अडानी समूह की गुड्स ट्रेनों के ब्रेक सिस्टम में तकनीकि खामी, आरडीएसओ जांच में जुटा
अडानी ग्रुप की ट्रेन के ब्रेक सिस्टम में तकनीकि खामी सामने आ रही है। जबलपुर डिवीजन के ट्रेक पर ट्रेन के ब्रेक लगाने पर दो तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। रेलवे का आरडीएसओ इसकी जांच में जुटा है।
रेलवे के निजीकरण के बाद देश में अडानी समूह की गुड्स ट्रेनें पटरियों पर दौड़ रही हैं। इन ट्रेनों में बीते कुछ दिनों से एक तकनीकि खामी सामने आई है। सागर रेल खंड सहित जबलपुर डिवीजन के स्टेशनों के बीच अडानी समूह की ट्रेनों के ब्रेक सिस्टम व ट्रेनों के स्टेशन पर रेड सिग्नल से आगे निकल जाने का मामला सामने आ रहा है। यह मामला रेलवे विभाग और मंत्रालय तक पहुंच गई है। बीते दिनों रेलवे डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने इन ट्रेनों में डबल इंजन लगाकर अडानी की एक ट्रेन का नरयावली-खुरई के बीच ट्रायल कर जांच पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार की है।
देश में रेलवे के निजीकरण के बाद मध्यभारत सहित देश के कई हिस्सों में अडानी समूह की मालगाड़ियां (लॉजिस्टिक) ट्रेन दौड़ रही हैं। इनमें बीते दिनों एक तकनीकि खामी सामने आई है। हालांकि शुरुआती दौर में यह खामी लोको पायलट की गलती बताकर उन पर कार्रवाई प्रस्तावित कर दी गई। बाद में लोगों कई लोको पायलट ने जो समस्या बताई वह कभी भी गंभीर हादसे का कारण बन सकती है। इसमें ट्रेन के तयशुदा ट्रेक पर ब्रेक सिस्टम में तकनीकि गड़बड़ी बताई जा रही है। लोको पायलट जब नियमानुसार रेड सिग्नल देखकर ब्रेक लगाते हैं तो ट्रेन या तो वहीं खड़ी हो जाती है तो फिर वह स्पेड (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) कर जाती है। आम बोलचार की भाषा में इसे ट्रेन का प्लेटफॉर्म पर स्थित रेड सिग्नल से आगे बढ़ जाना कहा जाता हैं। यह समस्या सामने आने से पूर्व ही कुछ मालगाड़ियों के लोको पायलट को रिमूक किया जा चुका है। लोको पायलट विभाग से बाहर खुलकर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं, लेकिन विभाग स्तर पर इस समस्या को अधिकारियों के सामने उठाकर मामला मुख्यालय तय पहुंचाया गया है। बता दें कि ट्रेन का स्पेड होना लोको पायलट की गंभीर चूक माना जाता है। इसमें उन्हें या तो डिमोशन कर दिया जाता है या सीधे तौर पर नौकरी से रिमूव किया जा सकता है। एक हिसाब से इस तरह की खामी लोको पायलट के लिए काला दिन और काली घटना जैसा माना जाता है।
जबलपुर
डिवीजन
में
करीब
700
लोको
पायलट
रेलवे
सूत्रों
से
मिली
जानकारी
अनुसार
जबलपुर
रेलवे
डिविजन
के
अधीन
सागर,
सतना,
न्यू
कटनी
जंक्शन
और
जबलपुर
को
मिलाकर
जबलपुर
डिविजन
में
करीब
700
गुड्स
लोको
पायलट
हैं।
इनमें
से
अधिकांश
ने
मौखिक
रूप
से
अधिकारियों
को
ट्रेन
के
ब्रेक
सिस्टम
में
तकनीकि
खामी
की
जानकारी
दी
है।
लोको
पायलट्स
के
अनुसार
यह
खामी
केवल
अडानी
समूह
की
ट्रेनों
में
नहीं
है।
इंडियन
रेलवे
के
कंटेनर्स
में
भी
यह
समस्या
सामने
आ
रही
है।
OSHO:
सागर
विश्वविद्यालय
से
'ओशो'
ने
शिक्षा
ग्रहण
कर
'भगवान'
बनने
तक
का
सफर
तय
किया
आरडीएसओ
टीम
ने
ट्रैक
पर
ट्रायल
किया
है
सागर
रेलवे
स्टेशन
प्रबंधन
से
मिली
जानकारी
अनुसार
पिछले
दिनों
आरडीएसओ
की
एक
टीम
सागर
आई
थी।
उन्होंने
खुरई-नरयावली
के
बीच
अडानी
ग्रुप
की
मालगाड़ी
का
ट्रायल
कर
ब्रेक
सिस्टम
की
पड़ताल
की
है।
इसको
लेकर
पूरी
रिपोर्ट
तैयार
की
है।
रिपोर्ट
में
क्या
उल्लेख
किया
गया
है,
इसकी
जानकारी
नहीं
है।