क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अपने गम को नजरअंदाज करके दिया एयरफोर्स के अहम मिशन को अंजाम

Google Oneindia News

नासिक। पिछली 25 जून को एडवांस फाइटर जेट सुखोई और सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस जब साथ आए तो देश के नाम एक और इतिहास दर्ज हो गया। जिस समय इंडियन एयरफोर्स एक और गौरव को अपने नाम कर रही थी उस समय विंग कमांडर प्रशांत नायर ने सुखोई का जिम्मा लिया था और वह बतौर पायलट इस मिशन को अंजाम दे रहे थे।

iaf-sukhoi-wing-cdr-prashtanth

यादगार पल

मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद प्रशांत ने अपने इस नए मुकाम का श्रेय अपनी पत्नी को दिया और इस नई उपलब्धि को अपनी पत्नी को ही समर्पित कर दिया। अगर आप इसे एक साधारण बात मान रहे हैं तो आपको बता दें कि प्रशांत की पत्नी अक्टूबर 2014 में कैंसर की वजह से उन्हें छोड़कर जा चुकी हैं।

<strong>पढ़ें-जानिए ब्रह्मोस, सुखोई और इंडियन एयरफोर्स एक और रिकॉर्ड</strong>पढ़ें-जानिए ब्रह्मोस, सुखोई और इंडियन एयरफोर्स एक और रिकॉर्ड

मिशन के बाद याद आई पत्नी की

विंग कमांडर प्रशांत और डॉक्‍टर रेखा की शादी नौ वर्ष पहले हुई थी और उनकी एक बेटी प्रशांति है जिसकी उम्र अभी सात वर्ष है।

विंग कमांडर प्रशांत ने इस पल के बाद कहा, 'अगर आज डॉक्‍टर रेखा जिंदा होती तो वह मुझे इस मुकाम पर देखकर काफी खुश होती। यह मेरे लिए एक खास दिन है और इसलिए ही मैं आज इस रिकॉर्ड को उसे समर्पित करता हूं।'

<strong>पढ़ें-एक जुलाई को तैयार हो जाएंगे तेजस के फ्लाइंग डैगर्स</strong>पढ़ें-एक जुलाई को तैयार हो जाएंगे तेजस के फ्लाइंग डैगर्स

बेंगलुरु में है पोस्टेड

विंग कमांडर प्रशांत और उनके को-पायलट विंग कमांडर एमएस राजू ने 25 जून को हुए कारनामे में एक अहम भूमिका अदा की थी।

दोनों ही टेस्ट पायलट्स एयरक्राफ्ट्स एंड सिस्टम्‍स टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट्स (एएसटीई) बेंगलुरु में पोस्‍टेड हैं। विंग कमांडर प्रशांत जब अपने मिशन की तैयारियों में बिजी थे तो उनके दिल में अपने साथी के ना होने का भी गम था।

<strong>पढ़ें-देश में बने देसी ट्रेनर जेट एचटीटी-40 की सफल उड़ान</strong>पढ़ें-देश में बने देसी ट्रेनर जेट एचटीटी-40 की सफल उड़ान

देश के बाकी पायलट्स भी हों ऐसे

अपने गम को नजरअंदाज करते हुए भी उन्होंने अपने काम को मंजिल पर पहुंचाकर ही दम लिया। उनके पारिवारिक मित्र राजेश कुमार आर की मानें तो कुछ न्यूजपेपर्स के जरिए ही उनके मिशन कर पता चला था। कुमार के मुताबिक वह प्रशांत काफी साहसी हैं और देश के पायलट्स को उनकी ही तरह बनना चाहिए।

<strong>पढ़ें-पृथ्‍वी के बाद ब्रह्मोस, आईएएफ के हिस्‍से एक और सफलता</strong>पढ़ें-पृथ्‍वी के बाद ब्रह्मोस, आईएएफ के हिस्‍से एक और सफलता

हमेशा से था पायलट बनने का सपना

प्रंशात एक मीडिल क्लास परिवार से आते हैं। उनके पिता नारायण नाय एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे और मां पद्मजा एक ग्रहणी थीं। उनके छोटे भाई वकील हैं।

वह बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे और जो लोग उनके बचपन से उनके साथ है, वे जानते हैं कि प्रशांत ने अपने सपने को पूरा करने के लिए जी-जान लगा दिया था।

Comments
English summary
Wg Cdr Prashanth successfully carried out the first flight of fighter Sukhoi fitted with supersonic cruise missile BrahMos. He dedicated his achievement to his wife who dies because of cancer.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X