गूगल की मदद से थर्ड पार्टी ऐप्स अभी भी कर रहे हैं आपके Gmail डेटा में सेंधमारी, चौंकाने वाला खुलासा
वॉशिंगटन। गूगल की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जुलाई में आई रिपोर्ट के मुताबिक दावा किया गया था कि थर्ड पार्टी ऐप्स गूगल के ईमेल प्लेटफॉर्म Gmail को एक्सेस कर उसमें मौजूद हमारी जानकारी को पढ़ सकता है और डाटा चोरी भी कर सकता है। इस बात को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूगल को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। लेकिन एक बार फिर वही जानकारी सामने आ रही है कि गूगल अभी भी थर्ड पार्टी ऐप्स को जीमेल एक्सेस दे रहा है और वो यूजर्स के डाटा को पढ़ सकते हैं। गुरुवार को सीएनएनमोनी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Gmail थर्ड पार्टी ऐप्स डेवलपर्स को अपने ईमेल प्लेटफॉर्म का एक्सेस दे रहा है।
हो रहा यूजर्स के निजी डेटा का हनन
डेवलपर्स को यूजर्स के मेल में जाकर उनकी निजी जानकारी देखने की इजाजत दे रही है। ऐसे में ये जूजर्स के निजी डेटा का हनन कर रहे हैं। अमेरिकी सेनेटर्स को भेजे एक पत्र का हवाला देते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डेवलपर्स तभी तक थर्ड पार्टीज के साथ डेटा व अन्य जानकारी शेयर कर सकते हैं जब तक वे यूजर्स के साथ इस बात की पारदर्शिता बरतें कि वे किस तरह से इस्तेमाल कर रहा है। वही गूगल के पब्लिक पॉलिसी ऐंडे गवर्नममेंट अफेयर्स फॉर द अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट ने इस लेटर में कहा है कि गूगल की पॉलिस को यूजर्स भी आसानी से एक्सेस कर सकते हैं ताकि पॉलिसी की पूरी जानकारी उनको मिल सके।
रिपोर्ट में दावा थर्ड पार्टी ऐप्स को जानकारी देखने की है इजाजत
इसी साल जुलाइ में वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि जीमेल की ऐक्सेस सेटिंग्स थर्ड पार्टी ऐप डेवलेपर्स और कंपनियों को यूजर्स के मेल और उसकी निजी जानकारी देखने की इजाजत देती है। इसके साथ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था गूगल के पास ऐसे बहुत से थर्ड पार्टी ऐप्स हैं जो यूजर्स की प्राइवेसी का हनन कर रहे हैं। इसके बाद भी गूगल उनको लगातार जीमेल स्कैन करने की परमिशन दे रहा हैं।
क्या जवाब दिया था गूगल ने?
हालांकि इस पर गूगल ने एक ब्लॉग क के जरिए अपनी सफाई देते हुए कहा था कि वो इस पर लगातार काम कर रहा हैं। गूगल ने कहा था वो उन ऐप्स की जांच कर रहा है जिनके जीमेल के साथ इंटिग्रेट होते हैं। गूगल क्लाउड के ट्रस्ट ऐंड पॉलिसी के डायरेक्टर ने कहा था हम अन्य डेवलपर्स की ऐप्लिकेशन को जीमेल के साथ इंटिग्रेड करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। गूगल के इस ऐलान के बाद भी आज तक कोई ज्यादा बदलाव देखने को मिला है।
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