टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव: ऑटोमेटिक रूट में 100% FDI को मंजूरी, KYC फॉर्म भरने का झंझट खत्म
नई दिल्ली, 15 सितंबर: केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को टेलीकॉम सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया है। जिसके तहत आईटी मिनिस्टर ने बताया कि अब टेलिकॉम सेक्टर के ऑटोमेटिक रूट में 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है यानी की अब बिना सरकारी मंजूरी के 100% विदेशी निवेश संभव हो सकेगा। साथ ही अब सिम लेने के लिए केवाईसी (KYC) फॉर्म नहीं भरना होगा।
दरअसल बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में मैन्युफैचरिंग की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, ऑटो कॉमपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है। इसके साथ ही टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी बड़े फैसले किए हैं, जिसके तहत ऑटोमेटिक रूट से 100% एफडीआई के अलावा केंद्र सरकार ने राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है।
वहीं अब केवाईसी की फॉर्म ना भरने की जगह पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। सिम लेने या पोस्टपेड से प्रीपेड कराने जैसे सभी कामों के लिए फॉर्म नहीं की झंझट को खत्म कर दिया। ऐसे में जानिए टेलीकॉम सेक्टर के लिए नए सुधारों के बारे में...
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- कैबिनेट ने टेलीकॉम क्षेत्र के संबंध में 9 संरचनात्मक और 5 प्रक्रियात्मक सुधारों को मंजूरी दी है।
- एजीआर (एडजस्ट ग्रोस रेवन्यू ) की परिभाषा को तर्कसंगत बनाया गया है। दूरसंचार कंपनियों के गैर-दूरसंचार राजस्व को वैधानिक शुल्कों के भुगतान से बाहर रखा गया है।
- स्पेक्ट्रम शेयरिंग को फ्री कर दिया गया है।
- दूरसंचार क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश संभव।
- सभी केवाईसी फॉर्मों को डिजिटाइज किया जाना है।
- पोस्टपेड से प्रीपेड या इसके अलग स्विच करने के लिए अलग KYC की जररूत नहीं।
- स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए नीलामी कैलेंडर बनाया जाएगा।
- आगे चलकर वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में नीलामी की जाएगी।
- 4जी, 5जी कोर नेटवर्क टेक्नोलॉजी को भारत में डिजाइन और निर्मित किया जाएगा।
- सभी टेलीकॉम कंपनियों के एजीआर बकाया के भुगतान के लिए चार साल की मोहलत।
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मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा यह बदलाव दूरसंचार कंपनियों और मोबाइल उपयोगकर्ताओं दोनों को प्रभावित करेगा। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।