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साल 2015 लेकर आया अमेरिका और भारत में और नजदीकी

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व‍ाशिंगटन। भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में सितंबर 2014 में एक अहम पड़ाव देखने को मिला जब राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी का व्‍हाइट हाउस में स्‍वागत किया।

इसके बाद वर्ष 2015 की शुरुआत हुई तो राष्‍ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्‍ट बनकर भारत आए।

यह पहला मौका था जब कोई अमेरिकी राष्‍ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर चीफ गेस्‍ट बना हो। राष्‍ट्रपति ओबामा ने जहां अपनी मौजूदगी के साथ एक इतिहास कायम तो दुनिया को भी एक बड़ा संदेश गया।

अगर साल 2015 को भारत और अमेरिका के रिश्‍तों के लिए एक अहम साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। जो बदलाव इस वर्ष आए उनकी वजह से अमेरिका में रह रहे भारतीयों की भी महत्‍ता बढ़ी।

आगे की स्‍लाइड्स में दोनों देशों के बीच मजबूत हुए रिश्‍तों पर एक नजर डालिए।

ओबामा ने बताया मोदी को अपना 'अच्‍छा दोस्‍त'

ओबामा ने बताया मोदी को अपना 'अच्‍छा दोस्‍त'

विकास और सुधारों का एजेंडा लेकर सत्ता में आए भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना 'अच्छा दोस्‍त' बताया, के कार्यकाल में अमेरिका में निवास कर रहे भारतीय प्रवासियों का महत्व इस वर्ष अमेरिका में बढ़ा है।

पीएम मोदी मिले एनआरआई एंटरप्रेन्‍योर्स से

पीएम मोदी मिले एनआरआई एंटरप्रेन्‍योर्स से

संयुक्त राष्ट्र में ओबामा के साथ दुनिया के अन्य शक्तिशाली देशों के शीर्ष नेताओं के साथ हुई बैठकों के अलावा भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिका की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान जब सिलिकॉन वैली पहुंचे तो वहां उनसे मिलने वाले दिग्गज कारोबारियों में कई भारतीय शामिल रहे।

बंगा बने ओबामा के सलाहकार

बंगा बने ओबामा के सलाहकार

राष्‍ट्रपति ओबामा ने इस मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंगा को अपनी व्यापार नीति एवं वार्ता समिति का सलाहकार नियुक्त किया। आपको बता दें कि ओबामा प्रशासन में भारतीय मूल के अधिकारियों की संख्या सर्वाधिक है। इसके अलावा कई बड़ी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट और गूगल में भी भारतीयों को जगह मिली।

एक और एनआरआई को मिला बड़ा पद

एक और एनआरआई को मिला बड़ा पद

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी अमेरिका ने भारत के साथ आने का वादा किया। सिर्फ इतना ही नहीं राष्‍ट्रपति ओबामा ने भी भारतीय मूल के ही राशद हुसैन को अमेरिका का एंटी-टेररिज्‍म कम्‍यूनिकेशन स्‍ट्रैटेजी का विशेष राजदूत और समन्वयक नियुक्त किया है। हुसैन 2010 तक अमेरिका और पूरी दुनिया के मुस्लिम समुदाय के बीच साझेदारी स्थापित करने के मकसद से बनी संस्‍था के विशेष अमेरिकी समन्वयक रहे।

डीजे पाटिल बने चीफ डाटा साइंटिस्‍ट

डीजे पाटिल बने चीफ डाटा साइंटिस्‍ट

जब राष्ट्रपति कार्यालय के लिए पहले चीफ डाटा साइंटिस्‍ट की नियुक्ति की बात आई तो ओबामा ने अमेरिका को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमेरिका को दुनिया का बादशाह बनाए रखने के लिए नवीन नीतियों पर सलाह देने के लिए भारतीय मूल के ही 'डीजे' पाटील का चयन किया।

और कौन-कौन से भारतीय

और कौन-कौन से भारतीय

भारतीय मूल के एक अन्य दिग्गज राजीव शाह को भी अमेरिकी इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी से हटाकर गरीबी हटाने और उदारवाद को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए अभियान से जुड़ी एजेंसी में नियुक्त किया गया।

स्‍वाती बनीं एशियन बैंक की पहली भारतीय निदेशक

स्‍वाती बनीं एशियन बैंक की पहली भारतीय निदेशक

इसके अलावा एशिया विकास बैंक की अमेरिकी निदेशक स्वाती ए. दांडेकर, अमेरिका के चार विज्ञान राजदूतों में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई से शिक्षा प्राप्त अरुण मजुमदार और श्रीलंका तथा मालदीव में नियुक्त अमेरिकी राजदूत अतुल केशप शामिल हैं।

लाहिड़ी को मिला नेशनल मेडल ऑफ ऑर्ट्स

लाहिड़ी को मिला नेशनल मेडल ऑफ ऑर्ट्स

इस वर्ष राष्‍ट्रपति ओबामा और भारतीय मूल की पुलित्‍जर अवॉर्ड विजेता झुम्‍पा लाहिड़ी की मुलाकात भी काफी अहम रही। ओबामा ने पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय मूल की लेखिका झुम्पा लाहिड़ी को नेशनल मेडल ऑफ ऑर्ट्स-2014 प्रदान किया।

पीएम मोदी से लेकर सत्‍या नाडेला तक

पीएम मोदी से लेकर सत्‍या नाडेला तक

टाइम मैगजीन की वर्ष के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में मोदी के अलावा आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, गूगल के सीईओ सत्या नडेला और गैर सरकारी संगठन संगत के सह-संस्थापक विक्रम पटेल शामिल रहे। वहीं 'फॉरेन पॉलिसी' की टॉप थिंकर्स की लिस्‍ट में भी एपिबोन की सह-संस्थापक नीना टंडन और फेसबुक के भारतीय इंजीनियर जैनब घड़ियाली शामिल रहे।

अमेरिकी कॉलेज को दिए 10 करोड़ डॉलर

अमेरिकी कॉलेज को दिए 10 करोड़ डॉलर

न्यूयार्क में बस चुके भारतीय दंपति चंद्रिका और रंजन टंडन तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने न्यूयार्क विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग स्कूल को 10 करोड़ डॉलर का चंदा देने की घोषणा की। न्यूयार्क विश्वविद्याय को भारतीय मूल के किसी अमेरिकी नागरिक द्वारा दी गई यह संभवत: सबसे बड़ा चंदा रहा है।

बन गया एक रिकॉर्ड

बन गया एक रिकॉर्ड

अमेरिकी विद्यालयों में 2014-15 सत्र में अध्ययनरत भारतीय विद्यार्थियों की संख्या रिकॉर्ड 132,888 रही, जिन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 3.6 अरब डॉलर का योगदान दिया।

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English summary
Who can forget how US President Barack Obama graced the republic day when 2015 was just started and he became the first US president who attended India's republic day as a chief guest.
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