वादियों में पारा शून्य से नीचे लुढ़का, चुनाव बनी समस्या
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की वादियां इस समय कड़ाके की ठंड़ की मार झेल रही है। ऐसे में यहां होने वाले चुनाव में मतदाताओं का वोट डालने के लिए बाहर निकलना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। कश्मीर के कई इलाकों में हड्डिया गला देने वाली सर्दी पड़ने लगी है। श्रीनगर के साथ कुछ इलाकों में पारा पानी को जमा देने वाले तापमान से भी नीचे जा चुका है।
हाल ही में आयी बाढ़ के बाद पुनर्वास के लिए जूझ रहे लोगों के लिए यह हाड़ तोड़ सर्दी बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है। लेह और लद्दाख सबसे ठंड़े इलाके हैं जहां पारा -10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका है। हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग की थी जिसे आयोग ने मानने से इनकार कर दिया था।
मौसम विभाग के अनुसार श्रीनगर को सबसे ज्यादा इस कपकपाती ठंड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यहां रात का पारा 0.3 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। वहीं कारगिल तीसरा सबसे ठंड़ा स्थान है जहां का पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। वहीं बीती रात शहर का पारा जीरो डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका है।
वहीं श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे के गेटवे काजीगुंड का पारा 1.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं पूर्वी कश्मीर में कुपवाड़ा शहर का भी तापमान 1.2 डिग्री दर्ज किया गया है। सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र माने जाने वाले गुलमर्थ रिजॉर्ट के स्कीइंग का पारा भी .2 डिग्री तक पहुंच गया है। यहां के लोगों की मानें तो इस इलाके में महीने की शुरुआत में काफी जबरदस्त बर्फबारी भी हुई है।
पिछले महीने आयी भीषण बाढ़ के बाद हुई तबाही के बाद लोग यहां टिन के शेल्टर हाउस में रहने को मजबूर हैं। काफी परिवार आज भी जिंदगी के बसर को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। जबकि कई परिवार अपने रिश्तेदारों, किराये के मकान, सरकारी इमारतों में पनाह लिए हुए हैं। वहीं मौसम विभाग ने आने वाले समय में पारे के और गिरने की बात कही है। हालांकि रात की अपेक्षा दिन का पारा ज्यादा है।