अथ श्री पंजाब संपूर्ण चुनाव कथा, एक नजर में अब तक की पूरी कहानी
पंजाब चुनाव में आम तौर पर हर बार बीजेपी-अकाली गठबंधन और कांग्रेस से मुकाबला होता था लेकिन इस बार AAP के आने से बनी त्रिकोणीय स्थिति से बादल सरकार को खतरा है।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव इस बार कई मायनों में खास हैं। पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP), कई साल से राज्य की सियासत में दखल रखने वाली कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। बीजेपी-अकाली गठबंधन राज्य में 10 साल से सत्ता में है और जीत की लय बरकरार रखने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस वापसी की राह देख रही है। पंजाब की 117 सीटों पर हुए चुनाव कांग्रेस के लिए राज्य में यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई की तरह है। AAP के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हुआ है। लोकसभा चुनाव में राज्य में तीन सीटें पाने वाली AAP यहां काफी समय से सक्रिय है और जीत का दम भर रही है।
कब हुआ मतदान?
पंजाब के विधानसभा चुनावों के लिए एक ही चरण में मतदान हुआ। राज्य की 117 सीटों के लिए 4 फरवरी को मतदान हुआ। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई में चुनाव लड़ रहे बीजेपी-अकाली दल गठबंधन के लिए इस बार जीत की राह आसान नहीं है। कांग्रेस और AAP दोनों पार्टियों ने यहां कांटे की टक्कर दी है।
चुनाव की बड़ी-बड़ी बातें-
- -पंजाब चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा ड्रग्स का था। कांग्रेस और AAP ने बादल सरकार पर राज्य को नशे में डुबोने का आरोप लगाया तो वहीं बीजेपी और अकाली दल ने विपक्षियों पर राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
- - अकाली दल-बीजेपी गठबंधन ने राज्य में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा तो वहीं कांग्रेस और AAP ने यहां बदलाव और राज्य को संकट से उबारने की बात को प्रमु
- - चुनावी वादे में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो ड्रग्स की तस्करी के आरोप में बादल सरकार के मंत्री विक्रम मजीठिया को एक महीने के अंदर जेल भेज देंगे।
- - कांग्रेस ने सरकार बनने पर बादल सरकार के काले कारनामे सामने लाने और घोटालों की जांच कराने की बात कही।
- - केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने जाने की अटकलों को खारिज करते हुए आम आदमी पार्टी ने घोषणा की कि राज्य का मुख्यमंत्री पंजाब से ही होगा।
- - नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी का दामन छोड़ा तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने उनकी ओर हाथ बढ़ाया। हालांकि कांग्रेस से उनकी बातचीत पक्की हुई और वह कांग्रेस के टिकट पर अमृतसर ईस्ट से चुनाव मैदान पर उतरे।
पंजाब का कुल वोटिंग प्रतिशत
पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार 77.36 फीसदी वोटिंग हुई। यह आंकड़ा पिछले चुनावों के मुकाबले कम है। चुनाव आयोग के आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि पंजाब में 2012 के विधानसभा चुनाव में 79 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने वोट डाला था। इस साल ज्यादा वोट पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा था।
आम आदमी पार्टी की विधानसभा में होगी एंट्री?
पंजाब में AAP ने सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और मजबूती से चुनाव लड़ा। 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में पहली बार आम आदमी पार्टी ने जीत के साथ दस्तक दी और चार सांसद चुने गए। पूरे देश में लोकसभा चुनाव हारने वाली पार्टी को पंजाब में जीत मिली तो पार्टी ने निगाहें दिल्ली के साथ यहां भी टिका लीं। पार्टी ने अपना जनाधार बढ़ाने के लिए निचले स्तर से संगठन को मजबूती से खड़ा किया और सबसे पहले उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी। पार्टी विवादों में घिरी और राज्य में पार्टी के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर ने पार्टी से बागी तेवर अपना लिए। AAP के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगे लेकिन पार्टी ने किसी भी स्थिति में चुनाव में खुद को कमजोर नहीं दिखने दिया।
कांग्रेस के समीकरण
पंजाब में बिखरी पड़ी कांग्रेस को चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर आए नवजोत सिंह सिद्धू ने नया उत्साह दिया है। माना जा रहा है कि सिद्धू के आने का फायदा कांग्रेस को होगा। सिद्धू ने खुद को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी से इस्तीफा दिया था और कांग्रेस का दामन थामने के बाद बीजेपी पर जमकर निशाना भी साधा। सिद्धू ने बीजेपी की हर कमजोर नब्ज पर वार किया और चुनाव मैदान में बेनकाब करने की कोशिश की। माना जा रहा है कि इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा।
बीजेपी-अकाली दल गठबंधन
राज्य में 10 साल से शासन कर रहे बीजेपी-अकाली दल गठबंधन ने एक बार फिर साथ को बरकरार रखा और चुनाव मैदान पर उतरे। इस बार इस गठबंधन की चुनावी राह आसान नहीं रही। हर बार राज्य में कांग्रेस से मुकाबला होता था लेकिन इस बार AAP के आने से बनी त्रिकोणीय स्थिति से बादल सरकार को खतरा है। सरकार पर लगे गंभीर आरोपों का असर भी वोटरों पर माना जा रहा है।
एग्जिट पोल के नतीजे
चुनाव के बाद गुरुवार को आए एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई जा रही है। राज्य में कांग्रेस और आप दोनों को 55-55 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, सबसे बुरा हाल बीजेपी-अकाली दल गठबंधन का नजर आ रहा है जिसे सिर्फ सात सीटें मिलने के आंकड़े आए हैं। अगर एक्जिट पोल को सही मानें तो राज्य में कांग्रेस या आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है। कांग्रेस की सरकार बनी तो यहां 10 साल से चला आ रहा उसका सत्ता का सूखा खत्म होगा।