लोकसभा चुनाव 2019: मावल लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की मावल लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शिवसेना के अप्पा अलियास श्रीरंग चंदू बारने हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर पीजेन्ट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रत्याशी जगताप लक्ष्मणभाऊ पांडुरंग को 157, 397 वोटों से पराजित किया था। श्रीरंग चंदू बारने को 512,226 मत हासिल हुए थे तो वहीं PWPI के नेता जगताप लक्ष्मणभाऊ पांडुरंग को 354, 829 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर PWPI, नंबर 3 पर NCP और नंबर 4 पर आप थी, उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 19,53,741 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 10,35,960 और महिलाओं की संख्या 9,17,781 थी, लेकिन इनमें से मात्र 11,74,335 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया, जिनमें पुरुषों की संख्या 6,47,176 और महिलाओं की 5,27,159 थी। आपको बता दें कि साल 2014 का चुनाव भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर लड़ा था।
मावल लोकसभा सीट का इतिहास
साल 2008 के परिसीमन में मावल लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। छत्रपति शिवाजी के 'मावले लड़ाकों' के नाम पर बनी इस सीट का मिजाज दरअसल दो अलग अलग हिस्सों का है., कोंकण क्षेत्र में समुद्र से सटे रायगड़ जिले की पनवेल, कर्जत और उरण के साथ पुणे जिले की मावल, चिंचवड़ और पिंपरी सीटों को मिलाकर इस सीट का निर्माण हुआ है, मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा इसमें औद्योगिक शहरी क्षेत्र भी मिले हुए हैं, वैसे मावल, पुणे जिले की एक तहसील है, यहां की जनसंख्या 30 लाख 20 हजार 295 है, जिसमें से 27 प्रतिशत लोग गांवो में और 72 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, जबकि यहां पर 11 प्रतिशत लोग SC और 6 प्रतिशत लोग ST वर्ग के हैं।
मावल लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं। इस सीट पर साल 2009 में पहला आम चुनाव हुआ था, तब यहां के विजेता शिवसेना के गजानन बाबर को 364, 857 वोट मिले थे , जबकि नंबर 2 पर रहे NCP के आजम पंसारी को 284,238 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, साल 2014 में भी यह सीट शिवसेना के ही पास रही और श्रीरंग चंदू बारने यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे। श्रीरंग चंदू बारने को संसद रत्न अवार्ड से नवाजा जा चुका है, वो लोकसभा में 2015, 2016, 2017 और 2018 के टॉप परफार्मर एमपी रह चुके हैं। बारने इससे पहले पिंपरी-चिंचवड नगर निगम में पार्षद के पद को भी सुशोभित कर चुके हैं।
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान बारने की लोकसभा में उपस्थिति 94 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 281 डिबेट में हिस्सा लिया है और 1023 प्रश्न पूछे हैं। दो बार से मावल सीट पर शिवसेना का कब्जा है, ऐसे में जहां इस बार के चुनाव में शिवसेना के ऊपर इस सीट को अपने पास बचाकर रखने का दवाब है वहीं दूसरी ओर विरोधी पार्टियां इस सीट को जीतने की हर संभव कोशिश करेंगी, मावल में शिवसेना और उनके सहयोगियों ने साल 2014 में वोट यहां का कायाकल्प करने के नाम पर मांगा था, ऐसे में वो अपने वादे पर कितने खरे उतरे हैं, इसका पता तो चुनावी नतीजे देंगे, फिलहाल हार-जीत के इस खेल में जीत उसी की होगी जिसे जनता का साथ मिलेगा, देखते हैं इस बार यहां कि जनता किसे सिंकदर बनाती है।
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