कौन होगा नया सेना प्रमुख? ये तीन नाम सुर्खियों में
मौजूदा सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग 31 दिसबंर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। फिलहाल नियुक्ति समिति ने 3 नामों की सिफारिश की है।
नई दिल्ली। इस साल 31 दिसंबर 2016 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) दलबीर सिंह सुहाग अपने पद से मुक्त हो जाएंगे।
परंपरागत रूप से इससे पहले सरकारें सेना प्रमुख का नाम दो माह पहले ही घोषित कर देती है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने यह रिवाज बदल दिया।
अपने कार्यकाल का पहला आर्मी चीफ नियुक्त करने जा रही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार को अगले तीन हफ्ते ही बचे हैं।
पूरी सेना सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे संदेशों के चलते अटकलों और अनुमानों से भरी है।
इतना ही नहीं इस दौरान यह बात भी चल रही है कि केंद्र सरकार स्थायी रूप से चीफ ऑफ स्टाफ - 4 स्टार नियुक्ति करने के लिए पद बनाने की तैयारी में है। जो तीनों सेवाओं के संगठन का हेड होगा।
पर्रिकर ने टिप्पणी से किया इनकार
पत्रिका इंडिया टुडे के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि स्थायी चेयर मैन ऑफ चीफ स्टाफ की नियुक्ति के बारे में हमने नहीं सुना। हमने 2 माह पहले ही अपनी सिफारिशें पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली एप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (ACC) को भे दी है।
वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वो ACC के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा केंद्र सरकार उस परंपरा का पालन नहीं करेगी जिसमें 80-90 दिन पहले ही सर्विस चीफ की नियुक्ति कर दी जाती थी।
हाल ही में आर्मी कमाण्डर लेवल के लोगों की नियुक्तियां अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के एक हफ्ते या 10 दिन के बाद की गई हैं। बता दें कि नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की नियुक्ति एडमिरल रॉबिन धवन के सेवानिवृत्त होने से ठीक 40 दिन पहले इसी 31 मई को किया गया था।
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लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी
सेना में रक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्ति करने के लिए गठित की गई कमेटी ने इस्टर्न आर्मी कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और सदर्न आर्मी कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हरीज का नाम आगे किया है।
इन तीनों अधिकारियों में लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी सबसे वरिष्ठ हैं और आर्मर्ड कॉर्प्स अधिकारी हैं। बख्शी स्किनर्स हॉर्स रेजिमेंट में कमीशन्ड हुए थे।
बख्शी ने जोधपुर स्थित 12 आर्मर्ड डिवजन और हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित योल कैंट स्थित 9 कॉर्प्स को कमाण्ड किया है। वो जम्मू और कश्मीर के उधमपुर स्थित नार्दन कमाण्ड के चीफ ऑफ स्टाफ रहे हैं, जहां पाकिस्तान और चीन दोनों की सीमाओं को संभालता है। ईमानदार अधिकारी माने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी ने कोलकाता स्थित इस्टर्न कमाण्ड भी संभाला था। बता दें कि इस्टर्न फ्रंटियर चीन,म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा को संभालता है।
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वाइस चीफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट बिपिन रावत
बात अगर वाइस चीफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट बिपिन रावत की करें तो इन्हें जम्मू और कश्मीर तथा पूर्वोत्तर में जवाबी कार्रवाई का उम्दा अनुभव है। वो 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट की 5वीं बटालियन में कमीशन्ड हुए थे। साथ ही कॉन्गो में यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपिंग ऑपरेशन में भी सेवाएं प्रदान की है। उन्हें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ तब नियुक्त किया गया था जब कश्मीर हिजबुल मुहजाहिदीन के कमाण्डर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद उबल रहा था।
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लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारीज
वहीं लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारीज मेकानाइज्ड इन्फैन्ट्री अधिकारी हैं और वो फिलहाल पुणे स्थित सदर्न कमाण्ड की अगुवाई कर रहे हैं। हारीज नया पदभार संभालने से पहले शिमला में प्रशिक्षण कमान के जनरल कमांडिंग ऑफिसर चीफ थे।
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