क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मैथ्स और फिजिक्स के बिना भी क्या इंजीनियरिंग में होगा एडमिशन

नए नियम के मुताबिक़ इंजीनियरिंग के कुछ कोर्सेज में प्रवेश के लिए मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य नहीं है.

By कमलेश
Google Oneindia News
स्टूडेंट्स
Reuters
स्टूडेंट्स

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग के कुछ विषयों की पढ़ाई के लिए 12वीं कक्षा में फिजिक्स, मैथ और केमिस्ट्री विषयों की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया है.

ये फ़ैसला अलग-अलग शैक्षणिक पृष्ठभूमि से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने के लिए लिया गया है.

इस साल से जिन विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा में फिजिक्स, मैथ और केमिस्ट्री की पढ़ाई नहीं की है, वो भी बीई, बीटेक पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं. फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमैटिक्स को शॉर्ट फ़ॉर्म में पीसीएम भी कहा जाता है.

अभी तक बीई, बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा में मैथ और फिजिक्स विषय ज़रूरी होते थे.

एआईसीटीई की अप्रूवल हैंडबुक 2021-22 में ये बदलाव किया गया है.

एआईसीटीई के संशोधित नियमों के अनुसार ऐसे 14 विषय तय किए गए हैं, जिनमें से कोई तीन 12वीं कक्षा में लिए जा सकते हैं.

ये विषय हैं- फिजिक्स, मैथमैटिक्स, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, कृषि, व्यावसायिक अध्ययन, उद्यमिता. इन तीनों विषयों में न्यूनतम 45 प्रतिशत (40 प्रतिशत आरक्षित) अंक लाने ज़रूरी हैं.

बदलाव की वजह

एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इस बदलाव की वजहों को लेकर और जानकारी दी.

उन्होंने बताया, “हम पिछले एक दशक से काफ़ी चुनौतियों का सामना कर रहे थे. इस बीच कई तरह के नए विषय भी उभरकर आए हैं. इस बात को लेकर आलोचना भी देखने को मिली, ख़ासतौर पर कंप्यूटर साइंस की फैकल्टी से कि हमें अपने करियर के दौरान केमिस्ट्री की कभी ज़रूरत नहीं पड़ी, तो हमें उसकी इतनी ज़्यादा पढ़ाई क्यों करनी पड़ती है.”

“बायोटेक्नोलॉजी, बायोइनफॉर्मेटिक्स की फैकल्टी और स्टूडेंट्स से हमें पता चला कि इसके लिए बायोलॉजी की ज़्यादा ज़रूरत होती है, लेकिन यहाँ आने वाले स्टूडेंट्स पीसीएम पढ़कर आते हैं. इसी तरह कंप्यूटर साइंस में कहा जा सकता है कि इसमें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की पृष्ठभूमि वाले स्टूडेंट की ज़रूरत होती है. यही एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग और कुछ अन्य विषयों में भी होता है. इसके चलते हमारी शैक्षिणक प्रणाली में बहुत दिक़्क़तें आ रही थीं. इसलिए नई शिक्षा नीति से नए विकल्प बनाए गए हैं.”

अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि साल 2010 में पहले ही केमिस्ट्री को अनिवार्य विषयों से हटा दिया गया था. अब फिजिक्स और मैथ के लिए भी विकल्प मिल गया है. लेकिन, उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि पीसीएम विषय इंजीनियरिंग के लिए अब भी महत्वपूर्ण रहेंगे.

उन्होंने कहा, “नए नियम का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि इंजीनियरिंग के लिए मैथ और फिजिक्स की ज़रूरत ही नहीं है. किसी भी इंजनीनियरिंग प्रोग्राम में मैथमैटिक्स बहुत महत्वपूर्ण विषय होता है. इसके बाद फिजिक्स और केमिस्ट्री महत्वपूर्ण होते हैं. ये तीनों विषय अब भी अहम रहेंगे.”

“अधिकतर विषयों के लिए मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री की ज़रूरत रहेगी. लेकिन, बायोटेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, सेरेमिक इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग आदि इसके अपवाद होंगे.”

मैथ्स और फिजिक्स के बिना भी क्या इंजीनियरिंग में होगा एडमिशन

शैक्षणिक संस्थानों के लिए बाध्यता नहीं

एआईसीटीई के मुताबिक़ ये नया नियम एक विकल्प के तौर पर दिया गया है, लेकिन ये शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनिवार्य नहीं है.

अगर कोई कॉलेज या संस्थान बिना पीसीएम वाले स्टूडेंट्स को भी एडमिशन देना चाहता है, तो दे सकता है. अब पुराने नियम उसके आड़े नहीं आएँगे.

अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया, “कई स्तर के विचार-विमर्श के बाद इस हैंडबुक में ये लचीलापन लाया गया है. जेईई और अलग-अलग राज्यों की प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करने वाली संस्थाएँ इन तीन विषयों में परीक्षा लेना जारी रख सकती हैं.”

“हम बस उन बच्चों के लिए एक नया विकल्प बना रहे हैं, जिन्हें मैथ, फिजिक्स या केमिस्ट्री की पढ़ाई ना की हो. सभी विश्वविद्लायों और राज्यों में स्थित कॉलेजों और संस्थाओं के लिए इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है. अगर कोई शिक्षण संस्थान बिना पीसीएम वाले स्टूडेंट्स को प्रवेश देना चाहता है, तो दे सकता है.”

एआईसीटीई ने बिना पीसीएम वाले स्टूडेंट्स के लिए ब्रिज कोर्सेज उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है. जिन कोर्स में मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई करना ज़रूरी है, लेकिन बच्चों ने 12वीं में ये पढ़ाई नहीं की है, तो उनके लिए शिक्षण संस्थाएँ ब्रिज कोर्सेज कराएँगे ताकि उन्हें विषय की आधारभूत जानकारी मिल सके.

कैसे होता है इंजीनियरिंग में एडमिशन

स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग में एडमिशन कुछ प्रवेश परीक्षाओं के ज़रिए होता है, जिनमें मुख्य है ज्वाइंट एंट्रेंस एग्ज़ाम (जेईई) मेन और जेईई एडवांस.

जेईई मेन में मिले स्कोर के आधार पर सभी एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन हो सकता है. लेकिन, आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस देना ज़रूरी होता है.

इसके अलावा राज्य स्तर पर भी कुछ प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कर्नाटक के लिए सीओएमईडीके और महाराष्ट्र के लिए एमएच-सीईटी. बिटसिट और विटजी जैसी परीक्षाएँ किसी संस्थान विशेष के लिए होती हैं.

जेईई मेन और जेईई एडवांस का सिलेबस 11वीं और 12वीं के मैथ, फिजिक्स और कैमिस्ट्री विषयों पर आधारित होता है. परीक्षा में इसी से सवाल पूछ जाते हैं.

नए नियमों में जेईई मेन और एडवांस में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये परीक्षाएँ पहले की तरह मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री आधारित ही रहेंगी.

प्रवेश परीक्षा में मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री की अनिवार्यता से इस नए नियम का कितना फ़ायदा होगा, इस पर संशय जताया जा रहा है.

इंजीनियरिंग एडमिशन में हो रहे इस बदलाव को लेकर जानकार कई महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दिलाते हैं. इससे क्या बदलाव होंगे और ये कितना फ़ायदेमंद होगा, इस पर नज़र डालते हैं.

प्रवेश परीक्षा में पीसीएम ज़रूरी

दयानंद साइंस कॉलेज, लातूर में मैथमैटिक्स के फैकल्टी रवि कुमार कहते हैं कि प्रवेश परीक्षा अब भी सभी के लिए एक जैसी है. उसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ से ही सवाल पूछ जाएँगे. अगर बच्चे कभी इन विषयों को पढ़ेंगे ही नहीं, तो वो परीक्षा कैसे दे पाएँगे.

वह कहते हैं, “ये ठीक है कि बच्चे पर बोझ नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन कुछ विषय इंजीनियरिंग में ज़रूरी हैं. अगर स्टूडेंट्स ने इन विषयों को स्कूल में ना पढ़ा हो, तो उन्हें एंट्रेस एग्ज़ाम के लिए और ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. आजकल बच्चे स्कूल से ही जेईई की तैयारी शुरू कर देते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को अपने स्कूल के विषयों के साथ-साथ ये विषय भी पढ़ने पड़ेंगे और उन पर बोझ बढ़ जाएगा.”

“उनके लिए उन बच्चों से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा, जो 11वीं और 12वीं में मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई कर रहे हैं. अगर उनके स्कोर कम आते हैं, तो उन्हें अच्छा कॉलेज या इंस्टीट्यूट नहीं मिल पाएगा. अगर कुछ इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए पीसीएम विषय अनिवार्य नहीं करने हैं, तो उनके लिए अलग तरह की प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी होगी.

हालाँकि, रवि कुमार मानते हैं कि इससे इंजीनियरिंग में एडमिशन बढ़ेगा. 11वीं और 12वीं क्लास में आसानी होगी.

वह कहते हैं कि आजकल बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करने की कोशिश होती है. जैसे जिन लोगों के लिए मैथमैटिक्स मुश्किल होती है, उन्हें इंजीनियरिंग के लिए 11वीं और 12वीं में ये विषय नहीं लेना पड़ेगा. इससे वो अच्छा स्कोर भी कर सकते हैं. लेकिन, मौजूदा नियमों के मुताबिक़ उन्हें प्रवेश परीक्षा में मैथ ज़रूर पढ़नी पड़ेगी. पर इस तरह उन्हें मैथ से कम जूझना पड़ेगा और वो इंजनीयरिंग कर पाएँगे.

'फ़ैसले में और स्पष्टता की ज़रूरत’

स्टूडेंट्स
Getty Images
स्टूडेंट्स

इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट पेस आईआईटी एंड मेडिकल में मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीण त्यागी कहते हैं कि हमारे नीति निर्माताओं ने जो फ़ैसला किया है, उसके लिए थोड़ी और स्पष्टता होनी ज़रूरी है.

वह बताते हैं, “जब बच्चा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेगा, तो उसके लिए मैथ और विज्ञान जानना बहुत ज़रूरी है. किसी भी इंजीनियिंग की ब्रांच में मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री का बेसिक ज़रूरी होता है.”

“अगर आप अमेरिका के एजुकेशनल मॉड्यूल को देखें, तो वो ग्रेजुएशन के पहले साल के बाद बच्चे को विकल्प देते हैं कि आप इंजीनियरिंग करना चाहते हैं या कुछ और. उन विश्वविद्यालय में इंजीनीयरिंग के अलावा ह्यूमैनिटीज़, एक्टिंग, थियेटर आदि दूसरे कोर्सेज भी हैं. भारत में आईआईटी में ये विकल्प नहीं है. बच्चे के झुकाव के अनुसार कोर्स देने का विकल्प इस तरह ठीक हो सकता है.”

ब्रिज कोर्सेज को लेकर प्रवीण त्यागी का कहना है कि ब्रिज कोर्सेज में स्टूडेंट्स को सिखाया जा सकता है. लेकिन यही सब तो उन्हें 11वीं और 12वीं में सीखना होता है. जब ये ज़रूरी है तो आप बेसिक लेवल से क्यों हटा रहे हैं.

जानकार कहते हैं कि इंजीनियरिंग का मतलब ही यही है कि विज्ञान किसी क्षेत्र विशेष को और आगे कैसे ले जा सकता है और ये मैथ व विज्ञान की समझ पर आधारित होता है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Will there be admission in engineering even without maths and physics
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X