ये हैं वो 7 बातें जो बनाती हैं साक्षी मलिक को खास
नई दिल्ली। साक्षी मलिक ने रेसलिंग में कांस्य पदक हासिल कर भारत के लिए रियो ओलम्पिक में पदक का सूखा पूरी तरह से भले न तर किया लेकिन कम जरूर किया है।
आईए, हम आपको साक्षी के बारे में ऐसी 7 बातें बताते हैं जिन्हें पढ़कर आपको साक्षी के बारे में और भी बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा।
ये हैं वो सात बातें
साक्षी मलिक 12 साल की उम्र से ही रेसलिंग कर रही हैं और तभी से इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने का फैसला कर लिया था।
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साक्षी पहली भारतीय रेसलर हैं जिन्होंने साल 2014 में ग्लॉसगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक हासिल किया था।
हासिल कर चुकी हैं 8 स्वर्ण पदक
इस पदक से पहले साक्षी अलग प्रतियोगिताओं में 8 स्वर्ण, 1 सिल्वर और 2 कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं।
हरियाणा के रोहतक की साक्षी भारत की चौथी महिला एथलीट हैं जिसने ओलम्पिक में पदक हासिल किया है।
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ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला
साक्षी कहती हैं कि 'वो नहीं जानती थी कि ओलम्पिक क्या होता है? मैं खिलाड़ी बनना चाहती थी ताकि मैं हवाई जहाज में सफर कर सकूं। अगर आप भारत को रिप्रजेंट करेंगे तो, आप प्लेन का सफर कर सकेंगे।'
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साक्षी के दादा जी खुद एक पहलवान थे, जिससे उन्हें रेसलिंग में आने के लिए प्रेरणा मिली।