भारत में जानलेवा जीका वायरस ने दी दस्तक, WHO ने की तीन मामलों की पुष्टि
भारत में मिले जीका वायरस के तीनों ही मरीज अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के रहने वाले हैं। इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
नई दिल्ली। भारत में जानलेवा जीका वायरस ने दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि देश में जीका वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। ये तीनों ही मामले गुजरात के अहमदाबाद जिले में मिले हैं। पिछले साल ब्राजील समेत कई देशों में जीका वायरस ने जमकर दहशत मचाई थी। उस समय भारत इससे बचा रह गया था लेकिन इस बार डब्ल्यूएचओ ने जिस तरह से जानलेवा जीका वायरस के भारत में दस्तक देने की पुष्टि की है, इससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और गुजरात स्वास्थ्य मंत्रालय सक्रिय हो गया है।
जीका वायरस की दस्तक से हड़कंप
गुजरात के बापूनगर में मिले तीनों मामले
भारत में मिले जीका वायरस के तीनों ही मरीज अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के रहने वाले हैं। इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तीन अनुसंधानशालाओं ने बापूनगर के तीन मरीजों में जीका वायरस के पाए जाने की पुष्टि की है।
क्या बोले गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी ने कहा है कि वर्तमान में गुजरात में जीका वायरस के कोई मामले नहीं हैं। इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जीका वायरस के कुछ मामले सामने आए थे, हमने तुरंत ही विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार की गाइडलाइंस के तहत कार्रवाई की, जिससे इससे निपटने में कामयाब रहे।
एडीस नामक संक्रमित मच्छर से फैलता है जीका वायरस
बता दें कि जीका वायरस एडीस एजिप्टी नामक संक्रमित मच्छर के लोगों को काटने से फैलता है। इन मच्छरों से डेंगु और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी होती हैं। दूसरी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य के स्वास्थ्य विभागों को सभी मानक प्रोटोकॉल मानने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत पिछले कुछ साल से लगातार ऐसे वायरस से निपटने को कोशिश में लगा हुआ है, हम ऐसे वायरस की पहचान करने और इन्हें आगे बढ़ने से रोकने में सक्षम हैं।
कब सामने आया पहला मामला
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज (बीजेएमसी) ने 10 से 16 फरवरी 2016 के बीच 93 ब्लड सैंपल लिए थे। इनमें 64 वर्षीय एक बुजुर्ग में जीका वायरस पाए गए थे। ये देश में जीका वायरस का पहला मामला था। इसके बाद 9 नवंबर 2016 को 34 साल की महिला के ब्लड सैंपल में भी जीका वायरस के मिलने की पुष्टि हुई थी। इस महिला ने बीजेएमसी में ही एक बच्चे को जन्म दिया था। उस समय लिए गए उसके ब्लड सैंपल में जीका वायरस मिला था।
WHO ने जारी की हैं गाइडलाइंस
जीका वायरस का तीसरा एक 22 साल की गर्भवती महिला में मिलने की पुष्टि हुई है। महिला का ब्लड सैंपल उस समय लिया गया था जब उसके 37 हफ्ते का गर्भ था। फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीका वायरस से बचाव के लिए जरूरी सलाह और गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें सबसे जरूरी है मच्छरों की रोकथाम और उनको फैलने से रोकना।
इसके लक्षण और बचने के उपाय
जीका वाइरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, थकान और शरीर पर लाल चकत्ते जैसी समस्याएं होती हैं। गर्भवती महिलाओं पर इस वायरस का ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस से बचने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत मच्छरों को फैलने से रोका जाए। उनसे बचाव की कोशिश होनी चाहिए। पूरे बदन को ढंकने वाले कपड़े पहने जाएं। घरों में मच्छर को पनपने नहीं दिया जाए। मच्छर से बचाव के जरिए ही इस वायरस से बचा जा सकता है।