COP27 ने 'लॉस एंड डैमेज' कोष को दी मंजूरी, भारतीय सहित विकासशील देशों का होगा फायदा
मिस्र में हानि और क्षति (लॉस एंड डैमेज) के मुद्दे पर एक कोष बनाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि इसका विवरण बाद में तैयार किए जाएगा। भारत में विशेषज्ञों ने इसका स्वागत किया है।
मिस्त्र में हो रहा अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन (COP 27) शनिवार को खत्म हो गया। आखिरकार इस पर्यावरण सम्मेलन में आर्थिक सहायता और वायुमंडल के बढ़ रहे तापमान की जिम्मेदारी को लेकर अंत तक असहमति बनी रही। हालांकि वार्ता के अंत में कुछ आशा की किरण बंधी जब COP 27 ने 19 नवंबर, 2022 को एक ड्राफ्ट पेपर जारी किया, जिसमें उन्होंने मिस्र में हानि और क्षति (लॉस एंड डैमेज) के मुद्दे पर एक कोष बनाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि इसका विवरण बाद में तैयार किए जाएगा। भारत में विशेषज्ञों ने इसका स्वागत किया है।
विकासशील देश करते रहे हैं मांग
ऐसा कहा जा रहा है कि यह ड्राफ्ट बिल्कुल वैसा ही है जिसकी मांग अब तक विकासशील देश करते आ रहे हैं। अब आगे की जिम्मेदारी विकसित देशों पर आ गई है कि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार करें या उसे नकार दें। शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे इस पर दस्तावेज जारी किया गया। इस ड्राफ्ट में अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि, जलवायु परिवर्तन के पड़ते प्रतिकूल असर से जुड़े आर्थिक और गैर आर्थिक नुकसान से उबरने में विकासशील देशों की सहायता के लिए नए, अतिरिक्त, पूर्वानुमेय और पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की तत्काल आवश्यकता है।
ट्रान्सिशनल कमेटी की स्थापना के बारे में भी हुई बात
इस मसौदे में हानि और क्षति के साथ स्थापित निधि के मुद्दे को हल करने के लिए नई धन व्यवस्था के संचालन पर एक ट्रान्सिशनल कमेटी की स्थापना के बारे में भी बात की गई है। इसके साथ ही इसमें मौसम की चरम घटनाओं और उसके बाद में होने वाली हानि और क्षति से उबरने के लिए वित्तीय मदद शामिल है। इस बारे में अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि प्रस्तावित नई फंडिंग व्यवस्था हानि और क्षति के जवाब में विकासशील देशों की सहायता के लिए है। इसमें नए और अतिरिक्त संसाधन जुटाने में सहायता प्रदान करके हानि और क्षति से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
COP 28 के दौरान दिया जाएगा अंतिम रूप
जानकारी के मुताबिक फंडिंग के विवरण को COP 28 के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, जोकि 2023 में नवंबर-दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी, जिससे फंडिंग व्यवस्था को क्रियान्वित किया जा सके। मसौदे में संस्थागत व्यवस्था, तौर-तरीकों, संरचना, शासन और कोष के संदर्भ में शर्तों की स्थापना की ओर भी इशारा किया गया है। इस बारे में क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल के वैश्विक राजनैतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह ने कहा कि, "हानि और क्षति फण्ड पर मसौदा निर्णय, कमजोर लोगों को उम्मीद देता है कि उन्हें जलवायु आपदाओं से उबरने और अपने जीवन को दोबारा ढर्रे पर लाने में मदद मिलेगी।"
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एंटोनियो गुटेरेस ने किया स्वागत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि COP27 ने न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गुटेरेस ने ट्वीट किया, "मैं लॉस एंड डैमेज कोष स्थापित करने और आने वाले समय में इसे लागू करने के निर्णय का स्वागत करता हूं। स्पष्ट रूप से यह पर्याप्त नहीं होगा, लेकिन टूटे हुए भरोसे को फिर से बनाने के लिए यह एक बहुत ही आवश्यक राजनीतिक संकेत है।" WRI इंडिया के जलवायु कार्यक्रम की निदेशक उल्का केलकर ने कहा कि नया नुकसान और क्षति कोष जलवायु संवेदनशील देशों और नागरिक समाज समूहों की दृढ़ता और दृढ़ता का प्रमाण है।
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