धमाके के साथ उड़ गया था मेरा बायां हाथ: अमिताभ
एक चैरिटी इवेंट के दौरान अमिताभ बच्चन ने बताए, उनके साथ हुए कैसे-कैसे हादसे.
बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के स्वास्थ्य को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं. फ़िल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान उनके साथ हुए हादसे के बारे में तो कई जगह लिखा और बताया जा चुका है.
अमिताभ ने मुंबई में हुए एक चैरिटी इवेंट में एक और बार इस हादसे को याद किया.
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साथ ही उन्होंने अपने जीवन में हुई कुछ अन्य दुर्घटनाओं के बारे में भी बताया. ये इवेंट सुनने में अक्षम बच्चों को आर्थिक मदद पहुँचाने के लिए आयोजित किया गया था.
दीवाली पर जल गया हाथ
अमिताभ बच्चन ने कहा, ''आज बहुत से लोगों ने बात की कि किस तरह शरीर का कोई अंग चला जाता है, उन्हें सुनाई नहीं देता. दीवाली के दिन मेरे हाथ में एक अनार था जो फट गया और मेरा पूरा हाथ जल गया. उसमें न उंगली बची और न खून. लेकिन, धीरे-धीरे उसका इलाज किया और सब वापस आ गया.''
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अमिताभ ने बताया, ''पर जितने महीने मेरे पास मेरा बायां हाथ नहीं था, मैं अपनी कमीज के बटन नहीं बंद कर सकता था, पतलून नहीं पहन सकता था. मैं लेफ्ट हैंडेड हूं, पर मैं बायें हाथ से कुछ कर नहीं सकता था. कितना कष्ट होता है जब शरीर के एक अंग को आप इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.''
केबीसी के दौरान टीबी
अमिताभ बच्चन ने 'कौन बनेगा करोड़पति' के दौरान सामने आई बीमारी का भी जिक्र किया.
उन्होंने बताया, ''साल 2000 में जब मैंने कौन बनेगा करोड़पति शुरू किया तो उस समय मेरी रीढ़ की हड्डी में बहुत दर्द होता था और कुर्सी पर बैठने में तकलीफ होती थी. जांच कराई तो पता चला कि मुझे ट्यूबरक्लोसिस हो गया है. उसके बाद मेरा इलाज हुआ और आज मैं टीबी से मुक्त हूं.''
जब हुआ हेपेटाइटस बी
अमिताभ बच्चन ने एक और घटना याद करते हुए बताया कि जब वह 1982 में 'कुली' की शूटिंग के दौरान एक एक्शन सीक्वेंस में घायल हो गए थे.
उन्होंने कहा, ''तब तकरीबन 60 बोतल खून की ज़रूरत पड़ी थी. 200 लोगों ने खून दिया था तब मेरी जान बची थी. लेकिन, खून देने वाले एक सज्जन के खून में हेपेटाइटस बी वायरस था, जिसकी पहचान नहीं हो सकी थी और वो मेरे शरीर के अंदर चला गया."
''साल 1982 में दुर्घटना के बाद साल 2005 में एक सामान्य जांच में यह पता चला कि वो वायरस मेरे शरीर के अंदर है और उसने मेरे लीवर को 75 प्रतिशत खा लिया है. आज अगर मैं आपके सामने खड़ा हूं तो मेरा लीवर केवल 25 प्रतिशत बचा है. इसका सही डिटेक्शन हुआ सही इलाज हुआ. आज मैं एक आम आदमी की तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं.''