है.

दरअसल ज़ाकिर नाइक पर भारत और बांग्लादेश में नफ़रत फैलाने और चरमपंथ को बढ़ावा देने के मामले दर्ज हैं.

ज़ाकिर नाइक बाद में मलयेशिया चले गए. अब वो वहाँ नागरिक के रूप में रह रहे हैं.

हालाँकि वहाँ भी हेट स्पीच, विध्वंसक कार्रवाई और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में नाइक के भाषण देने पर रोक लगा दी गई है.

जिस पीस टीवी नेटवर्क पर ज़ाकिर नाइक का भाषण प्रसारित होता है, उस पर भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और ब्रिटेन में रोक लगी हुई है.

कुछ भारतीयों में इसलिए भी रोष है कि जब इस साल पूर्व उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू दोहा पहुँचे थे, तो वहाँ की सरकार ने नूपुर शर्मा मामले में भारतीय राजदूत को तलब किया था.

नूपुर शर्मा पर पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है.

https://twitter.com/Hardism/status/1594201873401380864?s=20&t=Git2fKolgjDqz0OvTl0PWA

https://twitter.com/beingarun28/status/1594302207402586112?s=20&t=Git2fKolgjDqz0OvTl0PWA

https://twitter.com/DivyaSoti/status/1594723576384479239?s=20&t=Git2fKolgjDqz0OvTl0PWA

https://twitter.com/greatbong/status/1594875165732544512?s=20&t=Git2fKolgjDqz0OvTl0PWA

https://www.youtube.com/watch?v=ygyXK5dzzXY

नूपुर शर्मा मामले में क़तर ने क्या कहा था?

नूपुर शर्मा मामले पर अपनी नाराज़गी जताते हुए क़तर के विदेश मंत्रालय ने दोहा में मौजूद भारत के राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया था.

क़तर के विदेश मंत्री सुल्तान बिन साद अल-मुराइख़ी ने भारतीय राजदूत को इस बाबत क़तर की प्रतिक्रिया का ऑफ़िशियल नोट सौंपा था.

मंत्रालय ने अपने एक बयान में इसकी जानकारी दी थी. इसमें भारत की सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से की गई कार्रवाई का स्वागत किया गया था, जिसमें विवादास्पद बयान देने वाले नेताओं को निलंबित और निष्कासित करने की बात की गई थी.

साथ ही यह भी कहा गया था कि क़तर भारत सरकार की ओर से इस पर सार्वजनिक माफ़ी और इन टिप्पणियों की निंदा की उम्मीद करता है.

https://twitter.com/IndEmbDoha/status/1533446068972802049?s=20&t=2EK5YJ9VDYHWAtvNNMPv-w

इस साल मई में बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान विवादित टिप्पणी की थी.

उन पर आरोप लगा कि उन्होंने पैग़ंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और तब से उनके ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है.

बीजेपी ने नूपुर शर्मा और एक विवादित ट्वीट के कारण नवीन कुमार जिंदल पर कार्रवाई भी की.

लेकिन तब तक इस मामले ने तूल पकड़ लिया था. अरब देशों के अलावा भी कई देशों ने इस मुद्दे पर भारत से कार्रवाई की मांग की थी.

ज़ाकिर नाइक पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप

ज़ाकिर नाइक ने पीसी टीवी चैनल शुरू किया था, जिसका प्रसारण दुबई से होता था. अपने भाषणों में वह इस्लाम का प्रचार करते थे.

बाद में उन्होंने पीस टीवी ऊर्दू और बांग्ला भी शुरू किया था.

पिछले साल गृह मंत्रालय ने ज़ाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ़) पर लगे बैन को पाँच साल के लिए बढ़ा दिया था.

केंद्र सरकार ने आईआरएफ़ को यूएपीए के तहत 2016 में बैन कर दिया था.

आईआरएफ़ को बैन करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया गया था कि नाइक का ये संगठन ऐसी गतिविधियों में सक्रिय है, जो देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं. इससे देश की शांति और सांप्रदायिक एकता को नुक़सान पहुँच सकता है.

नोटिफेकेशन में ये भी कहा गया है कि वे देश और विदेश में मुस्लिम युवाओं को चरमपंथी गतिविधियों के लिए उकसा रहे हैं.

ज़ाकिर नाइक
BBC
ज़ाकिर नाइक

ज़ाकिर के विवादास्पद बयान

एंटी-टेरर ट्रिब्यूनल में भारत के सॉलिसीटर जनरल ने कहा था कि ज़ाकिर नाइक अपने भड़काऊ भाषणों और धार्मिक तकरीरों से भारत में अपने अनुयायियों तक पहुँच बनाने में लगे हैं.

इस नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि जाक़िर नाइक और उनके ट्रस्ट इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन ने खाड़ी के देशों से फंड इकट्ठा कर ट्रस्ट, एनजीओ और शेल कंपनियाँ बनाई हैं.

इन सभी का इस्तेमाल युवकों को ख़ास कर मुस्लिम समुदाय के युवकों को कट्टर बनाने में किया जा रहा है.

हालाँकि नाइक इन आरोपों को ख़ारिज करते रहे हैं. उनका कहना है कि उनके भाषणों को संदर्भ से काट कर पेश किया जाता है.

नाइक की तकरीरों और भाषणों पर तमाम मुस्लिम देशों की नज़र रही है.

उनके कई आलोचकों का कहना है कि उनके भाषणों में शियाओं और अहमदियों की निंदा की जाती है.

इस्लाम के सुन्नी मत को प्रमुखता देने वाले सऊदी अरब ने 2015 में ज़ाकिर नाइक को 'इस्लाम की सेवा' के लिए किंग फ़ैसल इंटरनेशनल पुरस्कार से नवाज़ा था.

जाक़िर नाइक के बयान विवादास्पद रहे हैं. वो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को ' व्हाइट कॉलर टेररिस्ट' कहते हैं.

ओसामा बिन लादेन को न तो वो चरमपंथी मानते हैं और न ही संत.

ओसामा बिन लादेन को न तो चरमपंथी और न संत बताने वाला ये बयान उन्होंने 'द वीक' के इंटरव्यू में दिया था.

उन्होंने कहा था,'' मैं उन्हें (ओसामा बिन लादेन) न तो आतंकवादी कहता हूँ और न संत. मैं नहीं जानता वो क्या हैं''

दरअसल उनसे 1998 में दिए गए एक भाषण के अंश पर सफाई मांगी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वो (ओसामा बिन लादेन) इस्लाम के दुश्मनों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, तो मैं उनके लिए यहाँ खड़ा हूं. अगर वो चरमपंथियों को आतंकित कर रहे हैं. अगर वो सबसे बड़े चरमपंथी अमेरिका को आतंकित कर रहे हैं तो मैं उनके साथ हूँ.

ओसामा बिन लादेन
Getty Images
ओसामा बिन लादेन

ज़ाकिर ख़ुद को शांतिदूत कहते हैं.

वो कहते हैं, ''मैं जो उपदेश देता हूँ उस पर चलकर अगर एक आदमी को भी मुक्ति मिल जाती है, तो मुझे बड़ी ख़ुशी होगी. ''

नाइक ने 'द वीक' को बताया था कि वह दक्षिण अफ्रीका के मुस्लिम विद्वान शेख़ अहमद दीदत से प्रेरित थे.

नाइक के पिता मनोचिकित्सक थे और भाई डॉक्टर. नाइक की माँ पोस्ट ग्रेजुएट थीं और चाहतीं थी कि वो हार्ट स्पेशलिस्ट बनें.

नाइक के मुताबिक़ वे चाहती थीं कि वे दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर क्रिश्चियन बर्नाड की तरह बनें, जिन्होंने दुनिया का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया था.

नाइक ने 'द वीक' के साथ बातचीत में कहा- दीदत से मिलने के बाद मैंने अपनी माँ से पूछा कि आप मुझसे क्या बनने की उम्मीद रखती हैं- दीदत या बर्नाड. उन्होंने कहा कि वो मुझे दोनों के तौर पर देखना चाहती हैं.

नाइक ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की और फिर 1990 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन शुरू किया.

मुंबई में पैदा हुए नाइक बचपन में हकलाते थे. लेकिन अब वे धाराप्रवाह बोलते हैं.

ज़ाकिर नाइक
Getty Images
ज़ाकिर नाइक

ज़ाकिर के ख़िलाफ़ सख़्ती का दौर

'दवाह' की गतिविधियों की वजह से 1990 के दशक में ही नाइक चर्चित होने लगे थे.

लेकिन साल 2000 आते-आते उनके भाषणों ने लोगों का ध्यान खींचना शुरू किया. ख़ास कर पीस टीवी के ज़रिए इस्लाम के पक्ष में की गई उनकी तकरीरों पर बहस होने लगी.

उन पर इस्लाम को दूसरे धर्मों से श्रेष्ठ बताने और दूसरे धर्मों को नीचा दिखाने के आरोप लगे. फिर उनके भाषणों को कट्टरता फैलाने वाला बताया गया.

नाइक की ज़िंदगी में बड़ी मुसीबत का दौर तब शुरू हुआ, जब 2016 में बांग्लादेश में चरमपंथियों के एक हमले में 29 लोगों की मौत हो गई.

जाँचकर्ताओं के मुताबिक़ गिरफ्तार चरमपंथियों में से एक ने बताया था कि वो ज़ाकिर के भाषणों से प्रभावित था.

इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जाँच की. शुरुआती जाँच के बाद ज़ाकिर नाइक के संगठन आईआरएफ पर बैन लगा दिया गया.

इसके बाद नाइक भारत छोड़ मलेशिया चले गए. भारत सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया.

इसके बाद 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे विस्फोट में 250 लोगों की मौत के बाद भी ज़ाकिर पर आरोप लगे.

कहा गया कि हमलावरों ने ज़ाकिर नाइक की तकरीरों से प्रेरणा ली थी. इस घटना के बाद श्रीलंका में भी उनके चैनल को बंद कर दिया गया.

ज़ाकिर अब मलयेशिया के स्थायी नागरिक हैं. लेकिन वहाँ भी उन्हें भाषण देने की इजाज़त नहीं है.

ज़ाकिर नाइक
Getty Images
ज़ाकिर नाइक

भारत क्या करे?

अब जबकि भारत में ज़ाकिर नाइक को क़तर बुलाए जाने की ख़बरों पर विवाद हो रहा है तो दोनों देशों के रिश्तों को समझने वालों का कहना है कि भारत को इस पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए.

क़तर में भारत के राजदूत रहे के पी फ़ेबियन ने कहा कि ये 'नाज़ुक मसला' है. दोनों देशों के रिश्तों को देखते हुए भारत के लिए इस पर संयम दिखाना ज़रूरी है.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ''भारत और क़तर के रिश्तों को ध्यान में रखना चाहिए. भारत के आठ लाख लोग यहाँ रहते हैं. हमें वहाँ से एलएनजी मिलती है. हमारी कई कंपनियाँ वहाँ अपना कारोबार कर रही हैं. इन चीज़ों को ध्यान में रखते हुए हमें इस मुद्दे को ज़्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए. ''

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
questions being raised on Qatar regarding Zakir Naik?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X