Foods in Winter: सर्दियों में रहना है स्वस्थ, तो करें बथुआ और मेथी का भरपूर सेवन
सर्दियों का मौसम कई प्रकार के रोगों का कारण बन सकता है। ऐसे में बथुआ और मेथी आपकी सेहत के लिये जड़ी-बूटी का काम करते हैं।
Foods in Winter: सर्दियों में खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और योग के साथ-साथ अगर हम अपने खानपान पर भी ध्यान दें तो बहुत हद तक स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है। सर्दियों में वैसे तो भोजन की बहुत वैरायटी मिल जाती है जैसे सरसों का साग, गाजर, मशरूम, मूली, शलजम लेकिन इसमें बथुआ और मेथी का कोई जवाब नहीं हैं। आप इन्हें अपने भोजन की थाली में हरदिन शामिल करते हैं तो सर्दियों में कोई भी बीमारी आपके आसपास नहीं रहेगी।
बथुआ में है औषधीय गुणों की भरमार
बथुआ एक वनस्पति है, जो सर्दियों में ही उगायी जाती है। अधिकतर किसानों के खेतों में बिना बीज डाले (खरपतवार की तरह) यह स्वतः उग जाती है। इसकी तासीर ठंडी होती है लेकिन बथुआ की पत्तियों में विटामिन-A भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और जिंक जैसे मिनरल्स भी बथुआ में पाये जाते हैं।
बथुआ एक नहीं बल्कि कई रोगों का उपचार है
बथुआ दिल के रोग करता है कम - विशेषज्ञों के अनुसार बथुआ का जूस हृदय के लिये बहुत लाभदायक माना गया है। हृदय संबंधी रोगों को कम करने के लिए सर्दियों में रोजाना संतुलित मात्रा में बथुआ का जूस पीना फायदेमंद है। यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है।
गुर्दे की पथरी में फायदेमंद है बथुआ - डॉक्टरों के अनुसार बथुआ के जूस में शक्कर मिलाकर पीने से गुर्दे की पथरी की समस्या को दूर करने में बहुत फायदा मिलता है। इसके कुछ दिनों तक संतुलित सेवन से गुर्दों की पथरी मूत्र के साथ निकल जाती है।
स्त्रियों के मासिक धर्म में लाभदायक - अगर किसी स्त्री को मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं आ रहा है अथवा रूक-रूक कर आ रहा है तो बथुआ का जूस उसके निवारण में बहुत लाभकारी होता है। इसके साथ-साथ बथुआ का साग भी इसमें गुणकारी होता है।
मूत्र संबंधी समस्याओं में राहत देता है बथुआ - सर्दी के मौसम में अक्सर पानी का सेवन कम करने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिससे मूत्र संबंधी समस्याएं जैसे मूत्र के समय जलन और दर्द आदि हो सकता है। इस प्रकार की समस्याओं के निवारण के लिए बथुआ के जूस में नमक, जीरा और नींबू मिलाकर उबाल लें। इसका सेवन करने से मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
बथुआ होता है शुक्राणुवर्धक - इसमें उपस्थित जिंक शुक्राणुवर्धक होता है, अर्थात बथुआ का जूस, साग या रायता के नियमित सेवन से व्यक्ति में शुक्राणु संबंधित बीमारियां दूर होती हैं।
बथुआ करता है कब्ज दूर - यह कब्ज निरोधक होता है। बथुआ का साग व जूस पाचन तंत्र को ठीक रखता है और कब्ज नहीं होने देता और पेट के कीड़ों की समस्या को भी दूर करता है। बथुआ के जूस में नीम की 2-3 पत्तियां मिलाकर पीने से खून साफ होता है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
मेथी भी है औषधीय गुणों से भरपूर
मेथी को दो तरह से प्रयोग में लाया जाता हैं - एक हरी मेथी, इसका अधिकतर उपयोग सरसों के साथ साग में होता है। साथ ही साथ पराठे, भाजी, रायता में भी इसका उपयोग होता है। मेथी की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में भोजन के रूप में इसका खूब प्रयोग होता है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, नियासिन, फाइबर, प्रोटीन, आयरन, विटामिन-। और विटामिन- B जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते है।
इसके अलावा सूखी मेथी (यानि मेथी के बीज) का प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधी रूप में भी होता है। इसमें भी विटामिन और मिनरल्स खूब होते हैं। मेथी के लडडू सर्दियों में बहुत खाये जाते है।
मेथी भी रखती है आपको डॉक्टर से दूर
मधुमेह/शुगर (डायबिटीज) रोगी के लिए रामबाण - हरी मेथी के पत्तों का रस निकालकर नियमित पीने से बढ़ी हुई डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। अंकुरित मेथी में भीगी हुई मेथी की तुलना में 30-40 प्रतिशत अधिक पोषक गुण होते हैं।
मेथी से होगा पाचन तंत्र मजबूत - भीगी हुई मेथी का सेवन पाचनतंत्र को ठीक करता है। इसमें मौजूद एंजाइम पाचन तंत्र व अग्नाशय को अधिक क्रियाशील बनाता है।
मेथी के सेवन से नहीं होता जोड़ों में दर्द - मेथी जोड़ों के दर्द की परेशानी से भी मुक्ति दिलाने की एक दवा है। मेथी में उपस्थित प्रोटीन हड्डियों को मजबूती देता है और फाइबर, त्वचा के रूखेपन को भी दूर करता है।
यह भी पढ़ें: प्रोटीन से भरपूर फसल "गडमल" बैतूल से अब पूरी दुनिया को मिलने की तैयारी में, जानिए इसकी खासियत