
VIDEO : मंगल पर इंसानों का 'घर' Martian ! बेडरूम, शॉवर और टॉयलेट समेत समेत खेती का भी इंतजाम
लंदन / ब्रिस्टल, 25 अगस्त : मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों के लिए एक उत्साहभरी खबर है। ब्रिटेन में एक ऐसी इमारत का निर्माण हुआ है, जो मंगल ग्रह के अनुमानित क्लाइमेट के मुताबिक तैयार की गई है। ब्रिटेन के ब्रिस्टल में मार्शन हाउस नाम के प्रोजेक्ट में ये बताने का प्रयास किया गया है कि मंगल ग्रह पर इंसान किस तरह रह सकता है। दो मंजिला इमारत 53 वर्गमीटर क्षेत्र में तैयार किया गया है। माइनस 63 डिग्री के औसत तापमान से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है। इमारत को तैयार करने में अंटार्कटिक ब्रिस्टल यूनि के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का अहम भूमिका रही है।

किरणों से बचाव के लिए लेयर
मार्शन हाउस सामान्य घरों की तरह है। किचन, बाथरूम और बेडरूम सबकुछ है, लेकिन मार्शन हाउस में रहने के लिए कुछ सावधानी जरूरी है। प्रमुख आर्किटेक्ट ह्यूग ब्रॉटन ने बताया कि जब आप मंगल ग्रह पर रहते हैं तो बाहर के जहरीले वातावरण के कारण घर को एयरटाइट रखना होता है। बाहर एक ऐसी लेयर चाहिए जिससे खतरनाक किरणों से बचा जा सके।

मंगल ग्रह पर मिट्टी के बिना खेती
बेडरूम और बाथरुम लावा ट्यूब में अंडरग्राउंड हो जाएंगे और जमीन के ऊपर लिविंग रूम होगा। डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, वास्तुकार, इंटीरियर और स्कूली बच्चों के साथ सात साल का समय जीया है। इस अवधि में समझने का प्रयास किया गया है कि मंगल पर स्थायी रूप से कैसे रहा जा सकता है। मार्शन हाउस में जलवायु को नियंत्रित कर हाइड्रोपॉनिक तरीके से यानी मिट्टी के बगैर पौधे उगाए गए हैं। इसका मकसद सेहत ठीक रखना है।

मंगल ग्रह का घर मार्शन हाउस धरती से कितना अलग
मार्शन हाउस की इंटीरियर डिजाइनर एला गुड ने बताया कि इस घर से लोगों को भविष्य के जीवन के बारे में सोचने का मौका मिलता है। वे कल्पना करने के अलावा समझ सकते हैं कि धरती पर रहने की तुलना में मंगल पर रहना कितना जुड़ा हुआ है।

शॉवर और टॉयलेट्स के इंतजाम
सौर पैनलों द्वारा संचालित प्रोटोटाइप मार्शन हाउस का निचला स्तर परियोजना और चित्रों के विवरण के साथ एक होर्डिंग से घिरा हुआ है। मंगल ग्रह पर रहने के लिए तैयार प्रोटोटाइप भूमिगत स्तर पर पर्यावरण नियंत्रण कक्ष होगा। इसमें घर को शक्ति प्रदान करने वाली सभी जीवन समर्थन प्रणालियां, एक शॉवर और एक कम पानी वाला 'मार्टियन टॉयलेट' भी होगा। इसे नासा के लूनर लू प्रतियोगिता के विजेताओं ने डिज़ाइन किया है।

बिल्डिंग में अंटार्कटिक जैसा वातावरण
मंगल ग्रह पर रहने के लिए तैयार भवन मार्शन हाउस में ऊपरी लेयर सोने जैसी किसी चीज से कवर की गई है। यह रहने का प्रमुख स्थान है। संरचना में आसानी से आग भी लग सकती है, लेकिन सौर किरणों और ब्रह्मांड के विकिरण को प्रतिबिंबित किया जा सकता है। तमाम पहलुओं को ध्यान रखते हुए बिल्डिंग में अंटार्कटिक जैसा वातावरण तैयार करने का प्रयास किया गया है।

तीन-चार महीनों तक अंधेरा
मार्शन हाउस के प्रिसिंपल आर्किटेक्ट ह्यूग ब्रॉटन के मुताबिक अंटार्कटिक के बर्फीले वातावरण में अधिकांश समय घरों के अंदर रहना पड़ता है। पानी और ईंधन के इस्तेमाल को भी सीमित रखना होगा। कई बार तीन-चार महीनों तक अंधेरे में भी रहना पड़ सकता है।

लाल ग्रह पर जीवन के संकेत
बेडरूम का आकार छोटा है। टॉयलेट बनाने के अलावा वॉश बेसिन और काम करने की शेल्फ जैसी चीजें भी मुहैया कराई गई हैं। टॉयलेट में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। लाइफ सपोर्ट सिस्टम के अलावा दो कॉन्पैक्ड बेडरुम पॉड भी हैं।
यहां देखें मार्शन हाउस की वीडियो
मार्शन हाउस तब तक देख सकेंगे
माना जाता है कि लाल ग्रह पर जीवन के संकेत मिले हैं, लेकिन वैज्ञानिक किसी पुख्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं। मंगल ग्रह का मकान मार्शन हाउस प्रोजेक्ट आम लोगों के लिए अगस्त से अक्टूबर की अवधि के लिए खोला गया है।