दस करोड़ होंगे खाते तो खाली खातों का कौन होगा जिम्मेदार?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत जनवरी माह तक दस करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन बिना पैसे वाले खाते यानी खाली खातों का कौन जिम्मेदार होगा। यही सबसे बड़ा सवाल है। दरअसल, आंकड़ों की माने तो अभी तक खोले सात करोड़ खातों में से 75 फीसदी खातों में कोई पैसा नहीं है। यानी बैलेंस शून्य है। 75 फीसदी खातों को आंकड़ों में तब्दली करें तो करीब 5.4 करोड़ खातों में कोई पैसा ही नहीं है।
क्या सब्सिडी तक ही सीमित रह जाएंगे खाते
आधे से ज्यादा खातों में अगर रकम नहीं होगी तो गरीब परिवार के बैंक में खोले गए बचत खाते सिर्फ एक सब्सिडी खाते के रूप में सीमित होकर रह जाएंगे। आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कहा कि आधार कार्ड नम्बर को बैंक खातों से जोड़ा जाए।
सरकार का मानना है कि इससे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत समाज में सुनिश्चित वर्ग के लोगों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी पहुंचाई जा सकेगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक सात करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं। जिनमें से सरकारी बैंकों ने अभी तक 6.15 करोड़ खाते खोले हैं।