मणिपुर में विद्रोही भी हुए मतदान में शामिल, डाला वोट
विद्रोही गुट चुनाव में वोटिंग नहीं करते हैं लेकिन इस बार विद्रोहियों के कैंप से भी वोट डाले गए। 2012 के बाद ये दूसरी बार है, जब इन कैंपों के लोग वोट डालने के लिए आगे आए हैं।
इंफाल। मणिपुर में शनिवार को पहला चरण का मतदान हुआ। इस चरण में कई ऐसे इलाकों में भी वोटिंग हुई जहां विद्रहियों का प्रभाव है। अमूमन ये विद्रोही चुनाव में वोटिंग नहीं करते हैं लेकिन इस बार विद्रोहियों के कैंप से भी वोट डाले गए। 2012 के बाद ये दूसरी बार है, जब इन कैंपों के लोग वोट डालने के लिए आगे आए हैं। पहचान-पत्र और अपनी पहचान छुपाने को लेकर ये विद्रोही वोट डालने से बचते दिख रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में प्रतिबंधित विद्रोही समूहों के कैंपों तक पहुंचना आसान नहीं है। कुकी नेशनल आर्मी का कैंप भी पहाड़ी पर है। शनिवार को इस कैप के कैडर भी वोट डालने पहुंचे। पहली बार 2012 में इन्होंने वोट डाला था। कैंप के 104 में से 23 कैडर ने वोट डाला। कैंप के लोगों ने बताया कि हम अपने नकली नामों के साथ रहते हैं जो टाइगर और ईगल जैसे कुछ होते हैं। इस वजह से भी सभी लोग वोट नहीं दे पाते। इन लोगों का प्रचलित नाम कुछ और जबकि पहचान-पत्र पर कुछ और होता है।
विद्रोही
कैंपों
के
कैडर
अमूमन
कांग्रेस
को
वोट
करते
हैं।
आसपास
के
गांव
के
लोग
बताते
हैं
कि
ये
लोग
अक्सर
खास
कैंडिडेट
के
लिए
वोट
भी
मांगते
हैं।
इस
क्षेत्र
मे
कांग्रेस
के
अलावा
किसी
पार्टी
के
कार्यकर्ताओं
को
प्रचार
की
अनुमति
ये
विद्रोही
नहीं
देते
हैं।
कैंप
के
कैडर
कहते
हैं
कि
वो
वोट
देते
हुए
कई
बातों
का
ख्याल
करते
हैं।
आपको
बता
दें
कि
देश
के
चार
दूसरे
राज्यों
के
साथ
मणिपुर
में
भी
इस
समय
चुनाव
हो
रहे
हैं।
चार
मार्च
को
प्रदेश
में
पहले
चरण
के
लिए
वोट
डाले
गए,
जबकि
दूसरे
चरण
के
लिए
आठ
मार्च
को
वोट
डाले
जाएंगे।
मणिपुर
में
पहले
चरण
में
86
फीसदी
वोट
पड़े।
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