Love Jihad: क्या 'लव-जिहाद', क्यों मचा है इस पर बवाल, किसने किया इसे इजाद?
नई दिल्ली। लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि केरल की हादिया मामले में जांच की जरूरत नहीं है। साथ ही कोर्ट ने हादिया के पिता को अपनी बेटी को 27 नवंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मुस्लिम युवक की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें युवक ने केरल हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे केरल हाई कोर्ट ने युवक की शादी को रद्द करते हुए मामले की जांच एनआईए को दी थी। कोर्ट ने इस मामले को लव जिहाद मानते हुए इस विवाह को रद्द कर दिया था। ये तो केस का मसला है लेकिन 'लव-जिहाद' का नाम लेते ही हमारी आंखों के सामने हिंदू-मुस्लिम का मजहबी झगड़ा सामने आ जाता है, जिस पर जमकर राजनैतिक पार्टियां बवाल मचाती हैं। आखिर इस शब्द का प्रयोग होता क्यों हैं और क्या ये सच में जबरन धर्म-परिवर्तन का मसला है, इस बारे में विस्तार से समझने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना काफी जरूरी है।
आइए इस संवेजनशील मुद्दे को विस्तार से समझते हैं...
जबरन धर्म-परिवर्तन का मामला
आम तौर पर समझा जाता है कि अगर कोई इस्लामिक लड़का किसी गैर इस्लामिक लड़की से प्यार करके शादी करता है और उसका धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 'लव-जिहाद' कहते हैं। हालांकि इस मुद्दे पर बवाल इसलिए मचा है कि क्योंकि बीते कुछ वक्त से ऐसे मसले सामने आए जिसमें हिंदू लड़की को झूठ बोलकर इश्क में फंसाया गया और शादी के बाद इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया गया।
युरोपीय देशों में कई सालों से इस पर विवाद जारी
भारत वाले तो चंद सालों से इस शब्द को जान रहे हैं, जबकि इंग्लैंड समेत कुछ युरोपीय देशों में कई सालों से इस पर विवाद जारी है और यही कारण है कि इस पूरे मुद्दे ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और ऐसे कई मामले दर्ज हुए है जिसमे लड़की ने यह आरोप लगाया हो कि उसे बहला फुसलाकर एक इमोशनल अप्रोच के जरिये इस्लाम कबूल करवाने के लिए विवश किया गया, कहीं- कही कुछ महिलाओं पर बल भी प्रयोग हुआ है।
केरल और मैंगलोर में 'लव-जिहाद' को सुना गया
भारत में पहली बार केरल और मैंगलोर में 'लव-जिहाद' को सुना गया। साल 2009 में केरल में ऐसे केस सामने आए जब हिन्दू , सिख और दूसरी कई धर्मों की संस्थाओं ने इस बारे में कई तरह के आरोप लगाये और कहा गया कि कुछ मुस्लिम संगठन इसे सोची समझी रणनीति के तहत दूसरे धर्मो की युवतियों को निशाना बना रहे है ताकि वो इस्लाम का प्रभाव बढ़ा सकें।
केरल के इस्लामीकरण की साजिश
जिसे कई मुस्लिम संगठनों ने सिरे से नकारते हुए कहा था कि वो ऐसी किसी भी गतिविधि को सपोर्ट नहीं करते है लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति तब हुई जब केरल के तत्कालीन माक्र्सवादी मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि समूचे केरल के इस्लामीकरण की साजिश चल रही है। वहां सुनियोजित तरीके से हिन्दू लड़कियों के साथ मुस्लिम लड़कों के निकाह करने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है।
इस्लाम कबूल करवाने की साजिश
टाइम्स ऑफ इंडिया की 26 जुलाई 2010 को प्रकाशित एक खबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्यूतानंदन ने कहा था कि पॉपूलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट जैसे संगठन दूसरे धर्मों की लड़कियों को फुसलाकर उनसे शादी कर इस्लाम कबूल करवाने की साजिश रच रह हैं। 20 सालों में केरल का इस्लामीकरण करने का प्लान बना रहे हैं। वो तालीबान के अंदाज में कॉलेजों में हमला कर सकता है।
चर्च और विश्व हिंदू परिषद साथ-साथ
दूसरे धर्मों की लड़कियों से शादी करके लव जिहाद के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ सकता है। ये भी जानकारियां तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दी थी कि बकायदा पैसे देकर लोगों को इस्लाम कबूल करवाया जा रहा है। ये भी पहला मौका था जब केरल में चर्च और विश्व हिंदू परिषद साथ में आए थे क्योंकि मुस्लिम आबादी बढ़ाने का ये मकसद हर धर्म के लोगों के धर्म परिवर्तन के जरिए पूरा किया जा रहा था।
'लव जिहाद' या 'रोमियो जिहाद'
ये मुद्दा साल 2014 में उत्तर प्रदेश में भी जमकर गर्माया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई ऐसे मामले सामने आने लगे कि जहां जबरन हिंदू लड़की को शादी के बाद इस्लाम को कबूल करवाने के लिए मजबूर किया गया। ये भी आरोप कई संगठनों की तरफ से लगाए गए कि हाथ में कलावा और सिर पर तिलक लगाकर लव जिहादी दूसरे धर्म का होने का छलावा करते हैं। इन्हें बाइक और पैसा दिया जाता है ताकि ये लड़कियों को अपने जाल में फंसा सके। इसलिए 'लव जिहाद' को 'रोमियो जिहाद' भी नाम दिया गया है।
हादिया मामले में NIA जांच की जरूरत नहीं, पिता बेटी को 27 नवंबर को पेश करें- सुप्रीम कोर्ट