शाही का सेल्फ गोल, कहा आपसी फूट से हारे थे पिछला चुनाव
श्री शाही ने कहा कि 2007 में कुछ भाजपा नेताओं के बीच आपसी मतभेद था जो दूर नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि इसी कारण हम 2007 में हम पहले नंबर पर आने से वंचित रह गये। मालूम हो कि वर्ष 2007 में भाजपा तीसरे नंबर पर थी। सवाल है कि आखिर चुनाव के आखिरी मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने ये बात क्यों कही? क्या बीजेपी इस बार भी आपसी कलह से जूझ रही है? पार्टी ने मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को यूपी से चुनाव ही नहीं लड़ाया बल्कि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन्हें बीजेपी की भावी मुख्यमंत्री के रूप में भी पेश कर दिया।
सालों से मुख्यमंत्री पद का सपना देखने वाले यूपी बीजेपी के कई नेता देखते रह गए। क्या शाही के दिल में भी इसी बात की कसक है? जब ये सवाल पूछा गया तो वो कुछ नहीं बोले। पार्टी में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं। चुनाव में बड़ी भूमिका और पसंदीदा लोगों को टिकट न मिलने से योगी पार्टी आलाकमान से नाराज हैं। उन्होंने चुनाव में अपना अलग उम्मीदवार भी उतार दिया है। योगी ने मेडिकल घोटाले के आरोपी मायावती सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा का नाम लेकर विरोध की आवाज बुलंद की थी।