क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अश्लीलता परोसते ओटीटी प्लेटफार्म पर नियम-कायदों का अंकुश जरूरी!

By दीपक कुमार त्यागी
Google Oneindia News

लॉकडाउन के दौरान जब देश में सभी लोग अपने घरों में एक तरह से कैद थे, तो उस समय सबसे सुलभता से उपलब्ध मनोरंजन के सशक्त प्लेटफॉर्म के तौर पर ओटीटी प्लेटफार्म देश में उभरा था, देश में इस प्लेटफार्म का चलन बहुत तेजी से बढ़ा था, सिनेमा हाल बंद होने की वजह से अचानक बड़े-बड़े धुरंधर ओटीटी प्लेटफार्म पर आ गये थे, आज बहुत बड़ी संख्या में हर उम्र के दर्शक किसी ना किसी देशी या विदेशी ओटीटी प्लेटफार्म से जुड़े हुए हैं। भारतीय बाजार के मद्देनजर आयेदिन भारतीय दर्शकों के लिए नयी फिल्म या वेब सीरीज़ ओटीटी प्लेटफार्म पर उपलब्ध होती है।

अश्लीलता परोसते ओटीटी प्लेटफार्म पर नियम-कायदों का अंकुश जरूरी!

उसी कड़ी में देश में ओटीटी प्लेटफार्म अमेजॉन प्राइम वीडियो पर 15 जनवरी शुक्रवार को सैफ अली खान व डिंपल कपाड़िया की वेब सीरीज 'तांडव' रिलीज हुई है, जिसके बाद से ही यह सीरीज़ जबरदस्त विवादों में घिरती नज़र आ रही है। इस वेब सीरीज़ के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों की बड़ी मुहिम चल रही है, देश में बहुत सारी जगह तो इस सीरीज़ से जुड़े हुए कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है, कुछ आम दर्शक तो वेब सीरीज़ के निर्माताओं पर सीधे आरोप लगा रहे हैं कि इसमें उन्होंने जानबूझकर भगवान शिव और भगवान राम का अपमान करने का दुस्साहस किया है, लोगों का कहना है कि जानबूझकर सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था से खेलने का कार्य किया गया है, दर्शकों का आरोप है कि इस सीरीज़ में प्रधानमंत्री पद की गरिमा को धूमिल करने का दुस्साहस किया गया है, साथ-साथ जातिगत व धार्मिक विवादित टिप्पणी करके देश के आम लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का प्रयास किया गया है। इस स्थिति के बाद बहुत सारे ल़ोगों का मत है कि 'केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय' को लोगों की आस्था व भावनाओं से खिलवाड़ करने वाली 'तांडव' वेब सीरीज़ पर तत्काल प्रतिबंध लगा देना चाहिए, जिसको लेकर के देश में जगह-जगह से लोगों की मांग कर रहे हैंं।

अश्लीलता परोसते ओटीटी प्लेटफार्म पर नियम-कायदों का अंकुश जरूरी!

हालांकि ओटीटी प्लेटफार्म पर यह कोई पहली विवादित वेब सीरीज या फिल्म नहीं है इसके पहले भी कई ऐसी फिल्में और वेब सीरीज विभिन्न कम्पनियों के ओटीटी प्लेटफार्म पर आ चुकीं हैं, पूर्व में भी इस तरह से ही मंंदिर में राम धुन पर किसिंग सीन फिल्मा कर सनातन धर्म के लोगों की भावनाओं से खेलने का कार्य एक ओटीटी प्लेटफार्म के द्वारा किया गया था, उस समय भी खूब विवाद हुआ था। लेकिन आज फिर से वही स्थिति है इस तरह की सीरीज़ व फिल्म बनाने वालें निर्माताओं को यह समझना चाहिए कि जिस दिन देश की जनता को यह समझ में आ गया कि यह देशी-विदेशी ओटीटी प्लेटफार्म असभ्यता, अश्लीलता, हिंसा, सेक्स और गाली-गलौज परोस कर अपना उल्लू सीधा करके दर्शकों से धन कमाने का काम कर रहे हैं, उस दिन बिना किसी सरकारी दवाब व दिशा-निर्देश के दर्शक ना मिलने के चलते सभी कुछ बहुत जल्दी सही हो जाएगा। इन ओटीटी प्लेटफार्म चलने वाले प्रबंधन के लोगों को समय रहते यह समझना होगा कि भारत की सम्मानित जनता किसी की भी अभिव्यक्ति की आज़ादी के विरोधी नहीं है, लेकिन वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आस्था व भावनाओं से खिलवाड़ करने पर अब चुप नहीं बैठेगी, बहुत जल्द वह अधिकांश ओटीटी प्लेटफार्म के विरोध में खड़ी हो जायेगी। लेकिन फिलहाल मौजूदा स्थिति के बाद मन में अब प्रश्न यह उठता है कि आखिरकार हमारे देश में आयेदिन अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ होने वाली वेब सीरीज़ों के द्वारा देश के हर उम्र के लोगों के बीच जमकर अश्लीलता, फूहड़ता व गालीगलौज क्यों परोसी जा रही है और बार-बार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का कार्य क्यों किया जा रहा है, हर बार वेब सीरीज़ व फिल्मों के देश-विदेश में निशुल्क प्रचार व जबरदस्त टीआरपी हासिल करने के लिए कोई ना कोई विवादित सीन उसमें डाल दिया जाता है, जिसके दम पर विवाद खड़ा करके दर्शकों को वेब सीरीज़ व फिल्म देखने के लिए आकर्षित करके ओटीटी प्लेटफार्म के द्वारा आम जनमानस की भावनाओं से खिलवाड़ करके जमकर धन कमाया जा रहा है।

अश्लीलता परोसते ओटीटी प्लेटफार्म पर नियम-कायदों का अंकुश जरूरी!

देश में मौजूदा समय में ओटीटी प्लेटफार्म के लिए कोई नियम कायदे कानून नहीं बने हुए है, जिसका यह लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर गालीगलौज व अश्लीलता परोस कर नाजायज फायदा उठा रहे हैं और बार-बार घटनाओं की पुनरावृत्ति देखकर लगता है कि वेब सीरीज़ के निर्माताओं के लिए धन ही सभी कुछ हो गया है उसके लिए चाहे देश की सभ्यता का मानमर्दन ही क्यों ना करने पड़े। अभी तक के विवादों के बाद भी हमारे देश का 'केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय' इस तरह के नकारात्मक हालात पर ना जाने क्यों रोक नहीं लगा पा रहा है, जो स्थिति हमारे देश के सभ्य समाज के लिए बिल्कुल भी बेहतर नहीं है।

विवाद के चलते वेब सीरीज 'तांडव' के निर्माता बोले- हटाए जाएंगे विवादित सीनविवाद के चलते वेब सीरीज 'तांडव' के निर्माता बोले- हटाए जाएंगे विवादित सीन

देश में चल रहे सभी देशी-विदेशी ओटीटी प्लेटफार्म को यह ध्यान रखना चाहिए कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर उनको वेब सीरीज़ों में अश्लीलता परोसने का अधिकार नहीं मिला हुआ है, उनको हमारी धार्मिक आस्थाओं पर प्रहार करने का अधिकार नहीं मिल जाता। बार-बार घटित हो रही घटनाओं के मद्देनजर अब 'केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय' को तत्काल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने की ज़रूरत है, उसके लिए सख्त नियम कायदे व कानून बनाने की जरूरत है। क्योंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जिस तरह से बेखौफ होकर गालीगलौज व अश्लीलता परोसी जा रही है वह हमारे देश के किशोरों को गलत दिशा में ले जाने का कार्य कर रही है। भारत सरकार को देश की युवा पीढी के हित के लिए बहुत जल्द इस पर तत्काल अंकुश लगाने की आवश्यकता है। बार-बार विवाद होने पर भारत सरकार के द्वारा पल्ला झाड़ने और हाथ खड़े कर देने से अब काम नहीं चलने वाला है। सरकार के यह कहने से कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अंकुश लगाना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इससे अब काम नहीं चलने वाला है, सरकार को जल्द नियम बनाकर ओटीटी प्लेटफार्म को अपने अधिकार क्षेत्र में लाना होगा।

अश्लीलता परोसते ओटीटी प्लेटफार्म पर नियम-कायदों का अंकुश जरूरी!

आज ओटीटी प्लेटफार्म पर कम से कम भारत सरकार को बड़े पर्दे पर आने वाली फिल्मों की तरह सीबीएफसी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) को लागू कर देना चाहिए, जिसे हमारे देश में प्राचलित भाषा में सेंसर बोर्ड कहा जाता है, जिसका कार्य वास्तव में फिल्मों को सेंसर करना नहीं है, बल्कि वह एक ऐसी संस्था है, जो फिल्मों को देखकर उनको सर्टिफिकेशन देती है कि कौन-सी फिल्म किस कैटेगरी (ए, यूए या यू) की है, कुछ फिल्म निर्माता चाहते हैं कि उनकी फिल्में ए से यूए या यूए से यू की कैटेगरी में आ जाएं तो बोर्ड के सदस्य उनको सुझाव देते हैं कि फलां-फलां सीन काट दो और उन संवाद को काट दीजिए, आपकी फिल्म को आपके द्वार चाहने वाली कैटेगरी मिल जायेगी।सरकार को ओटीटी प्लेटफार्म पर यह कानून लागू करने का लाभ होगा, कम से कम ओटीटी प्लेटफार्म के दर्शक को पहले से ही यह जानकारी हो जायेगी कि वेब सीरीज़ या फिल्म में किस तरह के सीन व संवाद हैं। जिस तरह से अभी तक ओटीटी प्लेटफॉर्म की वेब सीरीजों व फिल्मों में बिना किसी सीन की मांग के बेवजह की अश्लीलता व किरदारों के मूँह में गालियां ठूंसी जा रही हैं अधिकांश संवादों में दुअर्थी भाषा और संबोधन में विशेषण के लिए गालियों का चलन हो गया है, इस तरह की स्थिति भारतीय सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। भारत सरकार के 'केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय' को ओटीटी प्लेटफार्म के हालात पर तत्काल विचार करके नियम कायदे कानून बनाकर के भारतीय समाज में संस्कार व सभ्यता बनाए रखने के लिए स्वच्छता अभियान चलाना चाहिए।

(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)

Comments
English summary
It is necessary to curb the rules on the OTT platform serving pornography!
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X