433 लोगों की एक साथ लॉटरी लगी, क्या ऐसा संभव है?
फिलीपींस में जब 433 लोगों ने एक साथ 4 करोड़ डॉलर यानी लगभ 33 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती तो देश ही नहीं विदेशों में भी लोग हैरान रह गए. एक साथ इतने सारे लोगों के लॉटरी जीतने के पीछे बहुत से लोगों को साजिश नजर आने लगी. कई लोगों ने कहा कि धोखाधड़ी की गई है. एक गणितज्ञ ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की है.
यह घटना इसी महीने की हैं. 1 अक्टूबर को जारी हुए फिलीपींस की राष्ट्रीय लॉटरी के नतीजों में 433 लोगों को विजेता घोषित किया गया. नतीजा आते ही सवालों और संदेहों की बौछार शुरू हो गई. कुछ लोगों ने सरकारी लॉटरी चला वाली कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया, जिसे कंपनी ने फौरन खंडित किया. सरकार ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी.
लोगों को वाकई हैरत थी कि 433 लोग कैसे छह संख्याओं का एक ही संयोग चुन सकते हैं. यह नंबर था – 09-45-36-27-18-54. लोगों के संदेह की एक वजह यह भी थी कि सभी संख्याएं 9 की गुणक हैं. कई लोगों ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा खुशकिस्मत संयोग था जबकि कई गणितज्ञों ने कहा कि सांख्यिकीय दृष्टि से ऐसा होना असंभव नहीं है.
कैसे जीते लॉटरी?
फिलीपींस में नेशनल लॉटरी का ड्रॉ हर रोज निकाला जाता है. नतीजों को टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्रसारित किया जाता है. ड्रॉ निकालने से पहले लॉटरी मशीन का कैमरे पर परीक्षण होता है ताकि पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. उसके बाद लॉटरी मशीन ऑटोमेटिक तरीके से विजयी संख्याएं चुनती हैं.
People want to know the probability of 433 6-55 winners. It is 1 to 1.87e-1224. That is 1 out of 1 followed by 1224 zeros. The age of the universe is 4.3e17 seconds (17 zeros). However, the winning combination, divisible by 9, could mean more people bet on it. #dzbb @DZAR1026 pic.twitter.com/N22G7BP43k
— Dr. Guido David (@iamguidodavid) October 3, 2022
1 अक्टूबर को ग्रैंड लोटो का ड्रॉ निकाला गया. 433 लोगों ऐसे थे जिनके पास विजयी संख्याएं थीं. करीब 33 करोड़ रुपये इन लोगों में बांटे जाएंगे. यानी हरेक हिस्से में 5,45,000 पीसो या लगभग साढ़े सात लाख रुपया आएगा. इस लॉटरी की आयोजक कंपनी फिलीपींस चैरिटी स्वीपस्टेक्स ने विजेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं.
कंपनी के महाप्रबंधक मेलकियादेस रोब्लेस ने पत्रकारों को बताया कि 9 संख्या की लोकप्रियता का इस संयोग से कोई संबंध हो सकता है. रविवार को उन्होंने कहा, "कल रात जो हुआ वह एक सामान्य घटना है. बस फर्क यह है कि इस बार हमारे पास विजेताओं की बड़ी संख्या है. सब कुछ स्पष्ट रूप से समझाया जा सकता है. हमें कुछ भी गलत नहीं लगता."
ऐसा कैसे संभव है?
गणितज्ञों के लिए भी यह संयोग एक कौतुहल का विषय बन गया है. फिलीपींस विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर गीडो डेविड ने इस संयोग का एक विश्लेषण किया है. ट्विटर पर साझा किए गए एक लेख में डॉ. गीडो लिखते हैं कि प्रॉबेबिलिटी और मनोविज्ञान की मामूली जानकारी से यह समझा जा सकता है कि ऐसा होना "उतना भी अनोखा नहीं है जितना आप समझते हैं."
डॉ. गीडो समझाते हैं कि लॉटरी कैसे काम करती है. वह कहते हैं कि जो लोग लॉटरी टिकट खरीदते हैं वे 1 से 55 के बीच की छह संख्याएं चुनते हैं. जीतने वाली संख्याओं को बेतरतीब चुना जाता है. चुनी गई सभी छह संख्याएं जिसके पास होती हैं, वह विजेता घोषित किया जाता है.
डॉ. गीडो गणितीय हिसाब लगाते हुए बताते हैं कि किसी टिकट के जीतने की संभावना 2,89,89,675 होती है. वह कहते हैं कि अगर पता हो कि कुल कितने टिकट बिके, तो अनुमान लगाया जा सकता है कि 433 लोगों के एक ही संख्या चुनने की प्रोबेबिलिटी कितनी होगी.
वह लिखते हैं, "एक अनुमान के मुताबिक इस हफ्ते करीब एक करोड़ टिकट बिकी थीं. यानी किसी एक टिकट के जीतने की प्रोबेबिलिटी इतनी थी जितनी एक के पीछे 1224 जीरो. यह वाकई एक अजीब संख्या है. यदि किसी सिक्के को 2,800 बार उछाला जाए तो टेल आने की संभावना इससे ज्यादा होगी."
ऐसा संभव है
दुनिया के कई गणितज्ञों और सांख्यिकी शास्त्रियों ने डॉ. गीडो के जवाब पर सहमति जताई है. डॉ. गीडो के मुताबिक इस संख्या को देखकर लगता है कि ऐसे संयोग की संभावना ना के बराबर है लेकिन इसमें मनोविज्ञान को जोड़ना जरूरी है. ऐसा देखा गया है कि कुछ संख्याएं पूरी दुनिया में दूसरों के मुकाबले ज्यादा चुनी जाती हैं.
इनमें नौ और उसके गुणक जैसे कि 27, 36 या 54 चुने जाने की संभावना खासी ज्यादा होती है. वह कहते हैं कि 433 लोगों के एक ही संख्या चुनने और फिर उन सबके जीतने की संभावना जानने के लिए बाइनॉमियल थ्योरम काम में आ सकती है.
वैसे डॉ. गीडो का जवाब आलोचकों को संतुष्ट नहीं कर पाया है जिनमें कई राजनेता भी शामिल हैं. इसलिए घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
Source: DW