शीला ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ मनमोहन का रुख पीएम मोदी जैसा कड़ा नहीं था, फिर दी सफाई
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की मुश्किल थोड़ी बढ़ गई है। पार्टी की सीनियर लीडर और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में स्वीकार किया कि आतंकवाद के खिलाफ मनमोहन का रुख पीएम मोदी जितना कड़ा नहीं था। न्यूज 18 से बातचीत में शीला दीक्षित ने कहा कि मनमोहन सिंह आतंकवाद से निपटने में उतने सख्त नहीं थे जितना कि पीएम मोदी। हालांकि, शीला दीक्षित ने यह भी कहा कि मोदी द्वारा की गई कार्रवाई राजनीतिक लाभ के लिए अधिक थी। बाद में उन्होंने अपने बयान को लेकर सफाई भी दी है।
वहीं बाद में शीला दीक्षित ने सफाई देते हुए कहा कि इसका अलग मतलब निकाला जाए तो मैं कुछ नहीं कह सकती। इंटरव्यू में जब 26/11 के मुंबई हमले के बाद यूपीए सरकार के रुख के बारे में पूछा गया, तो शीला दीक्षित ने कहा, 'यह मानना होगा कि मनमोहन सिंह आतंकवाद से निपटने में उतने मजबूत नहीं थे, जितना कि वर्तमान प्रधानमंत्री। " उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने नवंबर 2008 के अंत में मुंबई पर आतंकवादी हमलों के लिए एक सैन्य प्रतिक्रिया के खिलाफ फैसला किया था। आपको बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में ताज होटल और अन्य स्थानों पर आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी में 150 से अधिक लोग मारे गए थे।
भले ही शीला दीक्षित ने मनमोहन सिंह को लेकर अपने बयान पर सफाई दे दी हो लेकिन विपक्षी दलों को पलटवार का मौका जरूर मिल गया। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, "हम तो पहले से ही कह रहे थे कि इस बार कांग्रेस, मोदी जी को दोबारा पीएम बनाने पर काम कर रही है..."
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट करके शीला दीक्षित के बयान पर उन्हें शुक्रिया कहा है। अमित शाह ने लिखा, शुक्रिया @SheilaDikshit जी, जो पहले से ही देश जानता है उसे दोहराने के लिए लेकिन कांग्रेस पार्टी कभी भी मानने को तैयार नहीं है।
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