नोटबंदी की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और RBI से मांगा हलफनामा
Supreme Court review Demonetization: केंद्र सरकार की तरफ से 2016 में किए गए नोटबंदी के संवैधानिक वैधता को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। पीठ ने कहा कि जब संविधान पीठ के समक्ष कोई मुद्दा उठता है तो जवाब देना उसका कर्तव्य है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 9 नवंबर होगी। सुनवाई न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ कर रही है।
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि वह सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा पर "लक्ष्मण रेखा" से अवगत है। लेकिन फिर भी यह जानने के लिए 2016 के नोटबंदी के फैसले की जांच करनी होगी कि क्या यह मुद्दा केवल "अकादमिक" अभ्यास बन गया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह नोटबंदी को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा गया।
बता दें कि केंद्र कि मोदी सरकार की तरफ से 2016 में 500 और 1000 के पुराने नोट को बंद कर दिया गया था। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि देश से कालाधन बाहर करने को लेकर यह फैसला लिया गया है। साथ ही सरकार का कहना था कि इससे देश में नक्सली और आतंकवादी गतिविधियों को भी रोकने में सहायता मिलेगी।
वहीं, नोटबंदी की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बैकों और एटीएम मशीनों में लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती थीं। इस दौरान कई लोगों के मौत की भी खबर आई थी। नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हमला था। साथ ही विपक्षी पार्टियों ने इस फैसले के जरिए सरकार पर अर्थव्यवस्था को भी कमजोर करने का आरोप लगाया था।
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