99 साल तक जिंदा रही 'रोज मैरी बेंटली' की मौत के बाद पता चला कि उनके सभी अंग गलत जगहों पर थे
नई दिल्ली। अमेरिका की रहने वाली रोज मेरी बेंटले एक तैराक थी, उनके पांच बच्चे थे और वह अपने पति के साथ एक फीड स्टोर(पशुओं के चारे की दुकान) चलती थी। उनकी 99 साल की उम्र में मौत हुई। मौते बाद जब उनके शव को पोर्टलैंड के ओरेगोन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी को डोनेट किया कर दिया गया। उनका शरीर, मेडिकल के छात्रों के एक समूह को दिया ताकि वह मानव शरीर की संरचना को समझ सकें। इस दौरान पता चला कि, रोज मेरी के सभी अंदरुनी अंग अपनी जगहों पर नहीं हैं। जिसे देखकर छात्र दंग रह गए। इतनी पेचीदगियों के बाद भी वे कैसे 99 साल तक जिंदा रहीं।
रोज मेरी के अधिकांश अंग गलत जगह पर थे
रोज मेरी के अधिकांश अंग गलत जगह पर थे। कुछ के आकार सामान्य से बहुत बड़े थे। वह लेवोकार्डिया के साथ साइटस इनवर्सस नामक स्थिति में जी रही थीं, जिसमें अधिकांश महत्वपूर्ण अंग उलटे हो जाते हैं। जैसे शरीर के अंदर आईना लगा हो। छात्रों के प्रोफेसर कैमरन वॉकर ने बताया कि मेरा मानना है कि जिस तरह से बेंटली के शरीर में इतनी पेचीदगी पायी गई ऐसा 5 करोड़ में से किसी एक को होती है।
बेंटली के दाहिने फेफड़े में तीन के बजाय दो लोब (हिस्सा) थे
इस खुलासे के बाद रोज मेरी बेंटली की बेटी जिंजर रॉबिन्स ने कहा कि उनकी मां को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। वह हमेशा स्वस्थ रहीं और बहुत अच्छी तैराक थीं। पेशे से हेयरड्रेसर बेंटली की रुचि विज्ञान में थी। एनाटॉमी के छात्र नीलसन ने बताया कि, हमने देखा कि उनके दिल में एक बड़ी नस गायब थी, जो सामान्य तौर पर दाईं ओर पाई जाती है। बाद में वह उनके शरीर में बाईं ओर मिली। बेंटली के दाहिने फेफड़े में तीन के बजाय दो लोब (हिस्सा) थे। दिल का दाहिना एट्रीअम सामान्य आकार से दोगुना था।
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इतना ही नहीं बेंटली का पाचन तंत्र भी उल्टा था
प्रोफेसर कैमरन वॉकर ने बताया कि, बेंटले के शरीर में बाईं ओर पेट होने के बजाय, दाईं ओर था। उसका जिगर, जो सामान्य रूप से दाईं ओर होता है, वह बाईं ओर था। इतना ही नहीं बेंटली का पाचन तंत्र भी उल्टा था। मेडिकल साइंस में इसे चमत्कार कह सकते हैं। रोज मैरी का जन्म साल 1918 में ओरेगॉन तट के एक छोटे से शहर वाल्डपोर्ट में हुआ था। पोर्टलैंड से 40 किलोमीटर दक्षिण में मोलल्ला में रहने वाले बेंटले ने सामान्य जीवन व्यतीत किया था। उनकी बेटी लुईस एली ने बताया कि, उनको एकमात्र शारीरिक शिकायत गठिया थी। ऐली ने बताया कि, 1950 में बेंटले को हिस्टेरेक्टॉमी नाम की बीमारी हुई थी, तब डॉक्टर अपेंडिक्स को हटाना चाहते थे लेकिन उनके शरीर की संरचना के चलते वह नहीं मिल सकी थी।
फोटो सभार: Oregon Health & Science University