Census 2021: उलटी गिनती शुरू, जनगणना इतिहास में पहली बार यह होने जा रहा है?
बेंगलुरू। वर्ष 2021 में होने वाले जनगणना की तैयारियां हो चुकी है और एक मई से शुरू होने जा रही 2021 जनगणना के तहत सबसे पहले जनगणना अधिकारी गृह सूचीकरण से आरंभ करेंगे। इससे पहले वर्ष 2011 में हुए जनगणना और 2021 में होने जा रहे जनगणना में बड़ा अंतर आया है।
2021 जनगणना के लिए लोगों के डेटा एकत्र करने के लिए सरकार ने जनगणना कर्मियों के हाथों में कागज- कलम की जगह इलेक्ट्रानिक उपकरण थमा दिए हैं। इस बार जनगणना के लिए जब जनगणना कर्मी पहुंचेंगे तो उनके सवाल क्या होंगे, यह सभी के दिमाग में अभी से कौंधने लगे हैं।
हालांकि जनगणना में पूछे जाने वाले सवालों के संबंध में कुछ भ्रांतियां फैलने सकती है। मसलन जनगणना कर्मी को मोबाइल नंबर देने पर उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है और जनगणना के दौरान मुखिया का बैंक अकाउंट नंबर भी मांगा जाएगा। यह सच है कि जनगणना के लिए प्रत्येक घर में पहुंचने वाले जनगणना कर्मी लोगों से बैंक अकाउंट के बारे में जरूर पूछेंगे, लेकिन वो अकाउंट नंबर नहीं पूछेंगे।
संभव है कि जनगणना कर्मी पूछे सकते हैं कि किन-किन लोगों का बैंक में अकाउंट है और कितनों के पास पैन कार्ड है, लेकिन कर्मियों को परिवार से बैंक अकाउंट नंबर और उसके डीटेल्स पूछने का निर्देश नहीं दिया गया है। घर में टॉयलेट है या नहीं। घर में खाना बनाने के लिए किस साधन का प्रयोग होता है इसे भी सवालों की सूची में शामिल किया गया है।
हालांकि 2021 जनगणना में कई तरह के तथ्य ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार शामिल किया जा रहा है। इनमें सर्वप्रमुख इंटरेनट है, जिसको यूज करने वालों की संख्या देश में तेजी से बढ़ी है। इस बार लोगों से यह भी पूछा जाएगा कि वह इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं या नहीं। यह सवाल सिर्फ घर के मुखिया से ही नहीं, बल्कि सभी सदस्यों से किया जाएगा।
जारी अधिसूचना के मुताबिक जनगणना कर्मी हर परिवार से जनगणना के लिए 26 और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर अपग्रेड करने के लिए 10 सवाल पूछेंगे। वर्ष 2011 की जनगणना तक इंटरनेट का इस्तेमाल आम लोगों की पहुंच तक नहीं था, लेकिन मौजूदा दौर में अब इंटरनेट बड़ी तादात में लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।
गौरतलब है 2021 में होने जा रही जनगणना में पहली बार इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सरकार को जनगणना प्रक्रिया के दौरान परिवारों से लिए गए डेटा को सुरक्षित और संरक्षित रखने में अधिक मदद मिलेगी। सरकार की ओर से इस बार जनगणना कर्मियों को जनगणना के लिए कुल 31 सवाल थमाए गए हैं।
इनमें परिवार के मुखिया का मोबाइल नंबर, शौचालयों से संबंधित जानकारी, टीवी, इंटरनेट, वाहन, पेयजल का स्त्रोत से संबंधित सवाल प्रमुख होंगे। इसी कवायद के साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम भी चलता रहेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसे सितंबर, 2020 तक तैयार करने का फैसला किया है।
एक मई से 30 सितंबर तक चलने वाली जनगणना की कवायद के दौरान जनगणना कर्मियों को कुल 31 प्रश्नों को गुच्छा सौंपा गया, जिसे जनगणना के समय हर परिवार पूछने के निर्देश दिए गए हैं। महापंजीयक और जनगणना आयुक्त की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि मोबाइल नंबर सिर्फ जनगणना के मकसद से ही पूछा जाएगा और उसका इस्तेमाल किसी और प्रयोजन के लिए नहीं किया जाएगा।
गौर करने वाली बात यह है कि मोबाइल फोन एप्लीकेशन के जरिए होने वाले आधुनिक जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च, 2021 होगी, लेकिन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह तिथि एक अक्टूबर, 2020 होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2021 जनगणना में पहली बार देश में ओबीसी आकंड़े एकत्र किए जाएंगे।
अधिसूचना में जनगणना के बारे में फैलाए गए कुछ भ्रांतियों को साफ करते हुए कहा गया है कि जनगणना के दौरान जनगणना कर्मी द्वारा परिवार के किसी सदस्य के बैंक खातों की जानकारी नहीं ली जाएगी। अधिसूचना में लोगों से अपील की गई है कि घर पहुंचने वाले जनगणना कर्मियों को पूछे गए सभी सवालों का सही जवाब प्रदान जरूर कराएं।
जनगणना के दौरान देश में चलाई गई प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के संबंध में जानकारियां जुटाई जाएंगी। घर में टीवी, फ्रिज, टेलीफोन, गैस सिलेंडर, कार, मोटर साइकिल या अन्य जानकारियां भी जनगणना कर्मी जुटाएंगे, जिसमें घर के हर व्यक्ति की आर्थिक स्टेटस भी शामिल है।
फिलहाल, सरकार ने सेंसस में पूछे जाने वाले सवालों को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सेंसस ऐक्ट की धारा 8 की उपधारा 1 के तहत होने जा रही जनगणना के लिए सरकार ने सभी सेंसस दफ्तरों को सवालों की लिस्ट सौंप दी गईं है। इन सवालों में घर के मालिक का नाम, हाउस नंबर और मकान की स्थिति सहित कई सवाल शामिल हैं।
उल्लेखनीय है भारत में वर्ष 1872 से हो रही जनगणना का सिलसिला जारी है। जनगणना का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त का दफ़्तर करता है। चूंकि देश के लिए अपने आगामी नीतिगत निर्णयों में केंद्र सरकार 2021 की जनगणना को आधार बनाएगी, खासकर कौशल विकास और रोजगार की दृष्टि से, इसलिए गणना में नए विकल्पों की भी जानकारी जुटाना लाजिमी है।
जनगणना 2021के लिए 33 लाख से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। डिजीटल इंडिया की इस जनगणना में पिछले 150 वर्षों की परंपरा टूटने जा रही है, क्योंकि आंकड़े जुटाने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग होने जा रहा है और इसके उपयोग के लिए कर्मचारियों को अलग से मोबाइल भत्ता भी दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की मंजूरी दी। जनगणना प्रक्रिया पर 8754.23 करोड़ रुपए और एनपीआर के अपडेट पर 3941.35 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। देश की पूरी आबादी जनगणना प्रक्रिया के दायरे में आएगी जबकि एनपीआर के अपडेट में असम को छोड़कर देश की बाकी आबादी को शामिल किया जाएगा।
2021 में होने वाली जनसंख्या गणना का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण के तहत अप्रैल-सितंबर 2020 तक प्रत्येक घर और उसमें रहने वाले व्यक्तियों की सूची बनाई जाएगी। दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 तक पूरी जनसंख्या की गणना का काम होगा।
आइए जानते हैं कि वो 31 सवाल कौन हैं, जो जनगणना कर्मी जनगणना प्रक्रिया के दौरान आपसे पूछेंगे और क्या नहीं पूछेंगे ताकि आप भ्रांतियों से दूर रह सके। इन सवालों को संभलकर रखना भी आवश्यक है, क्योंकि यह जनगणना के समय बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।
1.
बिल्डिंग
नंबर
(म्यूनिसिपल
या
स्थानीय
अथॉरिटी
नंबर)
2.
सेंसस
हाउस
नंबर
3.
मकान
की
छत,
दीवार
और
सीलिंग
में
मुख्य
रूप
से
इस्तेमाल
हुआ
मटीरियल
4.
मकान
का
इस्तेमाल
किस
उद्देश्य
से
हो
रहा
है
5.
मकान
की
स्थिति
6.
मकान
का
नंबर
7.
घर
में
रहने
वाले
लोगों
की
संख्या
8.
घर
के
मुखिया
का
नाम
9.
मुखिया
का
लिंग
10.
क्या
घर
के
मुखिया
अनुसूचित
जाति/जनजाति
या
अन्य
समुदाय
से
ताल्लुक
रखते
हैं
11.
मकान
का
ओनरशिप
स्टेटस
12.
मकान
में
मौजूद
कमरे
13.
घर
में
कितने
शादीशुदा
जोड़े
रहते
हैं
14.
पीने
के
पानी
का
मुख्य
स्रोत
15.
घर
में
पानी
के
स्रोत
की
उपलब्धता
16.
बिजली
का
मुख्य
स्रोत
17.
शौचालय
है
या
नहीं
18.
किस
प्रकार
के
शौचालय
हैं
19.
ड्रेनेज
सिस्टम
20.
वॉशरूम
है
या
नहीं
21.
रसोई
घर
है
या
नहीं,
इसमें
एलपीजी/पीएनजी
कनेक्शन
है
या
नहीं
22.
रसोई
के
लिए
इस्तेमाल
होने
वाला
ईंधन
23.
रेडियो/ट्रांजिस्टर
24.
टेलीविजन
25.
इंटरनेट
की
सुविधा
है
या
नहीं
26.
लैपटॉप/कंप्यूटर
है
या
नहीं
27.
टेलिफोन/मोबाइल
फोन/स्मार्टफोन
28.
साइकिल/स्कूटर/मोटरसाइकल/मोपेड
29.
कार/जीप/वैन
30.
घर
में
किस
अनाज
का
मुख्य
रूप
से
उपभोग
होता
है
31.
मोबाइल
नंबर
(जनगणना
संबंधित
संपर्क
करने
के
लिए)
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2021 में पहली बार एकत्र किए जाएंगे देश में ओबीसी आकंड़े
साल 2021 की जनगणना में आजाद भारत में पहली बार अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। देश में 1931 की जनगणना में आखिरी बार एकत्रित किए गए जातिगत आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर तत्त्कालीन वीपी सिंह सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। 2021 की जनगणना के लिए तैयारियों की समीक्षा के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 जनगणना में ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का खुलासा किया गया था। गृह मंत्रालय के मुताबिक पहली बार ओबीसी से संबंधित आंकड़े भी इकट्ठा करने का विचार किया गया है।
150 वर्षों बाद पहली बार मोबाइल एप के जरिए होगी जनगणना
देश में पहली बार जनगणना के लिए पांरपरिक कागज और कलम के बजाय मोबाइल ऐप के जरिए किया जाएगा। मोबाइल एप जरिए जनगणना कवायद में बड़ी क्रांति आएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखने के दौरान ही कहा था कि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 2021 की जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी। गृहमंत्री के मुताबिक राष्ट्रव्यापी जनगणना 16 भाषाओं में की जाएगी, जिसपर 12,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
2021 जनगणना में भी नहीं गिनी जाएंगी जातियां
2021 जनगणना में भी जातियों का गिनती को नहीं शामिल किया गया है। 2011 की जनगणना में भी इसका प्रावधान नहीं था, लेकिन राजनीतिक विरोध के बीच तत्कालीन यूपीए सरकार को इसके लिए सहमत होना पड़ा था, लेकिन बाद में जनगणना होने के बाद भी उन आंकड़ों को जारी नहीं किया गया। सरकार का तर्क था कि इसमें लाखों गड़बड़ियों की शिकायतें मिलीं जिस कारण इस डेटा को पब्लिक नहीं किया गया। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में 46 लाख से अधिक जातियां और उपजातियां पाई गई थीं। हालांकि बाद में इसे लेकर राजनीति विवाद भी हुए। उस प्रकरण से सीख लेने के बाद इस बार जातियों की गणना को शामिल नहीं किया गया है।
16वीं जनगणना में 16 भाषाओं में की जाएगी जनगणना का काम
जनगणना 2021 का संचालन 16 भाषाओँ में किया जाएगा। जनगणना दो चरणों में की जायेगी। पहले चरण अप्रैल, 2020 से सितम्बर 2020 के बीच किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण का आयोजन 9 फरवरी, 2021 से 28 फरवरी, 2021 के दौरान किया जायेगा।इस जनगणना में 31 लाख से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी हिस्सा लेंगे, इस दौरान डाटा कलेक्शन एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफ़ोन्स के द्वारा एकत्रित किया जाएगा। जनगणना से सम्बंधित डाटा 2024-25 तक उपलब्ध हो जाएगा।
2021 जनगणना में पहली बार एनपीआर तैयार किया जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि 2021 की जनगणना में पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) तैयार किया जाएगा। यह कानून एवं व्यवस्था, लैंगिक समानता जैसे कई मुद्दों को हल करने में मदद करेगा। वर्ष 2010 में एनपीआर तैयार किया गया और इसे अपडेट करने का काम साल 2015 में घर-घर जाकर सर्वे के ज़रिए किया गया। अब इसे एक बार फिर से अपडेट करने का काम 2020 में अप्रैल महीने से सितंबर तक 2021 की जनगणना में हाउसलिस्टिंग फेज के साथ चलेगा।