प्रिंटिंग में गलतियों के बाद क्या 2000 का नोट भी बदला जाएगा, जानिए पूरा सच?
2000 रुपए के नोट को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर हल्ला मचा है।
दिल्ली। नोटबंदी की घोषणा के एक दिन बाद जब बैंकों से लोगों को 500 और 1000 नोट के बदले 2000 के नोट मिले तो वे काफी खुश हुए और कइयों ने इसके साथ सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर डाली।
लोगों ने जब 2000 रुपए के नोट को ध्यान से देखा तो उनको उसमें प्रिंटिंग में हुई गलतियां दिखीं और इस बारे में सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया कि क्या वे वास्तव में गलतियां हैं या नोट पर जो लिखा है, वही सही है?
लोगों के बीच यह अफवाहें भी हैं कि गलितयों की वजह से 2000 के इस नोट पर भी सरकार बैन लगा सकती है। आइए जानते हैं क्या इसके पीछे का सच?
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दो हजार के बदले दोन हजार क्यों?
नोट पर भारत की अलग-अलग भाषाओं में मूल्य छपे रहते हैं। विवाद इसी को लेकर हो रहा है। सबसे पहले सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया कि 'दो हजार' की जगह 'दोन हजार' क्यों छपे हैं?
लोगों की इस समस्या का समाधान तो तुरंत ही हो गया क्योंकि मराठी में 'दो हजार' को 'दोन हजार' कहा जाता है। लेकिन इसके बाद दो जगह 'दोन हजार' लिखे जाने पर एक अलग ही सवाल खड़ा हो गया। लेकिन इस पर भी सबकी अलग-अलग राय है।
दो जगह क्यों छपे हैं दोन हजार?
इस बारे में एक वेबसाइट ने सवाल खड़ा किया है कि 2000 के नोट पर दो जगह दोन हजार की छपाई में गलती है। सत्याग्रह नाम की न्यूज वेबसाइट का कहना है कि मराठी में दोन हजार ठीक लिखा है लेकिन कोंकण भाषा में इसे 'दोनि हजार' लिखा जाना चाहिए था जबकि इसे भी 'दोन हजार' लिखा गया है।
लेकिन न्यूज चैनल एबीपी के अनुसार कोंकण भाषा में भी दो को दोन ही लिखा जाता है, इसलिए मराठी और कोंकण भाषा में दोन हजार ठीक लिखा है। सोशल मीडिया पर भी जानकार लोग यही बात कह रहे हैं कि कोंकण भाषा में भी दोन हजार ही सही है।
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2000 के नोट पर उर्दू में दो हजार गलत लिखा है?
मराठी और कोंकण भाषा में दोन हजार के लिखे जाने पर सवाल उठने के बाद अब उर्दू के जानकार लोग सोशल मीडिया पर बता रहे हैं कि इस भाषा में दो हजार गलत लिखा है। साद नाम के शख्स ने ट्विटर पर लिखा है कि दो हजार को उर्दू में ऐसे लिखा गया है जो पढ़ने में 'लो हजार' जैसा लग रहा है।
हिंदी वन इंडिया ने की पड़ताल, जानिए सच?
हिंदी वन इंडिया ने भाषा के विद्वानों से संपर्क कर सच की पड़ताल की है। जांच में यह पता चला है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नोट छापने में कोई गलती नहीं की है। कोंकण भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है। गोवा में कोंकण भाषा, देवनागरी में लिखी जाती है जबकि कर्नाटक में यह कन्नड़ लिपि में लिखी जाती है। इसलिए दोन हजार, मराठी और कोंकण, दोनों भाषाओं में सही लिखा गया है।
2000 नोट की प्रिटिंग को लेकर फैली अफवाहों पर सरकार लगाए रोक
2000 नोट की प्रिंटिंग में हुई गलतियों को लेकर लोग अफवाहों का शिकार हो रहे हैं। कोई कह रहा है कि यह नोट भी बैन कर दिया जाएगा तो कोई इन गलतियों पर सरकार पर सवाल उठा रहा है। इंटरनेट के जरिए यह अफवाहें तेजी से फैल रही हैं।
2000 के नोट की प्रिंटिंग के बारे में नरेंद्र मोदी सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के स्पष्टीकरण का इंतजार है। इसके बाद ही इन अफवाहों पर विराम लग सकेगा।
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