अब नए सेलेक्शन सिस्टम के तहत IAF चुनेगा जाबांज पायलट
बेंगलुरु। जब देश की वायुसेना को नए और एडवांस जेट्स के साथ मॉर्डर्न कर दिया गया हो और इसे और एडवांस बनाने की तैयारी हो तो फिर भला पायलट का सेलेक्शन पुरानी तकनीक पर क्यों। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के इसी सुझाव को ध्यान में रखते हुए एयरफोर्स ने नया सेलेक्शन सिस्टम लांच कर दिया है।
मैसूर में नया पायलट सिस्टम
एयरफोर्स चीफ अरुप राहा ने शुक्रवार को मैसूर में नए कंप्यूटराइज्ड पायलट सेलेक्शन सिस्टम (सीपीएसएस) का उद्घाटन किया। मैसूर के एयरफोर्स सेलेक्शन बोर्ड में इस नए सिस्टम को लाया गया। यह नया सिस्टम पुराने पायलट एप्टीट्यूट बैटरी टेस्ट (पीएबीटी) की जगह लेगा। पीएबीटी कई दशकों से एयरफोर्स सेलेक्शन सिस्टम का हिस्सा था।
एयरफोर्स के प्रवक्ता ने इस बारे में बताया, 'सीपीएसएस के बारे में पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने सुझाव दिया था। उनका सपना था कि आज के एयरक्राफ्ट्स को देखते हुए पीएबीटी को भी बदलना चाहिए और इसकी जगह पर कोई बेहतर टेस्ट सिस्टम लाया जाना चाहिए।'
इस नए सिस्टम को डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च (डीआईपीआर) और एयर डिफेंस स्टैब्लिशमेंट (एडीई) ने डीआरडीओ की देखरेख में मिलकर डेवलप किया है।
मई 2016 तक पद पर बरकरार रहेंगे अविनाश चंदर
रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। मंत्रालय ने जो जानकारी दी है उसके तहत अविनाश चंदर 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे लेकिन अब वह 18 माह तक इस पद की जिम्मेदारी को संभालेंगे और 31 मई 2016 को उनका कार्यकाल खत्म होगा।
डॉक्टर अविनाश चंदर की नियुक्ति यूपीए-2 के समय में की गई थी। उस समय डॉक्टर वीके सारस्वत के सेवानिवृत्त होने के बाद डॉक्टर चंदर को डीआरडीओ प्रमुख का पद सौंपा गया था।
डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से वनइंडिया को दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो अब उनका कार्यकाल मई 2016 तक मान्य होगा।
एयरफोर्स को मिले नए परिंदे
वहीं बेंगलुरु में इंडियन एयरफोर्स की पासिंग आउट परेड में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए परमानेंट कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन से चयनित हुए पायलट्स ने शिरकत की। इस पीओपी का आयोजन बेंगलुरु के झालाहल्ली स्थित एयरफोर्स टेक्निकल (एफटीसी) कॉलेज पर हुआ। इस कोर्स के तहत पायलटों को 74 हफ्तों की ट्रेनिंग जिसमें से 22 हफ्ते एयरफोर्स एकेडमी और 52 हफ्तों की ट्रेनिंग एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज में दी गई।
मॉरीशस को दिए जाएंगे डॉर्नियर
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से जानकारी दी गई है कि उसने मॉरीशस की सरकार के साथ एक करार साइन किया है। इस करार के तहत मॉरीशस को डॉर्नियर एयरक्राफ्ट्स की आपूर्ति की जाएगी। यह एयरक्राफ्ट मैरीटाइम सर्विलांस में मॉरीशस का सहायता देंगे।
एचएएल के साथ यह कांट्रैक्ट मॉरीशस के प्रधानमंत्री कार्यालय के सीनियर चीफ एग्जिक्यूटिव कान ओय फोंग वेंग पुरुन और एचएएल के मैनेजिंग डायरेक्टर एस सुब्रहमण्यम ने साइन किया।
एचएएल के चेयरमैन आरके त्यागी ने इस करार पर कहा कि वह इसके लिए रक्षा मंत्रालय के समर्थन, कोस्ट गार्ड और मॉरीशस की सरकार की शुक्रिया अदा करते हैं।