क्या होता है हवाला लेन देन जिसके आरोप में फंसे हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री
नई दिल्ली, 31 मई। जैन के खिलाफ ईडी का यह केस 2017 में उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर की गई एक एफआईआर के आधार पर टिका है. एफआईआर में जैन पर चार कंपनियों के जरिए धन शोधन का आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने दावा किया था कि जैन के इन चारों कंपनियां से किसी ने किसी तरह से संबंध थे.
ईडी का आरोप है कि 2015-16 में इन कंपनियों को 4.81 करोड़ रुपये मिले थे. ये पैसे इन कंपनियों में कुछ शेल कंपनियों ने डाले थे जिसके लिए पहले कोलकाता स्थित कुछ हवाला ऑपरेटरों को नकद पैसे दिए गए थे. ईडी का आरोप है कि जैन, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों ने इन पैसों का इस्तेमाल दिल्ली और उसके आस पास कृषि भूमि खरीदने के लिए किया.
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क्या होता है हवाला
हवाला मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है लेन देन. माना जाता है कि आधुनिक बैंकिंग प्रणालियों के विकसित होने से पहले हवाला के जरिए ही पैसों का लेन देन किया जाता था. माना जाता है कि पुराने जमाने में भारतीय और अरबी व्यापारियों ने चोरी से बचने के लिए भारत में ही इस व्यवस्था की शुरुआत की. अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था के आ जाने के बाद हवाला व्यवस्था बंद हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
आज हवाला भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी का पर्याय बन गया है. भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में हवाला ऑपरेटरों का एक विस्तृत जाल फैला हुआ है जिसके जरिए आसानी से कहीं से भी कितना भी पैसा सरकारी एजेंसियों की नजर बचा कर इधर से इधर किया जा सकता है.
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इसके तहत पैसों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने की जरूरत नहीं पड़ती. हवाला ऑपरेटर एक जगह पैसे ले लेते हैं और दूसरी जगह अपने नेटवर्क का इस्तेमाल अपने किसी सहयोगी के जरिए उतना ही पैसा पहुंचा देते हैं. इससे पैसा एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाता और सरकारी एजेंसियों की निगाह से बच जाता है.
क्या है सजा
इस लेन देन के लिए हवाला ऑपरेटर एक कमीशन लेते हैं जो उनकी कमाई का जरिया होता है. हवाला ऑपरेटर अक्सर वैध व्यापार भी चलाते हैं और उसकी आड़ में हवाला व्यवस्था चलाते हैं. जानकारों का कहना है कि दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाला व्यवस्था का गढ़ है. अधिकांश हवाला लेन देन दुबई से ही संचालित होते हैं.
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भारत में हवाला विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है. धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध से हासिल किए गए पैसे से किसी भी रूप से संबंधित होने वाले को और उस पैसे या संपत्ति को सफेद पैसा या कमाई दिखाने वाले को धन शोधन का दोषी माना जाता है. इसके लिए तीन साल से ले कर सात साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
Source: DW