नरेन्द्र मोदी हेडमास्टर नहीं, टीम के सबसे अच्छे स्टूडेंट: पीयूष
नई
दिल्ली।
केंद्रीय
ऊर्जा
राज्यमंत्री
पीयूष
गोयल
ने
कहा
कि
मोदी
सरकार
में
अगर
कोई
सबसे
अच्छा
स्टूडेंट
है
तो
वह
खुद
नरेंद्र
मोदी
हैं।
उन्हें
हेडमास्टर
या
प्रिंसिपल
पुकारना
गलत
होगा।
मोदी
सबकी
बात
बड़े
धैर्य
से
सुनते
हैं,
फिर
बोलते
हैं
और
जब
बोलते
हैं
तो
उनके
शब्दों
में
अनुभव
और
बुद्धिमत्ता
का
खजाना
होता
है।
गोयल
ने
यह
बात
एक
समाचार
चैनल
के
कार्यक्रम
'सीधी
बात'
में
राहुल
कंवल
के
साथ
बातचीत
में
कही।
कंवल का सवाल था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी किसी प्रिंसिपल या हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं कि सारे मंत्री सहमे हुए हैं? इस जिज्ञासा पर कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपनी ही पार्टी से नाराज हैं और उन्हें शक है कि पार्टी का ही कोई शख्स उनके खिलाफ अफवाहें फैला रहा है, गोयल ने कहा, "ये तमाम बातें मीडिया की गढ़ी हुई हैं।
न राजनाथ सिंह को किसी पर शक है और न ही उन्होंने किसी पर आरोप लगाया है। राजनाथ उस टीम के कप्तान हैं जो मोदी को सत्ता में लाई। वह एक बड़े दिल के नेता हैं। उनको लेकर जो बातें हुईं वे सब बेबुनियाद हैं। सच तो यह है कि इस वक्त पार्टी का हर नेता देश की सेवा में लगा हुआ है।इस सवाल पर कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उन पर भेदभाव का आरोप लगाया है, पीयूष गोयल ने कहा, "हमारे ऊपर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भेदभाव का आरोप क्या लगाएंगे। उनके साथ जनता ने ही भेदभाव कर दिया है। लोकसभा चुनाव में वहां की 48 में से 42 सीटें जनता ने हमें दी हैं। वैसे हम किसी भी हाल में भेदभाव करने पर यकीन नहीं रखते।
125
करोड़
जनता
की
सेवा
के
लिए
है
मोदी
उन्होंने
कहा,
"मोदी
लगातार
यह
कहते
आए
हैं
कि
वह
देश
की
125
करोड़
जनता
की
सेवा
के
लिए
हैं।
वैसे
अब
तक
मैं
कई
मुख्यमंत्रियों
से
मिल
चुका
हूं।
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
से
भी
मुलाकात
हुई।
उन्होंने
केंद्र
से
मदद
मांगी
है।
सच
तो
यह
है
कि
राज्यों
के
अंदरूनी
मामलों
में
हम
हस्तक्षेप
नहीं
कर
सकते।
हम
उनको
सहयोग
दे
सकते
हैं।"
जल्द ही देश को मिलेगा 24 घंटे बिजली
ऐसे हालात कब होंगे जब पूरे देश में हर शख्स तक 24 घंटे बिजली पहुंचेगी? इस सवाल के जवाब में ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि देश में कई राज्य ऐसे हैं जहां 24 घंटे बिजली रहती है। गुजरात और मध्य प्रदेश में 24 घंटे बिजली है। तेलंगाना में बिजली की पूरी सप्लाई में शायद एक या दो फीसदी की कमी है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहली मुख्यमंत्री थीं जो मुझसे मिलीं। पिछली सरकार की कोताही की वजह से राजस्थान को पावर के क्षेत्र में 55 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा, "मैं खुद जयपुर गया। छह घंटे बिजली के मसले पर वसुंधरा राजे के साथ बैठक हुई। इसके बाद अधिकारियों की बैठक चल रही है। राजस्थान में जल्द ही हालात सुधरेंगे। सच तो ये है कि कोई राज्य खुद आगे नहीं आएगा तो हम बेवजह उस राज्य के मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकते। लेकिन कोई राज्य एक कदम आगे बढ़ाएगा तो मैं तीन कदम आगे बढ़ूंगा। वैसे बिजली के हालात ज्यादातर गैर भाजपा शासित राज्यों में खराब हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बिजली की कमी है और इसके लिए वहां की सरकारें जिम्मेदार हैं।"
मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हो गए, लेकिन बिजली आपूर्ति के मामले में कोई सुधार नहीं हुआ है। हालात ऐसे बन सकते हैं, जैसे सुशील कुमार शिंदे के दौर में एक बार पूरे देश में पावर कट का संकट आ गया था? इस सवाल के जवाब में गोयल ने कहा, "पिछले तीन महीनों में रोज पावर कट हो सकता था, लेकिन हमने कोयले से बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी की। इसमें करीब 21.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे काफी हद बिजली, खपत की भरपाई हो पाई।
लेकिन ऐसा क्यों हैं कि कोल इंडिया के पास 56 हजार करोड़ रुपये रिजर्व में होने के बावजूद 56 हजार करोड़ रुपये का आयात बाहरी देशों से करना पड़ता है? इसके जवाब में पीयूष गोयल ने कहा, "ये पैसे इसलिए रिजर्व में रखे गए, क्योंकि पिछली सरकार का इरादा विदेशों में कोयला खदान खरीदने का था। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि पिछले चार साल में बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी सिर्फ डेढ़ से दो फीसदी हुई है और उसकी तुलना में मांग में 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नई खदानों के लिए पर्यावरण मंत्रालय से पिछली सरकार में मंजूरी नहीं दी गई है। नई खदानों को लेकर भ्रष्टाचार भी बहुत फैला। इन मसलों की जांच कराई जा रही है।"
इस सवाल पर कि इससे क्या निवेशक असुरक्षा महसूस नहीं करेंगे कि हर सरकार उनको यूं ही हटाती रहेगी, गोयल ने कहा, "निवेशक ईमानदारी से निवेश करेंगे तो उनको भी नुकसान नहीं होगा। देश में ईमानदारी का ये मसला तो कभी न कभी उठना ही था। हम इन तमाम कार्यवाहियों और गतिविधियों में पारदर्शिता लाएंगे और बेहद ईमानदारी के साथ निवेशकों को कोयला खदान आवंटित किए जाएंगे।"
ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा, "किसानों की बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए हमारी सरकार दीन दयाल उपाध्याय ज्योति योजना के तहत किसानों को बिजली सप्लाई के लिए अलग फीडर बनाएगी, ताकि उनको 24 घंटे बिजली मिल सके और खेती-बाड़ी के काम में उन्हें रुकावट का सामना न करना पड़े। इस सवाल पर कि देश में बिजली संकट की बहुत बड़ी वजह बिजली चोरी है और इसको रोकने के लिए वह क्या करेंगे? मंत्री ने कहा, "इसके लिए हम देशभर में 40-42 हजार करोड़ रुपये खर्च करके स्मार्ट मीटर का जाल बिछाएंगे, ताकि बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सके। वैसे बिजली चोरी रोकने के लिए जनता को भी आगे आना पड़ेगा।"