छत्तीसगढ़:खैरागढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य यशोदा वर्मा लड़ेंगी चुनाव
Chhattisgarh: Announcement of Congress candidate for Khairagarh by-election, Yashoda Verma will contest from Congress ticket
रायपुर, 22 मार्च। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले की खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इस सीट से विधायक रहे देवव्रत सिंह के निधन के बाद हो रहे खैरागढ़ उपचुनाव के लिए यशोदा वर्मा को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है । यशोदा वर्मा अपने क्षेत्र की बेहद ही प्रभावशाली नेत्री हैं। वह राजनांदगांव जिला पंचायत की पूर्व सदस्य रह चुकीं है और मौजूदा वक़्त में खैरागढ़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी हैं। कांग्रेस ने कुल 24 दावेदारों के बीच यशोदा वर्मा को टिकट दिया है।
खैरागढ़ विधानसभा के लिए 12 अप्रैल को मतदान और 16 अप्रैल को मतगणना
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की खैरागढ़ विधानसभा के लिए होने वाला उपचुनाव कई मायनो में खास है। 4 नवंबर 2021 को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ यानि जोगी कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह ने निधन हो जाने के बाद से यह सीट खाली है। खैरागढ़ विधानसभा के लिए 12 अप्रैल को मतदान और 16 अप्रैल को मतगणना होनी है। कांग्रेस, भाजपा, जोगी कांग्रेस समेत कई अन्य दल के प्रत्याशी भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
24 दावेदारों के बीच यशोदा ने मारी बाजी
इस बात का पहले से ही अंदाज़ा था कि यह इस सीट पर राजनीतिक दल महिलाओं पर दांव खेलेंगे। कांग्रेस ने इस मामले में बाजी मारते हुए सबसे पहले अपनी उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है। रायपुर में हुई कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में कुल 24 दावेदारों के नाम रखे गए थे। जिसमे से 7 नामो को शार्ट लिस्ट करते हुए केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष भेजा गया था। इन नामों में पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, पदम कोठारी, यशोदा वर्मा, दशमत जंघेल, ममता पाल के नाम पर चर्चा हुई थी। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी मुकुल वासनिक ने इन नामो में से यशोदा वर्मा का नाम फ़ाइनल किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस सम्बन्ध में पत्र जारी करके प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है।
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देवव्रत सिंह के निधन के बाद से सीट खाली है खैरागढ़ सीट
गौरतलब है कि 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ यानि जोगी कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ते हुए खैरागढ़ राजघराने के देवव्रत सिंह ने यहां से चुनाव जीता था। 4 नवम्बर 2021 को विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद से यह सीट खाली है। साल 2013 में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के गिरवर जंघेल यहां से विधायक चुने गए थे,जबकि 2007 में हुए उपचुनाव और 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कोमल जंघेल ने खैरागढ़ सीट जीती थी । जबकि 2006 से पहले कांग्रेस के देवव्रत सिंह ही खैरागढ़ से विधायक हुआ करते थे।
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पूर्व सीएम और मौजूदा सीएम की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
खैरागढ़ में होने वाला उपचुनाव ना केवल वहां से नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशी लड़ेंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी लड़ेंगे, यानी इस चुनाव में दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसकी वजह भी बेहद ही साफ है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हुए चित्रकोट, मरवाही और दंतेवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। माना जाता है कि यह जीत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कि अगुवाई में ही मिली है। जाहिर सी बात है छत्तीसगढ़ में टीम भूपेश बघेल अपनी जीत का सिलसिला जारी रखना चाहेगी।
वहीं खैरागढ़ रियासत जो राजनांदगांव जिले में आती है, उस राजनांदगांव सीट से पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह विधायक हैं। इतनी ही नहीं खैरागढ़ से लगा हुआ कवर्धा भी डॉ. रमन सिंह का गृह नगर होने के नाते उनके प्रभाव वाला क्षेत्र है, लिहाजा खैरागढ़ उपचुनाव को छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और मौजूदा सीएम के बीच की जंग के तौर पर देखा जायेगा।
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