पाकिस्तान ने 20 साल में पहली बार आतंकी को अपनाया, सीमा पार करने की कोशिश में हुआ था घायल
इस्लामाबाद, 05 सितंबरः भारत ने पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी का शव सौंप दिया है। दिलचस्प बात ये है कि 20 सालों में पहली बार पाकिस्तान ने माना है कि राजोरी में घुसपैठ के दौरान घायल फिदायीन उसका नागरिक था। हालांकि, अब तक हर आतंकी घटना में वह इन्हें अपनाने से इनकार करता रहा है। पुंछ के चक्का दा बाग में एलओसी पर शव सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मृत फिदायीन का शव पाकिस्तानी सेना ने कब्जे में ले लिया है।
21 अगस्त को पकड़ाया आतंकी
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली के सब्जकोट गांव निवासी तबारक हुसैन ने पिछले महीने 21 अगस्त को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। इस दौरान वह पकड़ा गया। पकड़े जाने के दौरान वह घायल भी हो गया था। उसके पैर और कंधे पर गोली लगी थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा था। बीते 3 सितंबर को इलाज के दौरान सैन्य अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से आतंकी की मौत हो गई।
जवानों ने चार बोतल खून भी दिया
रक्षा प्रवक्ता के अनुसार सैन्य अस्पताल में उपचाराधीन तबारक को शनिवार को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। इससे पहले अत्यधिक खून बहने पर सैन्य जवानों ने उसे अपना चार बोतल खून भी दिया था। सर्जरी कर उसके शरीर से गोलियां निकाली गई थीं, लेकिन शनिवार शाम करीब 8 बजे दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। एलओसी पर जिंदा पकड़े गए आतंकी तबारक हुसैन ने सैन्य अस्पताल में माना था कि पाकिस्तानी सेना के कर्नल ने उसके समेत फिदायीन दस्ते को भारतीय सेना पर हमले के लिए भेजा था।
कर्नल ने आतंक फैलाने के लिए दिए रुपये
तबारक को पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूसुफ ने हमले के लिए 30 हजार रुपये भी दिए थे। इस दौरान उसे पांच बंदूकें भी दी गईं। आंतकी द्वारा हमले के लिए सेना की तीन अग्रिम चौकियों की रेकी भी गई थी। हालांकि सीमा पार करते वक्त वह घायल हो गया। इस दौरान उसके साथी फरार हो गए। 22 अगस्त को पकड़ा गया तबारक एक ट्रेंड आतंकी था। इससे पूर्व वर्ष 2016 में भी सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसा था। तब वह अपने भाई हारून अली के साथ आया था।
पहले भी भारत आ चुका था आतंकी
भारत में 2 साल की सजा काटने के बाद भारत ने मानवीय आधार पर उसे नवंबर 2017 में पाकिस्तान भेज दिया था। लेकिन इस बार वह फिदायीन हमले की तैयारी के साथ अन्य आतंकियों के साथ एलओसी से दाखिल होने की कोशिश में पकड़ा गया। गोली लगने से घायल होने पर तबारक चिल्ला रहा था- मैं यहां मरने के लिए आया था, मुझसे धोखा हुआ, भाई जान मुझे यहां से निकालो।
पाक अधिकारी को शव सौंपा गया
रविवार को पोस्टमॉर्टम सहित सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हुसैन का शव उसकी मौत के दो दिन बाद पाकिस्तान को सौंप दिया गया। पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर चाकन दा बाग चौराहे पर पुलिस और सिविल अधिकारियों की मौजूदगी में शव पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा गया।
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