नहीं सुधर रहा चीन, अब PLA ने सिक्किम के पास बनाए कैम्प, सैटेलाइट इमेज से खुलासा
नई दिल्ली। लद्दाख में भारत के तनकर खड़े होने के बाद चीन पीछे हटने को मजबूर हुआ लेकिन उसकी हरकतें अभी भी नहीं सुधर रही हैं। अब ताजा रिपोर्टों के मुताबिक सिक्किम में नाकुला सीमा के पास चीन की गतिविधि बढ़ रही है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज के हवाले से दावा किया है कि इस क्षेत्र में चीनी बलों ने सड़कों और नई पोस्ट का निर्माण किया है।
नाकुला के पास पीएलए ने बनाए कैंप
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में टकराव के बाद अब पीपल्स लिपरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियां नाकुला में बढ़ गई हैं। डोकलाम और नाकुला फ्लैशप्वाइंट रहे हैं जहां हाल के दिनों में गतिरोध के बाद भारतीय और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। भारत-भूटान और चीन के बीच में ट्राइजंक्शन के रूप में मौजूद डोकलाम पठार में 2017 में भारत और चीन आमने-सामने आ गए थे। भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में चीन ने अपनी गतिविधि बढ़ाते हुए निर्माण शुरू किया था जिसका भारत ने विरोध कर दिया है। इस साल की शुरुआत में जनवरी में नाकुला के पास दो सैनिकों के बीच मामूली झड़प हो गई थी।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक सेटलाइट इमेज में नाकुला बॉर्डर के पार चीनी पोस्ट पर बढ़ी गतिविधि साफ नजर आती रही है। रिपोर्ट में 12 मार्च की सुबह में सिंथेटिक-एपर्चर रडार (SAR) द्वारा ली गई गई हाई रिजॉल्यूशन की तस्वीरों के अध्ययन का हवाला दिया गया है। अंतरिक्ष कंपनी कैपेला स्पेस के उपग्रह की ये तस्वीरें पीएलए के सैन्य वाहनों, नए कैम्प और अतिरिक्त संरचनाओं की उपस्थिति की पुष्टि करती हैं।
पिछले साल शुरू किया गया था निर्माण
इसके साथ एक दूसरे उपग्रह से पिछले साल सितम्बर में ली गई तस्वीरों में पीएलए की नई बनी पोस्ट नजर आ रही है।
जहां पिछले साल सितम्बर में ली गई तस्वीरों में खुदी हुई जमीन के साथ हल्की इंसानी उपस्थिति नजर आ रही है जो शुरुआती निर्माण की पुष्टि करती है वहीं इस महीने की शुरुआत में ली गई सैटेलाइट इमेज में कई वाहन और नए कैम्प की संरचना नजर आ रही है।
इसके साथ ही सितम्बर में चौड़ी सड़कों पर अब निर्माण नजर आ रहा है। बहुत संभावना है कि इन सड़कों पर डामरीकरण का काम कर दिया गया हो।
भारत तैनात करने जा रहा राफेल विमान
नाकुला के उत्तर-पूर्व में एक और पीएलए पोस्ट में गतिविधियों के बारे में पहली बार पिछली साल अमेरिका स्थित जियोस्पेशयल एनालिटिक्स कंपनी हॉकआई 360 ने जानकारी दी थी। हॉकआई 360 में इनसाइट्स के निदेशक क्रिस बिगर्स ने पिछले साल इस साइट पर पीएलए की तोपों को देखे जाने की पुष्टि की थी।
इस बीच भारतीय वायु सेना अगले कुछ हफ्तों में उत्तरी बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान के अपने दूसरे स्क्वाड्रन को तैनात करने जा रही है। अगले हफ्ते ही भारत को 3 राफेल विमान की अगली खेप मिलने वाली है। इसके साथ ही अगले महीने 9 और राफेल पहुंचने वाले हैं।