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Dutee Chand : कभी पेट भरने के लिए नंगे पैर दौड़ने वाली दुती चंद रही है विवादों में

दुती चंद को साल 2019 में प्रतिष्ठित टाइम मैग्जीन की 100 उभरते हुए सितारों की लिस्ट में भी जगह मिल चुकी है। 3 फरवरी 1996 को जन्मी दुती कई बार विवादों में घिर चुकी है।

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Dutee Chand : चार फीट ग्यारह इंच की स्प्रिंटर दुती चंद को देखकर पहली नजर में कह पाना मुश्किल हो सकता है कि वे एशिया की सबसे तेज़ दौड़ने वाली महिला खिलाड़ी है। इस एथलीट ने छोटी उम्र में ही तमाम चुनौतियों का सामना करके कई इतिहास दर्ज किए। आइए आपको दुती की कामयाबी और उन पर लगे कई आरोपों व विवादों के बारे में बताते हैं।

पढ़ने के लिए लगाई दौड़

3 फरवरी 1996 को ओडिशा के जाजपुर में एक बेहद गरीब परिवार में दुती चंद का जन्म हुआ था। पिता कपड़ा बुनने का काम करते थे और महीने में बामुश्किल 500 रुपये ही कमा पाते थे। इतनी आमदनी में बड़े परिवार को पाल पाना मुश्किल था। मां-पिता समेत कुल नौ लोग इस परिवार के सदस्य थे। एक इंटरव्यू में दुती ने बताया था कि उन्होंने अपनी पहली रेस ही रोटी के लिए लगाई थी। दुती ने बताया था कि "मेरी बहन ने मुझे दौड़ने के लिए प्रेरित किया था। उस समय हमारे पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर स्पोर्ट्स खेलोगी तो स्कूल की चैम्पियन बनोगी। तब तुम्हारी पढ़ाई का खर्च स्कूल देगा। आगे चलकर स्पोर्ट्स कोटा से नौकरी भी मिल जाएगी। इसी को ध्यान में रखकर मैंने दौड़ना शुरू किया था।"

बिना जूते नदी किनारे लगाती थी दौड़

दुती ने जब दौड़ना शुरू किया तो उनके पास न तो जूते थे और न ही दौड़ने के लिए कोई मैदान था। तब दुती ने नदी के किनारे रेत में नंगे पांव दौड़ लगानी शुरू की थी। साल 2005 में दुती का सेलेक्शन गवर्मेंट सेक्टर में स्पोर्ट्स होस्टल में हो गया। वहां दुती को उसके पहले कोच चितरंजन महापात्रा मिले। दुती की मेहनत जल्द रंग लाई। साल 2007 में उन्होंने अपना पहला नेशनल लेवल मेडल जीता। साल 2013 में हुई एशियन चैम्पियनशिप में उन्होंने जूनियर खिलाड़ी होते हुए भी सीनियर स्तर पर भाग लिया और ब्रॉन्ज़ जीता था। नदी एवं झील के किनारे दौड़ की प्रैक्टिस करने वाली दुती साल 2012 में चर्चा में आई जब वह 100 मीटर स्पर्धा में अंडर-18 वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बनी। इसके बाद 2013 में उन्होंने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप, वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप और रांची में हुए नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी अदभुत प्रतिभा से सबका ध्यान खींचा।

2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में लगी रोक

एथलेटिक्स में अपनी पहचान बनाने के बाद भी दुती की परेशानियां कम नहीं हुईं। 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स से मात्र तीन दिन पहले उन्हें इस आरोप में निलंबित कर दिया गया कि वह 'लड़की' ही नहीं है। भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के मुताबिक उनके शरीर में पुरुष हॉर्मोन्स की मात्रा ज्यादा पाई गई थी जिसकी वजह से उनके महिला खिलाड़ी के तौर पर हिस्सा लेने पर पाबंदी लगा दी गई। साल 2015 में उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स यानी कैस में अपील करने का फैसला किया। उनकी इस लड़ाई में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने भी काफी मदद की। महासंघ की मदद से उन्होंने एक लंबी लड़ाई जीतकर एथलेटिक्‍स ट्रैक पर वापसी की।

समलैंगिक है दुती चंद

साल 2019 में उन्होंने पहली बार जाहिर किया कि वे समलैंगिक रिश्ते में है। एक इंटरव्यू में दुती ने बताया था कि 2009 में उनका एक लड़के के साथ अफेयर था। पांच साल बाद वह रिश्ता टूट गया और फिर उनका झुकाव अपने गांव की एक लड़की की तरफ हो गया। तब उनका सबसे कड़ा विरोध परिवार की उस सदस्य (उनकी बड़ी बहन सरस्वती) ने किया जिससे कभी प्रेरणा लेकर दुती चंद ने दौड़ना शुरू किया था।

डोप टेस्ट में फेल हुई दुती

भारत की स्टार स्प्रिंटर दुती चंद पर हाल ही में डोपिंग का दाग लग गया। दरअसल, उनके खून के सैंपल में प्रतिबंधित तत्व पाए गए थे जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से किसी भी तरह की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से अस्थाई तौर पर रोक दिया गया। इस प्रतिबंध का मतलब है कि दुती 2023 एशियाई खेल में हिस्‍सा नहीं ले पायेगी जिसका चीन में आयोजन होना है। उन पर डोप टेस्ट में प्रतिबंधित अनाबॉलिक स्टेरॉयड के सेवन का आरोप है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है। नाडा ने अपनी अधिसूचना में कहा था, ''दुती चंद को एंडराइन, ओस्टराइन और लिगांड्रोल के सेवन का दोषी पाया गया है।" वहीं दुती ने इस मामले में कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। मैने कई टेस्ट दिए हैं लेकिन मुझे कुछ बताया नहीं है। मुझे सोशल मीडिया से ही इसकी जानकारी मिल रही है।

BMW बेचने की पोस्ट पर विवाद

दुती चंद ने 2020 में फेसबुक के माध्यम से एक पोस्ट डालकर लिखा था कि उनके पास ट्रेनिंग के पैसे नहीं हैं और इसलिए उन्हें अपनी BMW कार बेचनी पड़ रही है। इस पर ओडिशा सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि 'यह उसकी पुरानी आदत है।' हालांकि, इसके बाद दुती ने फेसबुक से यह पोस्ट हटा दी। उस समय ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा मामलों के विभाग के बयान के अनुसार 'दुती चंद को राज्य सरकार से (2015 के बाद से 2020 तक) मुहैया कराया गया कुल वित्तीय सहयोग 4.09 करोड़ रुपये था। वहीं ओडिशा सरकार के अधिकारियों का कहना है कि दुती को पैसा अपनी ट्रेनिंग पर खर्च करना चाहिए न कि अपने लग्जरी शौक पूरा करने पर।

अपने माता-पिता से बात नहीं करने का आरोप

दुती चंद ने अपनी बड़ी बहन सरस्वती पर 2019 में धमकी देने और पैसे मांगने का आरोप लगाया था। दुती का कहना था कि उनकी बहन उनको धमका रही है और वह हमारे परिवार के बीच परेशानियां बढ़ाने की कोशिश कर रही है। वह लोगों से कह रही है कि मैंने अपने माता पिता से बातचीत बंद कर दी है और मैं उन लोगों को नजरअंदाज कर रही हूं। उस दौरान दुती ने कहा था कि उनकी बड़ी बहन उनसे लाखों रुपए मांग रही है। वहीं उस समय दुती से 10 साल बड़ी उनकी बहन ने कहा था कि वह दुती को उन लोगों से आगाह करना चाहती है जो उसकी दौलत और शोहरत को हड़पना चाहते हैं। दुती का जो मन करे वो कह सकती है पर मैं इस आरोप पर कुछ नहीं कह सकती हूं।

यह भी पढ़ें: 2007 टी20 विश्व कप का फाइनल था जोगिंदर का आखिरी मैच, 2011 में मौत को मात देकर लौटे थे ग्राउंड पर

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Dutee Chand birthday struggle story journey to become professional sprinter
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