लोकसभा चुनाव 2019- मछलीशहर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के राम चरित्र निषाद सांसद है, जिन्होंने साल 2014 में यहां बसपा नेता भोलानाथ को 172155 वोटों से हराकर जीत अपने नाम की थी। जौनपुर से 20 किलोमीटर दूर बसा मछलीशहर एक प्राचिन शहर है, यहां की औसत साक्षरता दर 60.13% है जिनमें पुरुषों की साक्षरता दर 70.92% और महिलाओं की साक्षरता दर 49.75% है, यहां की कुल आबादी का 22.65% लोग अनुसूचित जाति और 0.08% लोग अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते है।
मछलीशहर लोकसभा सीट परिचय- प्रमुख बातें
मछलीशहर संसदीय सीट में यूपी की पांच विधानसभा सीटें आती है, जिनके नाम हैं । मछलीशहर, केराकत,पिंडरा,मरियाहू और जाफराबाद, जिसमें से मछलीशहर और केराकत की विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 1962 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, इसमें कांग्रेस के गणपत राम ने जीत दर्ज की और वो मछलीशहर के पहले सांसद बने थे, पहले चुनाव के दौरान यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी लेकिन 1967 में परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई। 1962 से 1971 तक हुए आमचुनावों में कांग्रेस ने लगातार यहां तीन बार जीत दर्ज की थी। 1977 में भारतीय लोकदल के राजकेसर सिंह ने जीत दर्ज करके कांग्रेस का विजय रथ रोका था, 1980 के चुनावों में जनता पार्टी(सेक्युलर) ने यहां जीत पाई तो वहीं 1984 में कांग्रेस ने वापसी की और श्रीपति मिश्र यहाँ के सांसद निर्वाचित हुए। 1989 और 1991 में शिव शरण शर्मा ने जनता दल को लगातार दो बार जीत दिलाई, 1996 में राम विलास वेदांती और 1998 में चिन्मयानन्द भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर यहां से लोकसभा पहुंचे।
1999 में चन्द्र नाथ सिंह ने भाजपा के रामविलास वेदांती को हराकर मछलीशहर में समाजवादी पार्टी को पहली बार जीत दिलाई थी। 2004 में उमाकांत यादव ने सपा के चन्द्रनाथ सिंह को हराकर मछलीशहर में बहुजन समाज पार्टी के जीत का इंतज़ार ख़त्म किया। 2009 में यह सीट फिर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई, तब समाजवादी पार्टी के तूफानी सरोज ने बसपा से 2004 में मिली हार का बदला ले लिया लेकिन साल 2014 में यहां से भारतीय जनता पार्टी के राम चरित्र निषाद सांसद चुने गए।
रामचरित्र निषाद का लोकसभा में प्रदर्शन-
गौरतलब है कि पहली बार लोकसभा में निर्वाचित हुए रामचरित्र निषाद सोलहवीं लोकसभा में परिवहन, संस्कृति और पर्यटन सम्बन्धी मामलों की स्थाई समिति के सदस्य भी हैं। पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 97 प्रतिशत रही है और इन्होंने 22 डिबेट में हिस्सा लिया है और 545 प्रश्न पूछे हैं, साल 2014 में यहां पर 1891969 मतदाताओं ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 54 प्रतिशत और महिला मतदाताओं की संख्या 45 प्रतिशत थी। इस सीट पर नंबर 2 पर बसपा, नंबर 3 पर सपा और नंबर 4 पर कांग्रेस थी। मछलीशहर एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका है, यहां की 55 प्रतिशत आबादी मुस्लिम और 44 प्रतिशत हिंदुओं की है।
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की वापसी काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करेगी कि यहां निषाद ने कितना विकास कार्य किया है, वहीं दूसरी ओर विरोधी दल भी यहां जीतने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे लेकिन इस खेल में बाजी उसी के हाथ लगेगी जिसे जनता का प्यार और साथ मिलेगा, अब जनता का मू़ड क्या है, ये तो लोकसभा के चुनावी परिणाम ही बताएंगे।