Global Hunger Index रिपोर्ट गैर-जिम्मेदाराना और शररातपूर्ण: RSS के संगठन ने कहा हो कार्रवाई
Global Hunger Index report 2022: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने आज 2022 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को 'गैर-जिम्मेदाराना और शररारतपूर्ण' बताते हुए केंद्र सरकार से भारत को 'बदनाम' करने वाले प्रकाशकों खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने कहा है कि पिछले साल भी यह गलती की गई थी और उसे बार-बार जानबूझकर दोहराया जा रहा है। संघ के संगठन ने कहा है कि भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है और अनाज का निर्यातक है। यही नहीं बीते 28 महीनों से केंद्र सरकार दुनिया की सबसे विशाल खाद्य सुरक्षा योजना चला रही है, लेकिन यह सबकुछ जानते हुए भी अगर भारत को बदनाम करने की कोशिश हो रही है तो इसके जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी जरूरी है।
भारत को बदनाम करने के लिए तैयार की गई रिपोर्ट- स्वदेशी जागरण मंच
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की रिपोर्ट में 121 देशों की सूची में भारत को 107वां स्थान दिया गया है, जो कि इसके दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से भी नीचे है। हाल ही में यह रिपोर्ट आयरलैंड की कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी की वेल्ट हंगर हाइलाइफ की ओर से जारी की गई है। ये दोनों गैर-सरकारी संगठनें हैं। इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए संघ के संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है, 'जर्मनी के गैर-सरकारी संगठन वेल्ट हंगर हाइलाइफ ने एक बार फिर से वर्ल्ड हंगर इंडेक्स के आधार पर 121 देशों की रैंकिंग जारी की है, जो भारत को बदनाम करने के लिए बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना तरीके से तैयार की गई है।' इसके मुताबिक, 'सच्चाई से दूर यह रिपोर्ट ना सिर्फ गड़बड़ है, बल्कि ना सिर्फ आंकड़ों के नजरिए से लेकिन, विश्लेषण और कार्यप्रणाली के दृष्टिकोण से भी हास्यास्पद है। पहले पिछले साल अक्टूबर में भारत की रैंक 116 देशों की लिस्ट में 101 था।'
भारत को बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो- एसजेएम
स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स का भी जोरदार विरोध किया था और आंकड़ों, देश के मूल्यांकन में इस्तेमाल की गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। आएसएस से जुड़े संगठन ने कहा है, 'विश्व खाद्य संगठन (एफएओ) ने तब कहा था कि भूल सुधार की जाएगी। लेकिन, एक बार फिर से वही गलत डेटा और कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करके रिपोर्ट जारी की गई है।' मंच का आरोप लगाया है कि 2022 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स प्रकाशकों का दुर्भावनापूर्ण इरादा स्पष्ट करता है। स्वदेशी जागरण मंच की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'स्वदेशी जागरण मंच एक बार फिर से इस रिपोर्ट के खिलाफ रोष जताता है और सरकार से अनुरोध करता है कि इस रिपोर्ट को खारिज करे और भारत की खाद्य सुरक्षा को लेकर झूठ फैलाकर भारत को बदनाम करने वाले संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।'
'भारत का अनाज उत्पादन प्रति व्यक्त 227 किलो'
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा है कि भारत ना सिर्फ अनाज और बाकी खाद्य उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर है, बल्कि यह इनका निर्यात भी करता है। उन्होंने कहा कि साल 2021-22 में भारत का कुल अनाज उत्पादन 3,160 लाख टन रहा, जो कि 227 किलो प्रति व्यक्ति है। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार ना केवल दुनिया की सबसे विशाल खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम चला रही है, जिसमें खाने की चीजों के अलावा, अनाज और दालें भी पिछले 28 महीनों से 80 करोड़ देशवासियों के बीच वितरित किए जा रहे हैं।
भारत और भारतीय नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिश-संघ का संगठन
स्वदेशी जागरण मंच के पदाधिकारी के मुताबिक मुफ्त अनाज वितरण के अलावा केंद्र सरकार की ओर से 7.71 करोड़ बच्चों और 1.78 करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए अलग से पूरक पोषण आहार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिसमें 14 लाख आंगनवाड़ियों की सहायता ली जा रही है। महाजन बोले- 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट सैद्धांतिक तौर पर पूरी तरह से अनुपयोगी है और भारत और इसके नेतृत्व समेत कुछ विकासशील देशों को बदनाम करने की कोशिश मालूम पड़ती है।' उनके मुताबिक इस समय इस रिपोर्ट की झूठ को 'पूरी तरह से उजागर' करने की जरूरत है और जमीनी हकीकत के आधार पर 'सही आंकड़े' पेश किए जाने की जरूरत, जो कि 'आंकड़ों की बाजीगरी से मुक्त' हो।
सरकार ने रिपोर्ट को किया है खारिज
इससे पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को ही इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को खारिज कर दिया था है और इसे भारत की छवि खराब करने की कोशिश कहा था। सरकार ने इसकी सूचकांक पद्धति पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिसने भूख के बारे में सही नजरिया नहीं अपनाया है। वैसे विपक्ष ने बहती गंगा में हाथ देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की है और 'नाकामियों' की जिम्मेदारी लेने की मांग की है। (अश्वनी महाजन की तस्वीर उनके ट्विटर हैंडल से)