लोकसभा चुनाव 2019- कैसरगंज लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं, साल 2014 में उन्होंने ये सीट सपा प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को हराकर अपने नाम की थी। 'खुरमे' की मिठास लिए उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में बसा 'कैसरगंज' पूरे भारत में काफी मशहूर है, कैसरगंज बहराइच की चार तहसीलों -नानपारा, बहराइच, माहसी और कैसरगंज में से एक है। कैसरगंज की आबादी 25,80,677 लाख है जिनमे पुरुषों की आबादी 18,43,884 लाख और महिलाओं की आबादी 16,43,847 लाख है, यहां की साक्षरता दर 59.18% है, ये यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 57वें नंबर की सीट है, इस लोकसभा सीट के अंतर्गत यूपी की पांच विधानसभा सीटें आती है, जिनके नाम हैं पयागपुर, कैसरगंज, कर्नलगंज, तरबगंज और कतरा बाज़ार।
1957 में कैसरगंज लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनावों में कांग्रेस के भगवादीन मिश्रा जीत हासिल करके यहां के पहले सांसद बने थे, 1962 में स्वतंत्रता पार्टी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया। 1967 और 1971 के आमचुनाव में भारतीय जनसंघ की शकुंतला नायर जीतकर लोकसभा पहुंची थी। 1977 में भी ये सीट भारतीय जनसंघ के ही नाम रही। 1980 और 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने यहां सफलता अर्जित की। 1989 में यहां भाजपा ने अपना खाता खोला और रूद्र सेन चौधरी एमपी चुने गए, 1991 में भी यहां बीजेपी का ही बोलबाला रहा लेकिन 1996 में यहां समाजवादी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की और बेनी प्रसाद वर्मा यहां से सांसद चुने गए, वो कैसरगंज की सीट से 1996, 1998, 1999 और 2004 में लगातार 4 बार सांसद रह चुके हैं।
2009 में भी ये सीट सपा के ही नाम रही लेकिन इस बार बृजभूषण शरण सिंह यहां के एमपी बने, साल 2014 में भी उन्होंने ये सीट जीती लेकिन इस बार वो सपा के साथ नहीं बल्कि भाजपा के टिकट पर विजयी हुए, यूपी के कद्दावर नेताओं में शामिल बृजभूषण शरण सिंह शहरी विकास समिति के सदस्य भी हैं, पिछले पांच सालों में लोकसभा में उनकी उपस्थिति 87 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने मात्र 6 डिबेट में हिस्सा लिया और 22 प्रश्न पूछे हैं।
साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर SP, नंबर 3 पर BSP और नंबर 4 पर कांग्रेस थी, उस साल यहां 1711967 मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें 54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।