128 पद्म पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ का एक भी नाम नहीं, कांग्रेस ने बताया छत्तीसगढ़ का अपमान !
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रायपुर ,26 जनवरी। गणतंत्र दिवस केंद्र सरकार की तरफ से पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया,लेकिन 14 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब छत्तीसगढ़ से किसी भी विभूति को पद्म सम्मान की सूची में जगह नही दी गई। इस साल पद्म पुरस्कारों की सूची में देश के विभिन्न राज्यों की 128 हस्तियों के नाम शामिल किए गए हैं। गौरतलब है कि साल 2008 से लेकर 2021 तक हर साल छत्तीसगढ़ की किसी न किसी हस्ती को पद्म सम्मान मिलता रहा है। छत्तीसगढ़ पद्म पुरस्कारों की सूची से बाहर रखे जाने को कांग्रेस राजनीतिक दुर्भावना मान रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ की किसी भी विभूति को पद्म पुरस्कारों की सूची में स्थान नहीं दिया गया है । सुशील आनंद शुक्ला ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है क्या इसीलिए प्रदेश की प्रतिभाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया गया है? सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से पद्म पुरस्कारों के लिए कुछ नामों की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी गई थी,लेकिन यह दुःखद है कि किसी भी नाम को तवज्जो नहीं दी गई। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष पद्म विभूषण के लिए कुल चार, पद्म भूषण के लिए 17 और पद्मश्री सम्मान के लिए 107 नामों का चयन किया है।
दरअसल भारत सरकार हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों के लिए किसी क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को चुनती है। पुरस्कार के लिए अपने उल्लेखनीय कार्यों का विवरण देते हुए आवेदन करना होता है। सरकार की तरफ से विभूतियों को विभिन्न पद्म पुरस्कारों के माध्यम से उनके उत्कृष्ठ कार्य को मान्यता प्रदान की जाती है। भारत सरकार कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाली विभूतियों को सम्मानित करती है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला पद्म पुरस्कार डॉ. ए.टी. दाबके को मिला था। उन्हें 2004 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। जबकि छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पंडवानी गायिका तीजन बाई ही एकमात्र ऐसी हस्ती हैं,जिन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री यह तीनों सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।