भारतीय मूल का व्यक्ति फ्रैंक रुगेरो का सहायक (लीड-1)
रुगेरो जुलाई 2010 में हॉब्रुक के सहायक बने थे। इसके पहले उन्होंने दक्षिणी अफगानिस्तान के लिए वरिष्ठ अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में काम किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फिलिप क्राउले ने मंगलवार को कहा, "रुगेरो हॉलब्रुक द्वारा स्थापित किए गए एसआरएपी (अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि) तंत्र का नेतृत्व करेंगे। डेन फेडमैन और विक्रम सिंह इस काम में उनकी सहायता करेंगे।"
क्राउले ने इस बात का भी खुलासा किया कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अफगानिस्तान के लिए भारत के विशेष दूत, सतीदंर लाम्बा से संक्षिप्त बातचीत की। यह बातचीत, हाल ही में लाम्बा से क्लिंट व हॉलब्रुक की हुई बातचीत के क्रम में हुई है।
क्राउले ने कहा, "लाम्बा ने निजीतौर पर अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए क्लिंटन को फोन किया, लेकिन यह कहने के लिए भी कि क्लिंटन के साथ और हॉलब्रुक के साथ इसके पहले हुई उनकी बातचीत के बाद उन्होंने कुछ कार्रवाई की थी।"
रुगेरो को स्थायी रूप से एसआरएपी नियुक्त किया जाएगा या नहीं, अभी यह स्पष्ट नहीं है। रुगेरो इसके पहले जनवरी से जून 2009 तक राजनीतिक-सैन्य मामलों के सहायक मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान नीति की समीक्षा का काम पूरा करने के लिए मंगलवार को व्हाइट हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक में उप राष्ट्रपति जो बिडेन, विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स के अलावा राष्ट्रपति बराक ओबामा के राष्ट्रीय सुरक्षा दल के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में रुगेरो ने भी हिस्सा लिया।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने व्हाइट हाउस में दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद कहा कि मंगलवार सुबह अफगान रणनीति की समीक्षा के लिए हुई बैठक में हॉलब्रुक की अनुपस्थिति छाई रही।
गिब्स ने कहा कि ओबामा गुरुवार को अमेरिकी जनता के सामने अफगान रणनीति की समीक्षा के निष्कर्षो को प्रस्तुत करेंगे। लेकिन उन्होंने 2011 में इस पर लगातार काम करने के लिए अपने दल को आदेश दिया है।
लेकिन गिब्स ने कहा कि इसमें न तो कोई चकित करने वाले खुलासे होंगे और न जुलाई 2011 में अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी की शुरुआत और अफगान बलों को नियंत्रण सौंपे जाने की योजना में कोई बदलाव ही।
गिब्स ने कहा, "मुझे संदेह है कि समीक्षा में कोई बहुत चकित करने वाली बात होगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।