कोरोना वायरस: स्वास्थ्य मंत्रालय ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए जारी की गाइडलाइन
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में अभी तक 151 मामले सामने आए हैं। जबकि तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार को लेकर दिशा-निर्देश तय किये गए हैं। गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना वायरस के चलते मरीज की मौत होने के बाद उसका अंतिम संस्कार आसपास ही करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी छह पेज की नई गाइडलाइन के तहत परिजन अपने संबंधी की मौत के बाद केवल एक बार मृतक का चेहरा देख सकते हैं। मंत्रालय ने अंतिम रस्म के समय भी कम से कम लोगों को आने की सलाह दी है। अंतिम संस्कार के लिए शव को लेजाने में स्टाफ के कर्मचारियों को सुरक्षा के सभी मानकों का पालना करने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि, कोरोना से संक्रमित यदि कोई मरीज की मृत्यु होती है तो उसके शरीर पर इम्बाबिंग (एक लेप जिससे की शव काफी समय तक सुरक्षित रहता है) नहीं किया जाएगा। साथ ही जहां शव को रखा गया हो वहां का तापमान 4 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए।
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शव को परिजन को सौपने से पहले की गाइडलाइन
1.
शव
में
जितने
भी
ट्यूब
बाहर
से
लगे
हों
उसे
निकाल
दें।
2.
यदि
कोई
बाहरी
छिद्र
किया
हो
तो
उसे
भर
दिया
जाए।
3.
शव
में
किसी
भी
तरह
का
लीकेज
नहीं
हो
यह
सुनिश्चित
किया
जाए।
4.
शव
को
लीक
प्रूफ
प्लास्टिक
बैग
में
रखा
जाए।
5.
मृतक
के
इलाज
के
दौरान
जिस
किसी
भी
सर्जिकल
अपरेटस
का
प्रयोग
हुआ
हो
उसे
सही
तरीके
से
सेनेटाइज
किया
जाए।
शव के अंतिम संस्कार से पहले की गाइडलाइन
1.
जो
टीम
पोस्टमार्टम
कर
रही
हो
उसे
संक्रमण
रोग
की
जानकारी
होना
जरूरी।
2.
जिस
कमरे
में
पोस्टमार्टम
हो
रहा
हो
वहां
डॉक्टरों
की
संख्या
सीमित
हो।
3.
वहां
पर
सही
तरीके
से
हाइजीन
का
ख्याल
रखा
जाए।
4.
जिस
कमरे
में
पोस्टमार्टम
हो
वहां
के
तापमान(4
डिग्री)
का
ख्याल
रखना
बेहद
जरूरी।
5.
एक
बार
में
केवल
एक
शव
का
पोस्टमार्टम
हो।
6.
डॉक्टर
और
नर्स
पोस्टमार्टम
के
समय
पूरे
कपड़े
में
हो।
शरीर
का
कोई
भी
हिस्सा
खुला
नहीं
होना
चाहिए।
गाइडलाइन
1-शव
को
सिर्फ
एक
बार
परिजनों
को
देखने
की
इजाजत
होगी।
2.
यदि
कोई
धार्मिक
रीति
रिवाज
है
तो
उसे
किया
जा
सकता
है,
लेकिन
उसके
लिए
शव
को
जिस
बैग
में
रखा
गया
है
उसे
खोला
नहीं
जाएगा।
3.
शव
को
स्नान
कराने,
गले
लगाने
(किस
करने)
की
मनाही
है।
4.
शव
यात्रा
में
शामिल
लोग
अंतिम
क्रिया
के
बाद
सभी
पूरी
तरह
से
हाथ-मुंह
को
साफ
करेंगे
और
सेनेटाइजर
का
इस्तेमाल
करें।
5.
शव
को
जलाने
के
बाद
राख
को
नदी
में
प्रवाहित
कर
सकते
हैं।
इससे
कोई
खतरा
नहीं
हैंय़
जलने
के
बाद
किसी
भी
तरह
की
कोई
परेशानी
नहीं
है।
6.
जितना
हो
सके
कम
से
कम
संख्या
में
लोग
शवयात्रा
में
जाएं।
7.
अस्पताल
से
शव
को
खास
तरह
के
बॉडी
बैग
में
ले
जाया
जाए।
8.
जो
कोई
भी
शव
लेकर
चले
वह
सर्जिकल
मास्क,
ग्लब
और
जरूरी
कपड़े
बिना
पहने
नहीं
आए।
9.
शव
यात्रा
में
शामिल
गाड़ी
को
भी
बाद
में
सेनेटाइज
किया
जाए।
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