भारत, पाकिस्तान ने सिंधु जल पर की अंतिम दौर की बैठक, दिखा सकारात्मक रुख
सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) 1960 के तहत सालाना आयोजित होने वाली बैठक सोमवार को छह सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ शुरू हुई। दोनों देशों के बीच वार्ता सकारात्मक रही।
नई दिल्ली 31 मई : भारत और पाकिस्तान ने दो दिवसीय 118वीं स्थायी सिंधु आयोग की मंगलवार को अंतिम बैठक की। जानकारी के मुताबिक दोनों देशों ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) 1960 के तहत सालाना आयोजित होने वाली बैठक सोमवार को छह सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ शुरू हुई थी। इसमें एक महिला भी शामिल थी जो इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत आई हैं।
महत्वपूर्ण
बैठक
पाकिस्तानी
प्रतिनिधिमंडल
में
मेहर
अली
शाह,
सैयद
मोहम्मद,
साहिबजाद
खान,
हबीब
उल्लाह
बोदला,
खालिद
महमूद,
समन
मुनीब
शामिल
हैं।
भारत
के
छह
सदस्यीय
प्रतिनिधिमंडल
का
नेतृत्व
भारत
के
नए
सिंधु
आयुक्त
एके
पाल
कर
रहे
हैं।
बता
दें
कि,
यह
बैठक
इस्लामाबाद
में
हुई
पिछली
बैठक
के
तीन
महीने
के
भीतर
हो
रही
है।
स्थायी
सिंधु
आयोग
की
117वीं
बैठक
मार्च
महीने
में
इस्लामाबाद
में
हुई
थी।
उस
समय
भारतीय
टीम
का
नेतृत्व
भारत
के
तत्कालीन
सिंधु
आयुक्त
पीके
सक्सेना
ने
किया
था।
जल
को
लेकर
हर
साल
होती
है
बैठक
सिंधु
जल
संधि
(आईडब्ल्यूटी)
1960
के
प्रावधानों
के
अनुसार,
सिंधु
बेसिन
की
छह
नदियों
के
पानी
के
बंटवारे
पर
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
,
दोनों
देशों
में
सिंधु
आयुक्त
और
स्थायी
सिंधु
आयोग
है
जो
हर
साल
बैठक
करते
हैं।
नदियों
पर
अधिकार
बता
दें
कि,
सिंधु
बेसिन
की
छह
नदियों
में
से,
भारत
के
पास
तीन
पूर्वी
नदियों
सतलुज,
ब्यास
और
रावी
पर
अधिकार
हासिल
है।
वहीं,
चिनाब,
झेलम
और
सिंधु
पर
पाकिस्तान
का
अधिकार
है।
बता
दें
कि,
मार्च,
2021
को
नई
दिल्ली
में
आयोजित
पिछली
बैठक
में
जल
विज्ञान
और
बाढ़
के
आंकड़ों
पर
चर्चा
की
गई
थी।
इस
दौरान
भारत
और
पाकिस्तान
ने
सिंधु
जल
संधि
को
उसकी
वास्तविक
भावना
से
लागू
करने
के
लिए
अपनी
प्रतिबद्धता
दोहराई
थी।
दोनों देशों के बीच आखिरी बार दिसंबर 2015 में राजनयिक वार्ता हुई थी, और जब वे बातचीत की बहाली की घोषणा करने में कामयाब रहे। जबकि पठानकोट हमले के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।