सीटों के चयन पर लगा चार्ज, आलोचना के बाद सरकार बोली- एयरलाइंस के फैसले की होगी समीक्षा
नई दिल्ली। उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि एयरलाइन्स की ओर से शुरू की गई वेब चेक इन की सुविधा और उसके लिए यात्रियों पर लगाए जा रहे चार्ज की समीक्षा की जाएगी। उड्डयन मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा है हम एयरलाइंस की ओर से इस तरह के चार्ज लगाने की समीक्षा कर रहे हैं। सभी एयरलाइंस अनबंडल्ड प्राइसिंह फ्रेमवर्ग में आती हैं। बता दें कि उड्डयन मंत्रालय का यह ट्वीट उस विवाद के बाद आया जब इंडिगो ने यात्री को बिना जानकारी दिए ही चार्ज लगा दिया था।
नो-फ्रिल एयरलाइन इंडिगो, जिसकी घरेलू बाजार हिस्सेदारी 43 फीसदी है, 14 नवंबर से वेब चेक-इन के लिए शुल्क ले रही है। इंडिगो के इस कदम के बारे में सोशल मीडिया पर सवाल किए जाने लगे जिसके बाद मंत्रालय ने कहा है कि वो इस निर्णय की समीक्षा करेगा। इंडिगो की ओर से यात्रियों पर चार्ज लगाए जाने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया तो इंडिगो ने 25 नवंबर को ट्वीट किया और इसमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग पॉलिसी में बदलाव होने की जानकारी दी। लोगों ने कहा कि इंडिगो सबसे सस्ती घरेलू उड़ान होने का दावा करती है तो वेब चेक-इन पर शुल्क लेकर यात्रियों से ज्यादा पैसे क्यों वसूल रही है।
रविवार
को
किया
इस
नई
पॉलिसी
का
ऐलान
इंडिगो
ने
रविवार
को
ही
ऐलान
करते
हुए
अपनी
इस
नई
पॉलिसी
के
बारे
में
बताया।
इंडिगो
ने
कहा
कि
सीटों
की
स्थिति
के
हिसाब
से
वेब-चेक
के
चार्ज
लगेंगे।
पहली
कतार
की
सीट
के
लिए
800
रुपए
अतिरिक्त
देने
होंगे।
वहीं
इमरजेंसी
गेट
के
पीछे
वाली
12वीं
पंक्ति
की
सीट
के
लिए
600
रुपए
अतिरिक्त
देने
होंगे।
वहीं
आखिरी
लाइन
की
बीच
वाली
सीट
चुनने
के
लिए
यात्री
को
100
रुपए
एक्सट्रा
देने
होंगे।
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