आस्ट्रेलिया में बाढ़ राहत के लिए अभियान शुरू (लीड-1)
क्वींसलैंड के दो तिहाई भाग में पानी भरा है। राजमार्ग और रेल पथ क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि हवाई अड्डों से सेवाएं संचालित नहीं हो रही हैं।
बाढ़ से तबाह आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में एक महीने से जारी बाढ़ की विभीषिका से यहां के कोयले खदान और खेत पानी से भरे पड़े हैं जबकि सबसे बड़े शहर में चारों ओर पानी जमा है।
वर्ष 1974 के बाद ब्रिसबेन में आई सबसे भीषण बाढ़ से करीब 15,000 घर और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के तबाह होने के बाद क्वींसलैंड की प्रमुख अन्ना ब्लिघ ने कहा, "युद्ध के बाद जिस पैमाने पर पुनर्निर्माणका काम किया जाता है हम उसी तरह का अभियान चला रहे हैं।"
आस्ट्रेलिया के तीसरे बड़े शहर के 115,000 घरों में बिजली नहीं है। कारोबार ठप सा हो गया है और हजारों की संख्या में लोग शिविरों में मौजूद हैं। घरों में कई मीटर तक पानी भरा है।
ब्लिघ ने चेतावनी देते हुए कहा, "यहां ऐसे लोग होंगे जो अपने घर जाएंगे लेकिन वे अपने घरों को रहने योग्य नहीं पाएंगे।"
हिंद महासागर में गिरने वाली उफनाती नदी ने अपने रास्ते में पड़ने वाले कस्बों को बहा ले गई। यह आस्ट्रेलिया के इतिहास में सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा है।
केवल पिछले सप्ताह में 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
क्वींसलैंड के दो तिहाई भाग में पानी भरा है। राजमार्ग और रेल पथ क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि हवाई अड्डों से सेवाएं संचालित नहीं हो रही हैं।
देश में पुनर्निर्माण के लिए 4.9 अरब डॉलर की व्यवस्था की गई है जबकि बाढ़ से नुकसान इससे कहीं ज्यादा हुआ है।
बैंक 'यूबीसी' के अर्थशास्त्री मैथ्यू जॉनसन ने कहा कि वर्ष 2005 में तूफान कैटरीना ने जितना प्रभाव अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर डाला था उससे कहीं ज्यादा इस बाढ़ का प्रभाव आस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
आस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने कहा, "यह काफी कठिन समय है और हमें क्वींसलैंड निवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आवश्यकता है क्योंकि उसके सुधार में महीनों लगेंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।