राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भाजपा सांसद के साथ हुई बदसलूकी के लिए पुलिस प्रशासन की आलोचना की
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भाजपा सांसद के साथ हुई बदसलूकी के लिए पुलिस प्रशासन की आलोचना की
कोलकाता।पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीपी धनखड़ ने एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी की सरकार पर हमलावर हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद सेना के शहीद जवान सुबोध घोष के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने गए तो उनके साथ पुलिस और प्रशासन ने उचित व्यवहार नहीं किया जो उनके कर्तव्य की घोर उपेक्षा है। इसके साथ ही पुलिस के आलाअधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भाजपा सांसद के आरोप के बाद राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है कि रविवार को नादिया में पाकिस्तानी गोलाबारी में मारे गएपुलिस ने उन्हें 20 मिनट के लिए रोक दिया जब वह सेना के एक शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। राज्यपाल धनगढ़ ने ममता बनर्जी और राज्य पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया कि पुलिस की 'राजनीतिक तटस्थता' स्वाहा हो गई है। नदिया के पलासी श्मशान घाट पर शहीद सुबोध घोष के अंतिम संस्कार में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सांसद जगन्नाथ सरकार से जिस तरह का बर्ताव किया गया है वह पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी द्वारा कर्तव्य की घोर उपेक्षा है।
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि "जब मैं शहीद सुबोध घोष के अंतिम संस्कार में शामिल होने गया, तो पुलिस अधिकारियों ने मुझे पहले 20 मिनट के लिए प्रवेश से रोक दिया। वहां जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक सभी उपस्थित थे लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं कहा। यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा भी आईं थी उन्हें तुरंत अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई। "
बता दें भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (नियंत्रण रेखा) पर तैनात 24 वर्षीय घोष शुक्रवार को पाकिस्तान की सेना द्वारा किए गए युद्धविराम उल्लंघन के दौरान मारे गए पांच सैनिकों में शामिल थे। उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर तेहट्टा में नादिया लाया गया जहां रविवार को अंतिम संस्कार किया गया।"
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में जगदीप धनखड़ के जुलाई 2019 में राज्यपाल का पदभार संभाला उसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस सरकार से टकराव चल रह है। राजभवन और सरकार के बीच तीखे रिश्ते टीएमसी के साथ कुछ समय से सुर्खियां बनते रहे हैं। प्रदेश सकरार ने ये भी आरोप लगाया है कि राज्यपाल धनखड़ अपनी अधिकारिक सीमा को पार करके सरकार के दिन-प्रतिदिन के मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।