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Diwali 2018: दीपावली में सुख-समृद्धि के उपाय

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लखनऊ। मां लक्ष्मी की आराधना के पर्व दीपावली में सभी लोग अपने घर की साफ-सफाई करके व घर को दीपों के प्रकाश से उज्जवल करके अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए मां की आराधना करते है। दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमवास्या को मनाया जााता है। इस वर्ष यह पर्व 7 नंवबर दिन बुधवार को पड़ रहा है।

चलिए जानते है कि दीपावली पर सुख-समृद्धि के लिए उपाय...

शुभ पूजन मुहूर्त

शुभ पूजन मुहूर्त

  • प्रदोष काल-प्रदोष काल समय को दिपावली पूजन के लिये शुभ मुहूर्त के रुप में प्रयोग किया जाता है। प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न समय सबसे उतम रहता है। इस दिन सांय 05ः59 से 07ः53 के दौरान वृष लग्न रहेगी। इस वक्त दीपावली पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहता है।
  • निशीथ काल-निशिथ काल में स्थानीय प्रदेश समय के अनुसार इस समय में कुछ मिनट का अन्तर हो सकता है. 7 नवम्बर को रात्रि 08ः11 से 10ः52 तक निशिथ काल रहेगा। निशिथ काल में रात्रि 07ः10 से रात्रि 20ः51 तक की शुभ उसके बाद अमृत की चैघडिया रहेगी। ऐसे में व्यापारियों वर्ग के लिये लक्ष्मी पूजन के लिये शुभ रहेगा।
  • महानिशीथ काल- धन लक्ष्मी का आहवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य सम्पूर्ण कर लेना चाहिए. इसके अतिरिक्त समय का प्रयोग श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य मंन्त्रों का जपानुष्ठान करना चाहिए। 7 नवम्बर 2018 के रात्रि में 10: 52 से 25:32 मिनट तक महानिशीथ काल रहेगा। महानिशीथ काल में पूजा समय चर लग्न में कर्क लग्न उसके बाद सिंह लग्न भी हों, तो विशेष शुभ माना जाता है. महानिशीथ काल में कर्क लग्न और सिंह लग्न होने के कारण यह समय शुभ हो गया है. जो जातक शास्त्रों के अनुसार दिपावली पूजन करना चाहते हो, उन्हें इस समयावधि में पूजन करना चाहिए।

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सुख-समृद्धि के कुछ विशेष उपाय

सुख-समृद्धि के कुछ विशेष उपाय

  • दीपावली के दिन किसी गरीब को सामथ्र्य अनुसार गेंहूं या चावल दान करें।
  • दीपवाली की रात्रि पूरे घर में घण्टी या डमरू बजाना चाहिए।
  • गणेश लक्ष्मी पूजन के दौरान लक्ष्मी जी का आसन गणेश जी की मूर्ति के दांयी ओर रखना चाहिए क्योंकि बांयी ओर पत्नी का आसन होता है।
  • दीपावली के दिन घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक बनाना चाहिए।
  • इस दिन पूरे घर में सेंधा नमक डालकर पोंछा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक उर्जा घर से बाहर चली जाती है।
  • मां लक्ष्मी की कृपा

    मां लक्ष्मी की कृपा

    • दीपावली की रात्रि में पूजन के समय 21 हकीक के पत्थरों का भी पूजन करना चाहिए। पूजन करने के पश्चात् उन्हें अपने निवास में कहीं भी गाड़ देना चाहिए। ऐसा करने से वर्ष भर देवी लक्ष्मी का स्थायी वास रहता है।
    • दीपावली के पूजन के समय 501 ग्राम सूखे छुआरों को लाल कपड़े में बाॅधकर धन रखने के स्थान पर रखना चाहिए। 51 दिवस तक निरन्तर कुछ रूपये माता के मन्दिर में माॅ लक्ष्मी के नाम से अर्पित करना चाहिए तथा माॅ लक्ष्मी से सम्पत्ति, सम्पन्नता का निवेदन करना चाहिए।
    • दीपावली के पूजन के समय मां लक्ष्मी की पुरानी तस्वीर पर अपनी पत्नी के हाथ से पूर्ण सुहाग सामग्री अर्पित करें। दीपावली के अगले दिन आपकी पत्नी स्नान करने के पश्चात उस सामग्री को माॅ लक्ष्मी का प्रसाद मानकर ग्रहण कर ले तथा उसका स्वयं प्रयोग कर माॅ लक्ष्मी को अपने घर में स्थायी वास करने का निवेदन करें। तो पूरे वर्ष मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
    • दक्षिणावर्ती शंख का पूजन

      दक्षिणावर्ती शंख का पूजन

      दक्षिणावर्ती शंख का पूजन दीपावली में विधिवत करने से प्रचुर मात्रा में धन आता है। दक्षिणावर्ती शंख का षोडशोपचार पूजन करने के पश्चात निन्म मन्त्र की 5 माला का जाप करना चाहिए-

      'ऊॅ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीधरकस्थाय पयोनिधिजाताय श्री दक्षिणावर्तंसंखाय ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीकाराय पूज्याय नमः'

      दीपावली के पूजन से पूर्व किसी भी दिन निर्धन सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री देनी चाहिए। इस उपाय को करने से माॅ लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
      दीपावली के दिन सांयकाल में माॅ लक्ष्मी या दुर्गा जी के मन्दिर में दो जगह सवा सौ ग्राम रोली, इतना ही सिन्दूर, सवा मीटर लाल कपड़ा, नारियल व कुछ रूपये रखकर पूजन करना चाहिए। पूजन के पश्चात एक स्थान की सामग्री मन्दिर में ही अर्पित करें और दूसरे स्थान की सामग्री स्वयं लाल कपड़ें में बाॅधकर अपने धन रखने के स्थान पर रख देें। इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करती है।

       विशेष

      विशेष

      • जो लोग कलम-दवात का पूजन करते है। वे निम्न मन्त्र का जाप करें- ऊॅ महाकाले नमः ऊॅ लेखन्यै नमः
      • जो जातक बही-खाता का पूजन करते है। वे निम्न मन्त्र का जाप करें- ऊॅ सरस्वत्यै नमः।
      • जो लोग कूबेर पूजन1⁄4तिजोरी-बाक्स1⁄2 करते है। वे इस मन्त्र का जाप करें- कृतेन अनेन पूजनेन कुबेरः प्रीयताम न मम्।
      • जो जातक तुला, तराजू, कांटा आदि का पूजन करते है। वे इस मन्त्र का जाप करें- ऊॅ तुलाय नमः।
      • जो लोग दीपक का पूजन करते है। वे इस मन्त्र का जाप करें- ऊॅ दीपवृक्षाय नमः

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Comments
English summary
Diwali or Deepavali is the Hindu festival of lights celebrated every year in autumn in the northern hemisphere (spring in southern hemisphere).here is some unknown facts about this Festival.
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