Monsoon Update: मानसून की बदली चाल, नहीं पहुंचा केरल, जानिए IMD का बड़ा अपडेट
नई दिल्ली, 27 मई। 15 मई को अंडमान-निकोबार में मानसून में जब झमाझम ढंग से दस्तक दी थी तो मौसम विभाग ने दावा किया था कि मानसून 27 मई को केरल पहुंच जाएगा जो कि आम तौर पर एक जून को केरल पहुंचता है लेकिन इस बार ये वक्त से पहले पहुंचने वाला है लेकिन आज मौसम विभाग का दावा सच साबित नहीं हुआ। हालांकि उसने अपने अपडेट में कहा है कि मानसून 1 जून से पहले ही केरल में दस्तक दे देगा।
केरल में अगले 2-3 दिनों में बदलेंगे हालात
IMD ने अपने ट्वीट में कहा है कि 'दक्षिण अरब सागर के ऊपर निचले स्तरों में पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं। सैटेलाइट इमेज के अनुसार केरल तट और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बादल छाए हुए हैं। इसलिए, अगले 2-3 दिनों के दौरान केरल में मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी।'
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मानसून नहीं पहुंचा केरल
इस बारे में मौसम विभाग ने कहा कि ' मानसून की शुरुआत में देरी की वजह केरल में अनुकूल मानदंड पूरे नहीं होना है। मानसून के आगमन के लिए हवा में स्थिरता आवश्यकता होती है और इस वक्त केरल में पछुआ हवाओं का दौर जारी है इसलिए ये आज केरल नहीं पहुंचने वाला है।'
मानसून की एंट्री से पहले प्री- मानसून बारिश जारी
लेकिन केरल में मानसून की एंट्री से पहले प्री- मानसून बारिश जारी है। राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है और आने वाले दिनों में जारी भी रहेगा। कई स्थानों पर Orange Alert जारी किया गया है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसूनी बारिश 99 फीसदी होने की आशंका है। किसानों के लिए मानसून सीजन खुशी लेकर आएगा।
अगले 48 घंटों में बदलेगी मानसून की चाल
तो वहीं मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने भी कहा है कि अगले 48 घंटों के दौरान Southeast Arabian Sea, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मानसून के तेजी से आगे बढ़ने आसार नजर आ रहे हैं, जिससे उम्मीद की जा सकती है मानसून अपने आम तौर वाले वक्त पर केरल पहुंचेगा और ज्यादा लेट नहीं होगा।
मानसून किसे कहते हैं?
मानसून की वजह से ही मौसमी बारिश होती है। मालूम हो भीषण गर्मी के बाद मानसून सीजन शुरू होता है। भारत में ये चार महीने जून से सितंबर तक रहता है। जब भूतल काफी गर्म हो जाता है तो अरब सागर में कम दबाव वाले क्षेत्र से नमी से भरी हवाएं ऊपर की ओर मूल करती हैं और बादलों से टकराती हैं और बारिश होती है। ये वायु गति बहुत तेज होती हैं जो कि इंडिया में सबसे पहले केरल तट से टकराती हैं और बारिश के साथ ही ठंडी हो जाती है।
केरल के बाद मानसून महाराष्ट्र की ओर मूव करता है
केरल के बाद मानसून महाराष्ट्र की ओर मूव करता है। आम तौर में ये अवधि 10 जून के आस-पास होती है, इसके बाद वो दिल्ली पहुंचती है, जो कि जून का आखिरी होती है और दिल्ली के बाद ये जुलाई में पूरे उत्तर भारत में कब्जा कर लेता और झमाझम बारिश के रूप में पूरे नॉर्थ इंडिया को कवर करता है।