Ranji Trophy: बंगाल को रौंद फाइनल में पहुंचा मध्यप्रदेश, मुंबई ने 47वीं बार किया क्वालिफाई
नई दिल्ली। भारत के घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का 87वां संस्करण अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है, जिसके खिताब के लिये अब सिर्फ दो टीमों के बीच जंग होना बाकी रह गया है। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद पहली बार आयोजित किये गये टूर्नामेंट का आयोजन दो फेज में कराया गया था। रणजी ट्रॉफी 2021-22 के सीजन का पहला चरण आईपीएल से पहले खेला गया जिसमें लीग स्टेज के मैच खेले गये थे। 38 टीमों के बीच खेले गये इस फेज में बंगाल, झारखंड, मुंबई, उत्तराखंड, कर्नाटक, उत्तर-प्रदेश, पंजाब और मध्यप्रदेश की टीमों ने क्वार्टरफाइनल मैचों के लिये क्वालिफाई किया था।
Recommended Video
वहीं आईपीएल के 15वें सीजन के बाद जब दूसरे फेज का खेल शुरू हुआ तो बंगाल, मुंबई, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की टीमों ने जीत हासिल कर सेमीफाइनल मैच में जगह बनाई थी। टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल मैच बंगाल और मध्यप्रदेश की टीम के बीच खेला गया जिसमें मध्यप्रदेश की टीम ने 174 रनों की जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई तो वहीं पर मुंबई और यूपी के बीच खेले गया मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के दम पर मुंबई की टीम फाइनल में पहुंच गई है।
अब 87वें रणजी ट्रॉफी खिताब के लिये मुंबई और मध्यप्रदेश की टीम के बीच 22 जून से बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी मैदान पर फाइनल खेला जायेगा। उल्लेखनीय है कि जहां पर मध्यप्रदेश की टीम ने 12वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है तो वहीं पर मुंबई की टीम ने 47वां बार फाइनल के लिये क्वालिफाई किया है। रणजी ट्रॉफी के इतिहास की बात करें तो मुंबई की टीम ने अब तक 41 बार इसका खिताब अपने नाम किया है और इस टूर्नामेंट की अब तक की सबसे सफल टीम रही है।
वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो वो अब तक सिर्फ 4 बार ही इस खिताब को अपने नाम कर पाई है। मुंबई की टीम ने साल 2016 में अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी खिताब जीता है और जिस तरह से उसकी फॉर्म चल रही है वो इस 6 साल के सूखे को समाप्त करने की ओर देख रही होगी। वहीं पर मध्यप्रदेश की टीम ने आखिरी बार 1953 में इस टूर्नामेंट को जीता है और लंबे समय बाद उसे 69 सालों से चले आ रहे सूखे को मिटाने का मौका मिला है, ऐसे में वो खिताब जीतने के इस मौके को गंवाना नहीं चाहेगी।
गौरतलब है कि पहले सेमीफाइनल मैच में मध्यप्रदेश की टीम ने पहली पारी में 341 रन बनाये थे जिसके जवाब में बंगाल की टीम 273 रन ही बना सकी। वहीं दूसरी पारी में मध्यप्रदेश की टीम ने 281 रन बनाये और 351 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में बंगाल की टीम 175 रन पर ऑल आउट हो गई। आपको बता दें कि दूसरे सेमीफाइनल मैच में मुंबई की टीम ने रनों का अंबार लगाया और पहली पारी में 393 रन बनाये जिसके जवाब में यूपी की टीम 181 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में मुंबई की टीम ने 4 विकेट खोकर 553 रन का स्कोर खड़ा किया और 746 रनों की बढ़त के साथ मैच का आखिरी दिन समाप्त किया। मैच ड्रॉ होने के साथ ही मुंबई की टीम फाइनल में पहुंच गई।