Pench Tiger Reserve: जानलेवा बाघ का बदला...’ सिवनी के ग्रामीणों ने पशु चिकित्सक को पीटा, पलटाई गाड़ियां तोड़फोड़
एमपी के सिवनी जिले के गांव में पहले बाघ ने आतंक मचाकर ग्रामीण की जान ली, फिर गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर तांडव मचाया। फॉरेस्ट कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और तोड़फोड़ करते हुए उनकी गाड़ियां पलटा दी।
एमपी के टाइगर फॉरेस्ट एरिया से लगे हिस्सों में टाइगर के हमले जारी हैं। सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व के रुखड़ बफर जोन से लगे गांव में बाघ ने दस्तक दी और हमला कर एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। बाघ को भगाने पहुंचे अन्य ग्रामीण भी उसके हमले का शिकार होते गए। घटना सूचना वन विभाग को की गई, लेकिन घंटो बाद टीम पहुंची। जिससे ग्रामीण भड़क गए और टाइगर रिजर्व से आई टीम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जिसमें एक पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा बुरी तरह घायल हो गए। हालात पर काबू पाने पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा, तब कही जाकर उग्र भीड़ शांत हुई।
बाघ ने ग्रामीण को उतारा मौत के घाट
टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल मध्य प्रदेश में जहां बाघों की हिफाजत बहस का मुद्दा हैं, तो वहीं टाइगर फॉरेस्ट एरिया से लगे गांव के लोगों की जिंदगी बड़े खतरों के बीच हैं। सिवनी जिले में हुई हिंसक घटना इसी का नतीजा है। पेंच टाइगर रिजर्व के रुखड़ बफर जोन से भागे टाइगर ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक चुन्नीलाल पटले बफर जोन से लगे गोंडेगांव का ही रहने वाला था। बताया गया कि चुन्नीलाल अपने घर के ही पास था, तभी अचानक बाघ आ गया और हमला कर दिया।
4 अन्य ग्रामीणों को भी बाघ ने किया घायल
हमले की खबर लगते इकटठा हुए ग्रामीण बाघ को खदेड़ने जुटे। लाठी-डंडो के सहारे बाघ को भगा रहे ग्रामीण भी हमले का शिकार हुए। तीन-चार ग्रामीणों को बाघ ने पंजे मारकर घायल कर दिया। इससे गांव में और ज्यादा दहशत बढ़ गई। लोगों ने इस मामले की खबर वन विभाग और पुलिस को दी। ग्रामीण वन विभाग के जल्दी पहुंचने का इंतजार कर रहे थे लेकिन बाघ का तांडव जारी था। गांव में एक तरह से भगदड़ जैसे हालात बन गए।
वन विभाग की टीम पर उतरा हमले का गुस्सा
चुन्नीलाल की मौत फिर 3-4 ग्रामीणों पर जानलेवा हमला से ग्रामीण भी उग्र हो गए। उनका गुस्सा पर पहुंची वन विभाग की टीम पर फूटा। इस टीम में वन रक्षक और पेंच टाइगर रिजर्व के डॉक्टर भी शामिल थे। ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों के साथ मारपीट की और उनको खदेड़ दिया। फिर एक के बाद एक उनके वाहनों को तोड़फोड़ करते हुए पलटा दिया। इस घटना में पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा बुरी तरह घायल हो गए, जबकि एक वन रक्षक सारिक खान वर्दी फाड़ने का भी ग्रामीणों पर आरोप हैं।
हालात पर काबू पाने पहुंचा पुलिस बल
ग्रामीणों की उग्र भीड़ से बने तानव के हालात पर काबू पाने कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। गुस्साएं ग्रामीण जब समझाइश पर नहीं माने तो उन पर हल्के बल का प्रयोग कर भीड़ को तितर बितर किया। बाघ के हमले और ग्रामीणों के उपद्रव में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। वहीं पुलिस ने पेंच टाइगर रिजर्व के डॉक्टर और वन रक्षक पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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मृतक के परिजनों को 8 लाख की आर्थिक मदद
घटना का शिकार हुए ग्रामीण और उनके परिजनों का कहना था कि वह आए दिन टाइगर रिजर्व के जानवरों के हमले का शिकार हो रहे हैं। बफर जोन से उनकी चहल-कदमी ग्रामीणों के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है, जिस पर रोक लगना चाहिए। इस घटना के बाद सिवनी कलेक्टर और एसपी घटना स्थल भी पहुंचे, जिसके बाद मृतक ग्रामीण चुन्नीलाल पटले के परिजनों को 8 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक दिया। अधिकारियों ने घटना पर दुःख जताते हुए ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि वह पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन से उनकी मांगों के संबंध में चर्चा करेंगे।