शहादत को सलाम: कोबरा कमांडो सूरज ने उफनाते नाले में बचाई असिस्टेंट कमांडेंट की जान, खुद हुए शहीद
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हाल ही में CRPF की एक टीम जंगल में ऑपरेशन मानसून के तहत गश्त पर निकली थी। तभी उनके रास्ते में एक बरसाती नाला आ गया, जिसे जवान एक-दूसरे की सहायता से पार करने लगे। कुछ ही देर में वहां पर असिस्टेंट कमांडेंट ने मदद की गुहार लगाई। इस पर CRPF 210 बटालियन के कोबरा कमांडो सूरज आर. तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने अपने अधिकारी की जान तो बचा ली, लेकिन खुद शहीद हो गए। अब सोशल मीडिया पर उनकी बहादुरी का किस्सा वायरल हो रहा है।
किनारे पर पहुंच गए थे सूरज
जानकारी के मुताबिक ये घटना शुक्रवार की है। उस दिन सुबह 7 बजे CRPF का दल नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन पर निकला था। मानसून की वजह से एक बरसाती नाले में पानी ज्यादा हो गया, जिसे जवान एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पार कर रहे थे। इस दल में कोबरा कमांडो सूरज आर. भी शामिल थे। वो किनारे पर पहुंच गए थे, तभी अचानक से उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट की आवाज सुनी।
अचानक छूटा हाथ
अपने अधिकारी की जान खतरे में देख सूरज फिर से नाले में चले गए। इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट को बचा लिया, लेकिन उनका हाथ छूट गया। जिस वजह से वो पानी के तेज बहाव के साथ बह गए। CRPF की टीम ने उनको खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं मिले। सूरज केरल के रहने वाले थे। उनके साथियों ने ये फैसला लिया है कि वो अपने साथी के घर जाएंगे और जिंदगी भर उनकी मदद करेंगे। वहीं सूरज की बहादुरी का किस्सा सुन पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है।
क्या है ऑपरेशन मानसून?
दरअसल छत्तीसगढ़ के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं। वहां पर ठंडी और गर्मी के सीजन में नक्सली लगातार अपना कैंप बदलते रहते हैं, ताकि सुरक्षाबल उनकी तलाश ना कर सकें, लेकिन बारिश के मौसम में वो ज्यादातर एक जगह पर कैंप लगाकर रहते हैं। इस वजह से इन दिनों सीआरपीएफ ऑपरेशन मानसून चला रही है। जिसके तहत खराब मौसम में घने जंगलों में जाकर नक्सलियों की तलाश की जाती है।
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